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महिला सरपंच की जगह पूर्व सरपंच का दबंग बेटा चला रहा पंचायत, प्रशासन बेखबर

रायसेन जिले के डाबरी पिपरिया कला गांव में महिला सरपंच की जगह पूर्व सरपंच का दबंग बेटा जबरन पंचायत का संचालन कर रहा है, कार्रवाई करने की बजाए जिला प्रशासन के अधिकारी पूरे मामले से अपनी आंखे मूंदे हुए हैं.

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महिला सरपंच की जगह पूर्व सरपंच का दबंग बेटा चला रहा पंचायत
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Published : Nov 27, 2019, 4:01 PM IST

रायसेन। जिले के ग्राम पंचायत डाबरी पिपलिया कला में महिला सरपंच की जगह दबंगों का शासन चल रहा है और महिला सरपंच कुछ नहीं कर पा रहीं. महिला सरपंच के अशिक्षित होने का फायदा उठाते हुए पूर्व सरपंच का बेटा जबरन पंचायत का संचालन कर रहा है. पूरे मामले पर कोई कार्रवाई करने की बजाय अधिकारी आपनी आंखें मूंदे हुए हैं.

महिला सरपंच की जगह पूर्व सरपंच का दबंग बेटा चला रहा पंचायत


ग्राम पंचायत डाबरी पिपरिया कला में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को दरकिनार रखते हुए स्थानीय दबंग सर्वेस खरे ने पूरी पंचायत को कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके की मिलीभगत से अपने कब्जे में कर लिया हैं. हालात ये है कि सरपंच को ये भी नहीं मालूम कि पिछले 5 साल में कितनी बार पंचायत की बैठक की गई या उसने कभी किसी मस्टर रोल पर हस्ताक्षर किए हैं. जबकि कई बार विकाश कार्यों के लिए, लाखों रुपए की राशि निकाल ली गई.


पंचायत वासियों को यही पता है कि उनके रोजगार सहायक सर्वेश खरे हैं. जबकि हकीकत में सर्वेश खरे गांव का एक दबंग व्यक्ति है और इसके पिता पूर्व सरपंच हैं. 5 साल से डावरी पंचायत को चलाते हुए सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुका है. कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके का कहना है कि, मीडिया के माध्यम से उन्हें पूरे मामले की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि यदि महिला सरपंच शिकायत करती हैं तो उस पर जरुर कार्रवाई की जाएगी.

रायसेन। जिले के ग्राम पंचायत डाबरी पिपलिया कला में महिला सरपंच की जगह दबंगों का शासन चल रहा है और महिला सरपंच कुछ नहीं कर पा रहीं. महिला सरपंच के अशिक्षित होने का फायदा उठाते हुए पूर्व सरपंच का बेटा जबरन पंचायत का संचालन कर रहा है. पूरे मामले पर कोई कार्रवाई करने की बजाय अधिकारी आपनी आंखें मूंदे हुए हैं.

महिला सरपंच की जगह पूर्व सरपंच का दबंग बेटा चला रहा पंचायत


ग्राम पंचायत डाबरी पिपरिया कला में सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को दरकिनार रखते हुए स्थानीय दबंग सर्वेस खरे ने पूरी पंचायत को कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके की मिलीभगत से अपने कब्जे में कर लिया हैं. हालात ये है कि सरपंच को ये भी नहीं मालूम कि पिछले 5 साल में कितनी बार पंचायत की बैठक की गई या उसने कभी किसी मस्टर रोल पर हस्ताक्षर किए हैं. जबकि कई बार विकाश कार्यों के लिए, लाखों रुपए की राशि निकाल ली गई.


पंचायत वासियों को यही पता है कि उनके रोजगार सहायक सर्वेश खरे हैं. जबकि हकीकत में सर्वेश खरे गांव का एक दबंग व्यक्ति है और इसके पिता पूर्व सरपंच हैं. 5 साल से डावरी पंचायत को चलाते हुए सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुका है. कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके का कहना है कि, मीडिया के माध्यम से उन्हें पूरे मामले की जानकारी मिली है. उन्होंने कहा कि यदि महिला सरपंच शिकायत करती हैं तो उस पर जरुर कार्रवाई की जाएगी.

