रायसेन। यह सुनकर भरोसा नहीं होता कि कोई गांव ऐसा भी हो सकता है, जहां आजादी के 75 साल गुजर जाने के बाद भी मूलभूत सुविधा तो दूर 100 लोगों का परिवार एक जगह रहता है. वहां पर आम रास्ता तक नहीं है. पड़ोसियों को खेत में से निकलने को मजबूर हैं. हम बात कर रहे हैं सांची विकासखंड के ग्राम सरार में एक ही परिवार के लगभग 100 लोग के निकलने के लिए आम रास्ता नहीं है जो पुराना रास्ता था. वो कहीं ना कहीं आसपास के किसानों द्वारा अतिक्रमण कर बंद कर दिया गया है. जिससे उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री जिला प्रशासन एवं तहसील में भी आवेदन दे चुके हैं. मगर कोई निराकरण नहीं हुआ, ऐसे में सरार गांव के मालवीय परिवार के लोगों ने आने वाले चुनाव में मतदान नहीं करने का मन बना लिया है.
रास्ता नहीं, एक ही परिवार के 100 लोग परेशान: रायसेन के सांची विकासखंड के ग्राम सरार में मालवीय समाज के एक ही परिवार के लगभग 100 लोग एक जगह पर वर्षों से रहते हैं. लोगों ने बताया कि लगभग 60 साल से यहां अपने खेतों पर मकान बनाकर रह रहे हैं. मगर हमारा निकलने का आम रास्ता था. उस पर अतिक्रमण है. ऐसे में अब खेतों में से निकलते हैं जो बरसात के वक्त बड़ी समस्या होती है. खेतों में फसल होने के कारण ट्रैक्टर-ट्रॉली भी नहीं निकाल पाते हैं और जिसके खेत में से निकलते हैं उनसे भी विवाद की स्थिति बनती है.
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एमपी चुनाव में नहीं देंगे वोट: आम रास्ते का सीमांकन कराकर रास्ता खुलवाने को लेकर स्थानीय विधायक एवं प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी से लेकर कलेक्टर अरविंद दुबे और नायब तहसीलदार को भी आवेदन दे चुके हैं. मगर अभी तक कोई निराकरण नहीं हुआ. जिससे इस परिवार के लोगों में काफी रोष है. इन परिवार के लोगों ने आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का भी मन बना लिया है. इन लोगों का कहना है कि हमारे बच्चे भी स्कूल जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. बरसात में खेतों में से निकलने में बच्चों के कपड़े गंदे हो जाते हैं और टाइम पर भी स्कूल नहीं पहुंच पाते हैं. ऐसे में हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई तो हम आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान नहीं करेंगे.