सांची। सीमेंटेड बाउंड्री से घिरे मिट्टी के चबूतरे पर पसरी नन्हीं घास की चादर को नज़रअंदाज कर बीचों-बीच शान से लहरा रहे इस पेड़ के इतराने की वजह केवल इसका ऊंचा कद ही नहीं है, बल्कि वो सुविधाएं हैं जो इंसानों को भी नसीब नहीं होती.
इन सुविधाओं की नुमाइश देखनी है तो पेड़ को साधने वाले इस चबूतरे के चारों ओर खड़े इस लोहे के जाल और इस जाल के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी को देखिए. इस पेड़ की सुरक्षा में हर साल करीब 12 से 15 लाख का खर्चा आता है. इसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं. पेड़ को पानी देने के लिये विशेष तौर पर स्थानीय प्रशासन का टैंकर आता है. पेड़ किसी तरह की बीमारी का शिकार न हो जाए इसके लिए वक्त-वक्त पर कृषि अधिकारी भी यहां का दौरा करते रहते हैं.
मध्यप्रदेश में है देश का सबसे VVIP पेड़, मेडिकल चेकअप के साथ होता है सुरक्षा पर लाखों खर्च
मध्यप्रदेश के सांची में है VVIP पेड़. श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे ने रोपित किया था यह पेड़. ये पेड़ देश के सबसे वीआईपी पेड़ों में शुमार है.
सांची। सीमेंटेड बाउंड्री से घिरे मिट्टी के चबूतरे पर पसरी नन्हीं घास की चादर को नज़रअंदाज कर बीचों-बीच शान से लहरा रहे इस पेड़ के इतराने की वजह केवल इसका ऊंचा कद ही नहीं है, बल्कि वो सुविधाएं हैं जो इंसानों को भी नसीब नहीं होती.
इन सुविधाओं की नुमाइश देखनी है तो पेड़ को साधने वाले इस चबूतरे के चारों ओर खड़े इस लोहे के जाल और इस जाल के बाहर खड़े सुरक्षाकर्मी को देखिए. इस पेड़ की सुरक्षा में हर साल करीब 12 से 15 लाख का खर्चा आता है. इसकी सुरक्षा में 24 घंटे गार्ड तैनात रहते हैं. पेड़ को पानी देने के लिये विशेष तौर पर स्थानीय प्रशासन का टैंकर आता है. पेड़ किसी तरह की बीमारी का शिकार न हो जाए इसके लिए वक्त-वक्त पर कृषि अधिकारी भी यहां का दौरा करते रहते हैं.