रायसेन। जिले के सलामतपुर और देवनगर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केंद्र का शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर प्रभुराम चौधरी द्वारा किया गया. प्रथम चरण में जिले सहित सीहोर, विदिशा और राजगढ़ के 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा प्रारंभ की जा रही है.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केंद्रों के माध्यम से मरीजों को एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज के लिए परामर्श प्राप्त हो सकेगा. ग्रामीण क्षेत्रों के लोग एम्स नहीं जा सकते है, तो ऐसे में वह ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केंद्र में आकर इलाज करा सकेंगे. इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रशिक्षित चिकित्सक मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे.
शुभारंभ अवसर पर उन्होंने ई-संजीवनी सॉफ्टवेयर के माध्यम से एम्स के डॉक्टर गिरीश भट्ट, डॉक्टर अजय हलधर और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पुष्पलता से इलाज के संबंध में चर्चा की.
ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केंद्रों से मिलेगी 63 प्रकार की दवाएं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जो ट्रीटमेंट दिया जाएगा, उसका पर्चा ई-संजीवनी सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध होगा. विशेषज्ञ चिकित्सक के परामर्श अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से दवाएं दी जाएगी. ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन केंद्रों में 63 प्रकार की दवाएं उपलब्ध होगी. इसके साथ ही हीमोग्लोबिन, पैथालॉजी, ब्लड ग्रुपिंग, मलेरिया सहित 22 प्रकार की जांच के सैंपल एकत्रित कर भेजे जाएंगे. इसके अलावा निर्धारित अवधि में जांच रिपोर्ट प्राप्त होगी, जिसके बाद आवश्यकता अनुसार मरीज का इलाज किया जा सकेगा.
ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभी प्रथम चरण में रायसेन सहित प्रदेश के चार जिलों के 50 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को एम्स से जोड़ा गया है. आगे प्रदेश भर में यह सुविधा प्रारंभ की जाएगी. उन्होंने कहा कि अभी एम्स को हब बनाया गया है. इसके बाद आगामी दिनों में जिला चिकित्सालयों को भी हब बनाया जाएगा. उप स्वास्थ्य केंद्र को सीधे जिला चिकित्सालय से जोड़ा जाएगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और जिला चिकित्सालय में प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे. हालांकि प्रदेश में लोगों को बेहतर से बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर काम किया जा रहा है.
स्वास्थ्य सुविधाओं का किया जा रहा है विस्तार
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के नियंत्रण और बचाव के लिए प्रदेश सरकार निरंतर काम कर रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रतिदिन कोरोना की स्थिति की समीक्षा की जा रही है. प्रदेश में कोरोना टेस्ट की कैपेसिटी बढ़ाई जा रही है. एक दिन में 20 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं. जिलों में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. चिकित्सालयों में वेंटीलेटर सहित अन्य आवश्यक संसाधान उपलब्ध कराए जा रहे हैं. उन्होंने लोगों से कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सभी को जागरूक होना पड़ेगा. मास्क अनिवार्य रूप से लगाने सहित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
कमजोर वर्ग को राहत देने के लिए प्रारंभ की गई नवीन योजनाएं
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी के कठिन दौर में मुख्यमंत्री द्वारा कमजोर वर्ग के लोगों के लिए नवीन योजनाएं प्रारंभ की गई है. प्रदेश में प्रवासी श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इसके अलावा स्ट्रीट वेंडर योजना के माध्यम से ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में स्ट्रीट वेंडर्स को अपना व्यवसाय फिर से शुरू करने के लिए 10 हजार रुपए की कार्यशाली पूंजी ऋण के रूप में बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराई जा रही है, जिसका ब्याज प्रदेश सरकार द्वारा जमा किया जाएगा. जिले भर में अब तक 6 हजार 445 लोगों को स्ट्रीट वेंडर्स योजना का लाभ दिया जा चुका है. शेष लोगों को शीघ्र लाभान्वित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली के तहत पात्रता के मुताबिक लोगों को उचित मूल्य दुकान से खाद्यान्न उपलब्ध कराया जा रहा है.
9 स्वास्थ्य केंद्रों पर ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा प्रारंभ
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि इसके माध्यम से मरीजों को उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं निर्धारित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि अभी सलामतपुर सहित 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन सेवा प्रारंभ की जा रही है, जिनमें सलामतपुर, सुल्तानगंज, सुल्तानपुर, बरखेड़ा, दीवानगंज, देवनगर, देवरी, जैथारी और चिकलोद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं. इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक मोनिका शुक्ला, डिप्टी डायरेक्टर आशीष श्रीवास्तव, सीएमएचओ डॉक्टर दिनेश खत्री सहित एसडीएम एलके खरे उपस्थित रहे.