Intro:रायसेन-भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए लाख प्रयास किए जा रहे हैं फिर भी महिलाओं का शोषण आज भी जारी है ऐसा ही एक मामला है ग्राम पंचायत डाबरी पिपलिया कला का है जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगाते हुए और महिला सरपंच बटो बाई को गांव की ही एक दबंग सर्वेश खरे द्वारा शोषण करते हुए पूरी पंचायत को चला रहे हैं और यह सब सिलवानी जनपद के कार्यपालन अधिकारी की मिलीभगत से ठेके पर पंचायत देकर किया जा रहा है।


Body:रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के ग्राम पंचायत डाबरी पिपरिया कला की जहां सरपंच सचिव और रोजगार सहायक को दरकिनार रखते हुए वहां के स्थानीय दबंग सर्वेस खरे ने पूरी पंचायत को कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके की मिलीभगत से चलाया जा रहा है हालात यह है कि सरपंच को यह भी नहीं मालूम कि पिछले 5 साल में एक बार भी कभी जनपद पंचायत गई हो या उसने कभी किसी मस्टर रोल पर हस्ताक्षर किए हो जबकि लाखों रुपए की राशि निकाल ली गई है तो किसके हस्ताक्षर से? पूरे पंचायत वासियों को यही पता है कि हमारे रोजगार सहायक सर्वेश खरे हैं हकीकत में सर्वेश खरे गांव का एक दबंग व्यक्ति है और इसके पिता पूर्व सरपंच है सर्वेश खरे कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके की मिलीभगत से पिछले 5 साल से डावरी पंचायत को चलाते हुए सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुका है और आपको यहां पर जानकर हैरत होगी की सर्वेश खरे जनपद पंचायत सिलवानी में कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके के लिए कंप्यूटर ऑपरेटर का काम भी करते हैं और उन्हीं की मिलीभगत से पूरी पंचायत को ठेके पर चला रहे हैं जब महिला सरपंच से मीडिया ने सवाल किया कि आपको 5 साल में अभी तक कितनी बार वेतन मिला और कितने मास्टर रोल पर आप ने हस्ताक्षर किए तब महिला सरपंच ने बताया कि आज तक मुझे 5 साल में केवल दो बार दस दस हजार रुपये दिए हैं और पिछले 5 साल में एक भी बार भी किसी मास्टर रोल पर हस्ताक्षर नहीं करवाए हैं जब इस बारे में कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके से बात की तो उनका कहना है कि आपके माध्यम से मुझे जानकारी मिली है अगर महिला सरपंच शिकायत करती है तो कार्यवाही होती है महिला सरपंच से कार्य करेगी तो हम निश्चित रूप से कार्यवाही करेंगे। वहीं जब मीडिया ने उनके बाबू से पूछा कि सर्वेश खरे कौन है तब वहां मौजूद बाबू ने कहा कि सर्वेश खरे डाबरी पिपरिया कला पंचायत के सरपंच हैं अब आप इस से अंदाजा लगा सकते हैं की कार्यपालन अधिकारी अशोक कुमार उईके की मिलीभगत से पूरी पंचायत ठेके पर चल रही है वही महिला सरपंच को सशक्त बनाने की जगह कार्यपालन अधिकारी दबंग सर्वेश कुमार खरे के साथ मिलकर महिला सरपंच का शोषण कर रहे हैं अब सवाल यह उठता है कि जब पूरी पंचायत में किसी को सरपंच सचिव और रोजगार सहायक का नाम नहीं पता तो पूरी पंचायत के सर्वे सर्वा सर्वेश कुमार खरे ही हैं और यह सब एक महिला का शोषण करते हुए कार्यपालन अधिकारी की मिलीभगत से किया जा रहा है वही आपको बता दें कि इस पंचायत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को भी पलीता सर्वेश कुमार खरे द्वारा लगाया जा रहा है जहां पर पूरे ग्राम में शौचालय ही नहीं है और अगर शौचालय बने हुए हैं तो किसी में सीट नहीं है किसी में दरवाजा नहीं है और किसी में छत नहीं है है पूरा गांव शौच के लिए गांव में बाहर जाता है उसके बाद भी कार्यपालन अधिकारी द्वारा इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा वही सर्वेश खरे से ऑफिस का काम भी कराया जा रहा है और उनको ग्राम पंचायत डाबरी का सरपंच बना कर भी रखा गया है महिला सरपंच का भी जनपद पंचायत नहीं गई और ना ही गांव के पंचायत भवन में गई है तो फिर किस के माध्यम से लाखों रुपए की राशि कार्यपालन अधिकारी ने निकाल दी है पूरी पंचायत में लाखों रुपए के काम कागजों में किए गए हैं जबकि धरातल पर स्थिति दूसरी है वहीं इस ग्राम पंचायत डाबरी पिपरिया कला में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत अभियान में आप देख सकते हैं कि ग्राम पंचायत में किसी भी घर में शौचालय नहीं है और अगर है तो उसमें कोई ना कोई कमी जरूर है और पूरा गांव शौच करने के लिए बाहर जाता है।

Byte-सदा रानी ग्रामीण।

Byte-ग्रामीण।

Byte-बटो बाई महिला सरपंच।

Byte-अशोक कुमार उईके कार्यपालन अधिकारी।




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