रायसेन। मध्य प्रदेश पुलिस में आरक्षक पद पर तैनात दिनेश दिवाकर अपनी भाग दौड़ भरी जिंदगी से वक्त निकालकर पुलिस द्वारा चलाए जा रहे ताइक्वांडो प्रशिक्षण में छोटे-छोटे बच्चों को आत्मरक्षा के गुर सिखाते हैं. जिले में कार्यरत दिनेश दिवाकर पिछले 4 सालों से हर रोज शाम 4 बजे बच्चों को प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं और वह इस प्रशिक्षण की कोई फीस भी नहीं लेते हैं.
- 120 छात्र-छात्राएं सीख रहे आत्मरक्षा के गुर
प्रदेश में लगातार बढ़ रहे महिला अपराधों के मद्देनजर दिवाकर ने छोटे-छोटे बच्चों और इच्छुक महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देना शुरू किया था, जिससे कि वह अपनी रक्षा खुद कर सके. वहीं, वर्तमान में दिवाकर के प्रशिक्षण केंद्र में लगभग 120 से अधिक छात्र-छात्राएं आत्मरक्षा का प्रशिक्षण ले रहे हैं. दिवाकर बताते हैं कि आज के परिवेश में महिलाओं के लिए आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक हो गया है और इससे छात्राओं में आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है, साथ ही वह शारीरिक रूप से भी मजबूत होती हैं.
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- छात्र-छात्राओं ने जीता राष्ट्रीय मेडल
दिवाकर इस प्रशिक्षण केंद्र में 3 साल और उससे अधिक उम्र के इच्छुक बच्चों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दे रहे हैं. साथ ही दिवाकर से प्रशिक्षण प्राप्त कर जिले के कई छात्र-छात्राएं ताइक्वांडो की राष्ट्रीय प्रतियोगिता में भी मेडल जीत चुके हैं. कई छात्राएं जो शारीरिक रूप से कमजोर थी हैं, वह ताइक्वांडो की ट्रेनिंग के बाद मजबूत और आत्मविश्वास से भर गई हैं.
- शहर में हर जगह दिवाकर की प्रशंसा
दिवाकर के इस प्रयास की प्रशंसा अब शहर में हर जगह सुनने को मिलती है. प्रशिक्षण ले रहे छात्र-छात्राओं के माता पिता भी दिवाकर के इस प्रयास की प्रशंसा करते नहीं थकते हैं. वहीं, पुलिस विभाग द्वारा प्रशिक्षण के लिए जगह और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है.