रायसेन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कुछ माह पूर्व देश की महत्वपूर्ण बहुउद्देशीय केन-बेतवा लिंक परियोजना का शुभारंभ किया गया था. इसके क्रियान्वयन के लिए करोड़ों रुपए की राशि भी स्वीकृत की गई है. इस बहुउद्देशीय परियोजना से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश की लाखों हेक्टेयर भूमि को सिंचित किया जाना है. वहीं, बेतवा से लगे हुए कई ग्रामीण क्षेत्रों की प्यास भी इस परियोजना से बुझेगी. लेकिन अब यह योजना प्रदूषण की शिकार होती नजर आ रही है.
दूषित कचरे से ग्रामीण परेशान : मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के शहरी क्षेत्रों से निकलने वाला प्रदूषित कचरा भोपाल के डंपिंग ग्राउंड में से बेस्ट सेग्रीगेशन के लिए भेजा जाता है पर अब यह कचरा भोपाल जिले की सीमा को पार करता हुआ रायसेन की सीमा में डाला जा रहा है. रायसेन व भोपाल जिले की सीमा के मध्य बसे ग्राम पंचायत सेहतगंज, विलरखो और टेडिया पुल के सामने खेत में दूषित कचरे को डंपर और जेसीबी के माध्यम से डाला जा रहा है. इस स्थान पर इस दूषित कचरे को भोपाल से लाकर डाला जा रहा है. इस स्थान से महज चंद मीटर की दूरी पर ही बेतवा नदी में बारिश के समय पानी पहुंचाने वाला सहायक नाला लगा हुआ है.
बारिश में नाला मिलता है बेतवा में : कुछ माह बाद ही प्रदेश में बारिश का मौसम प्रारंभ होगा. बारिश के समय यह दूषित कचरा नाले के माध्यम से बहता हुआ बेतवा नदी में जा मिलेगा. बेतवा नदी से पानी लेकर प्रदेश के लाखों लोग और दर्जनों शहर अपनी प्यास बुझाते हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिस महत्वकांक्षी योजना को किसानों के साथ प्रदेश की उन्नति के लिए शुरू किया है, वह अब वह शायद प्रदूषण की शिकार होने वाली है. बड़ा सवाल यह है कि जब इस कचरे को डंपिंग ग्राउंड में डाला जाना था तो यह कचरा भोपाल जिले की सीमा को पार करता हुआ रायसेन जिले की सीमा में क्यों डाला जा रहा है.
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अधिकारी बोले- मौके पर जाकर जांच करेंगे : इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि कुछ अज्ञात लोग इस प्रदूषित कचरे को इस क्षेत्र में डाल रहे हैं, जिससे प्रदूषण तो बढ़ ही रहा है, कचरे से निकलने वाली दुर्गंध ने भी उन्हें परेशान कर रखा है. यह कचरा बारिश के समय बहकर नाले के माध्यम से बेतवा नदी में भी जा मिलेगा, जोकि नदी में प्रदूषण को बढ़ाएगा. इस संबंध में बात करने पर सूचना अनुभाग अधिकारी राजस्व लक्ष्मीकांत खरे ने मौके की जांच करने की बात कही है. (Polluted waste of Bhopal) (threat to Ken Betwa project)