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पुल निर्माण बना मुसीबत का सबब, अधिकारियों ने मूंदी आंखें

स्टेट हाईवे- 44 पर शिवाजी नगर में एमपीआरडीसी पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते आवागमन के लिए नदी में गिट्टी, मिट्टी, मुरम बजरी आदि सामग्री डाल कर आवागमन के लिए डायवर्सन मार्ग बनाया गया है. मंगलवार को रेत से भरे ट्रक का एक्सल टूट जाने से पुल पर जाम लग गया.

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Published : Jul 1, 2020, 10:46 AM IST

रायसेन। सिलवानी के स्टेट हाईवे- 44 पर शिवाजी नगर में एमपीआरडीसी पुल का निर्माण कर रहा है, जो अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. बारिश के दौरान रास्त खराब होता जा रहा है, जिससे लोग परेशान हैं, कई बार प्रशासन का ध्यान निर्माणाधीन कामों को जल्द से जल्द पूरा कराने को लेकर दिलाया जा चुका है. लेकिन एमपीआरडीसी के अफसरों, और निर्माण एजेंसी की कथित सांठगांठ के चलते पुल का निर्माण कार्य तय समय सीमा पर नहीं हो पा रहा है.बारिश का मौसम शुरु हो गया है, जिसके बाद ये तय माना जा रहा है कि, पुल का निर्माण न होने से नगर दो हिस्सों में विभाजित हो जाएगा. पुल के निर्माण के लिए पुराने पुल का आधे से ज्यादा हिस्सा तोड़ा जा चुका है, जिसके कारण पुल के उपर से आवागमन भी पूरी तरह से ठप कर दिया गया है.लोगों के आवागमन के लिए पुल के बगल में बहने वाली बेगम नदी में गिट्टी, मिट्टी, मुरम बजरी आदि सामग्री डाल कर आवागमन के लिए डायवर्सन मार्ग बनाया गया है. जबकि बताया जा रहा है कि, एमपीआरडीसी के नियमों के मुताबिक पुल निर्माण एवं आवागमन के लिए बनाए गए डायवर्सन मार्ग पर डामरीकरण किया जाना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. वहीं इस मंगलवार को सुबह के करीब 10 बजे बनाए गए डायवर्सन कच्चे मार्ग पर ओवर लोड रेत से भरे ट्रक का एक्सल टूट गया, जिसके चलते ट्रक बीच रास्ते में खड़ा हो गया. बताया जा रहा है कि, कच्चे रास्ते में खड़े ट्रक के चलते बाकी वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जाम लगने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन देखने को मिली, ऐसा नहीं है कि, सिर्फ मंगलवार को जाम की स्थिति पैदा हुई, बल्की रोजाना यही हालात पैदा होते हैं. छोटे वाहन किसी तरह से निकल रहे हैं, वहीं बड़े वाहनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.एमपीआरडीसी के द्वारा निर्माण एजेंसी से कार्य कराया जा रहा है, लेकिन निर्माण एजेंसी कछुआ चाल से काम कर रही है. वहीं सड़क और पुल का निर्माण अलग अलग निर्माण एजेंसी कर रही है, लेकिन पुल निर्माण एजेंसी निर्माण काम में लगातार लापरवाही बरत रही है. घरों मे भरेगा पानीपुल से लग कर ही अनेक कच्चे पक्के मकान भी बने हुए हैं, चूंकि गिट्टी, बजरी, रेत, मिट्टी और पुलिया की पाइप डालकर कच्चा डायवर्सन मार्ग बनाया गया है. लेकिन बारिश के मौसम में नदी उफान पर होने से पानी डायवर्सन मार्ग से टकरा कर आस-पास बने मकानों में भर सकता है. जिसके चलते मकान मालिकों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता हैअफसरों ने नहीं की मॉनीटरिंगपुल निर्माण के दौरान एमपीआरडीसी के अफसरों ने सतत रुप से मॉनीटरिंग नहीं की, निर्माण एजेंसी के भरोसे पुल का निर्माण कार्य छोड़ दिया गया. जिसके चलते अभी तक सिर्फ 20 प्रतिशत ही पुल निर्माण का काम पूरा हुआ है. अफसरों और निर्माण एजेंसी के गठजोड़ का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.स्थानीय प्रशासन भी बना लापरवाहएमपीआरडीसी के वरिष्ठ अफसरों की तरह ही स्थानीय प्रशासन के अफसर भी निर्माण एजेंसी पर मेहरबान हैं. नगर के अफसरों ने भी पुल निर्माण के समय निरीक्षण करना मुनासिब नहीं समझा, जिसके फलस्वरुप निर्माण एजेंसी के कर्ताधर्ता अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं.बह जाएगा कच्चा रास्ता वैकल्पिक रुप से वर्तमान में बेगम नदी में आवागमन के लिए कच्चा रास्ता बना दिया गया है. इसी कच्चे रास्ते पर से छोटे-बड़े सभी वाहनों का आवागमन हो रहा है. वहीं पैदल राहगीर भी इसी कच्चे रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं. बारिश शुरु होते ही कच्चा रास्ता बह जाएगा, जिसके बाद लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसी रास्ते से इंदौर, भोपाल, रायसेन, गैरतगंज, बेगमगंज, विदिशा आदि नगरों के लिए यात्री बसों का संचालन भी होता है. साथ ही ट्रक, डंपर, दो पहिया, चार पहिया वाहन सहित अनेकों वाहन इसी मार्ग से रोजाना गुजरते हैं. स्टेट हाईवे होने के कारण दिनरात के समय सैंकड़ों की संख्या में लोडिंग अनलोडिंग वाहन पुल पर से जाते हैं. बावाजूद इसके इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है.

रायसेन। सिलवानी के स्टेट हाईवे- 44 पर शिवाजी नगर में एमपीआरडीसी पुल का निर्माण कर रहा है, जो अब लोगों के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है. बारिश के दौरान रास्त खराब होता जा रहा है, जिससे लोग परेशान हैं, कई बार प्रशासन का ध्यान निर्माणाधीन कामों को जल्द से जल्द पूरा कराने को लेकर दिलाया जा चुका है. लेकिन एमपीआरडीसी के अफसरों, और निर्माण एजेंसी की कथित सांठगांठ के चलते पुल का निर्माण कार्य तय समय सीमा पर नहीं हो पा रहा है.बारिश का मौसम शुरु हो गया है, जिसके बाद ये तय माना जा रहा है कि, पुल का निर्माण न होने से नगर दो हिस्सों में विभाजित हो जाएगा. पुल के निर्माण के लिए पुराने पुल का आधे से ज्यादा हिस्सा तोड़ा जा चुका है, जिसके कारण पुल के उपर से आवागमन भी पूरी तरह से ठप कर दिया गया है.लोगों के आवागमन के लिए पुल के बगल में बहने वाली बेगम नदी में गिट्टी, मिट्टी, मुरम बजरी आदि सामग्री डाल कर आवागमन के लिए डायवर्सन मार्ग बनाया गया है. जबकि बताया जा रहा है कि, एमपीआरडीसी के नियमों के मुताबिक पुल निर्माण एवं आवागमन के लिए बनाए गए डायवर्सन मार्ग पर डामरीकरण किया जाना चाहिए. लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है. वहीं इस मंगलवार को सुबह के करीब 10 बजे बनाए गए डायवर्सन कच्चे मार्ग पर ओवर लोड रेत से भरे ट्रक का एक्सल टूट गया, जिसके चलते ट्रक बीच रास्ते में खड़ा हो गया. बताया जा रहा है कि, कच्चे रास्ते में खड़े ट्रक के चलते बाकी वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. जाम लगने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी लाइन देखने को मिली, ऐसा नहीं है कि, सिर्फ मंगलवार को जाम की स्थिति पैदा हुई, बल्की रोजाना यही हालात पैदा होते हैं. छोटे वाहन किसी तरह से निकल रहे हैं, वहीं बड़े वाहनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.एमपीआरडीसी के द्वारा निर्माण एजेंसी से कार्य कराया जा रहा है, लेकिन निर्माण एजेंसी कछुआ चाल से काम कर रही है. वहीं सड़क और पुल का निर्माण अलग अलग निर्माण एजेंसी कर रही है, लेकिन पुल निर्माण एजेंसी निर्माण काम में लगातार लापरवाही बरत रही है. घरों मे भरेगा पानीपुल से लग कर ही अनेक कच्चे पक्के मकान भी बने हुए हैं, चूंकि गिट्टी, बजरी, रेत, मिट्टी और पुलिया की पाइप डालकर कच्चा डायवर्सन मार्ग बनाया गया है. लेकिन बारिश के मौसम में नदी उफान पर होने से पानी डायवर्सन मार्ग से टकरा कर आस-पास बने मकानों में भर सकता है. जिसके चलते मकान मालिकों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता हैअफसरों ने नहीं की मॉनीटरिंगपुल निर्माण के दौरान एमपीआरडीसी के अफसरों ने सतत रुप से मॉनीटरिंग नहीं की, निर्माण एजेंसी के भरोसे पुल का निर्माण कार्य छोड़ दिया गया. जिसके चलते अभी तक सिर्फ 20 प्रतिशत ही पुल निर्माण का काम पूरा हुआ है. अफसरों और निर्माण एजेंसी के गठजोड़ का खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है.स्थानीय प्रशासन भी बना लापरवाहएमपीआरडीसी के वरिष्ठ अफसरों की तरह ही स्थानीय प्रशासन के अफसर भी निर्माण एजेंसी पर मेहरबान हैं. नगर के अफसरों ने भी पुल निर्माण के समय निरीक्षण करना मुनासिब नहीं समझा, जिसके फलस्वरुप निर्माण एजेंसी के कर्ताधर्ता अपनी मनमानी करते नजर आ रहे हैं.बह जाएगा कच्चा रास्ता वैकल्पिक रुप से वर्तमान में बेगम नदी में आवागमन के लिए कच्चा रास्ता बना दिया गया है. इसी कच्चे रास्ते पर से छोटे-बड़े सभी वाहनों का आवागमन हो रहा है. वहीं पैदल राहगीर भी इसी कच्चे रास्ते का इस्तेमाल कर रहे हैं. बारिश शुरु होते ही कच्चा रास्ता बह जाएगा, जिसके बाद लोगों को आवागमन में काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसी रास्ते से इंदौर, भोपाल, रायसेन, गैरतगंज, बेगमगंज, विदिशा आदि नगरों के लिए यात्री बसों का संचालन भी होता है. साथ ही ट्रक, डंपर, दो पहिया, चार पहिया वाहन सहित अनेकों वाहन इसी मार्ग से रोजाना गुजरते हैं. स्टेट हाईवे होने के कारण दिनरात के समय सैंकड़ों की संख्या में लोडिंग अनलोडिंग वाहन पुल पर से जाते हैं. बावाजूद इसके इस ओर किसी का कोई ध्यान नहीं है.
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