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जान जोखिम में डालकर बस की छत पर यात्रा कर रहे बच्चे, कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा

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Published : Sep 5, 2019, 11:45 PM IST

रायसेन में रोज सैकड़ों बच्चे बस की छत पर बैठकर स्कूल जाते हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसके बावजूद यातायात विभाग को बच्चों की जान की कोई परवाह नहीं है.

जान जोखिम में डालकर बस की छत पर यात्रा कर रहे बच्चे

रायसेन। जिले में बस संचालक लगातार लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. गैरतगंज में रोज करीब सैकड़ों बच्चे बस की छत में बैठकर यात्रा करते हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी शिकायत कई बार यातायात विभाग से की गई. इसके बावजूद विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

जान जोखिम में डालकर बस की छत पर यात्रा कर रहे बच्चे


जिले में परिवहन व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. यातायात विभाग के अधिकारी किसी भी ओवरलोड वाहन, बिना परमिट की बस और बस की फिटनेस की चेकिंग तक नहीं करते हैं. परिवहन अधिकारी रितेश तिवारी से जब इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की गई तो वो कार्यालय से नदारद मिले.


स्कूल जाने वाले बच्चों को बस के अंदर बैठने की जगह नहीं मिलती है, जिससे बस कंडक्टर इन्हें बस की छत पर बिठा देता है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई की बात कही है.

रायसेन। जिले में बस संचालक लगातार लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं. गैरतगंज में रोज करीब सैकड़ों बच्चे बस की छत में बैठकर यात्रा करते हैं. जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी शिकायत कई बार यातायात विभाग से की गई. इसके बावजूद विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है.

जान जोखिम में डालकर बस की छत पर यात्रा कर रहे बच्चे


जिले में परिवहन व्यवस्था बद से बदतर होती जा रही है. यातायात विभाग के अधिकारी किसी भी ओवरलोड वाहन, बिना परमिट की बस और बस की फिटनेस की चेकिंग तक नहीं करते हैं. परिवहन अधिकारी रितेश तिवारी से जब इस मामले में संपर्क करने की कोशिश की गई तो वो कार्यालय से नदारद मिले.


स्कूल जाने वाले बच्चों को बस के अंदर बैठने की जगह नहीं मिलती है, जिससे बस कंडक्टर इन्हें बस की छत पर बिठा देता है. ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. वहीं कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई की बात कही है.

Intro:मानवता को शर्मशार करने बाली ये तस्वीर जो आप देख रहे है,ये रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील के गढ़ी की है। जहाँ करीब 80 से 100 बच्चे बस की छत पर बैठकर स्कूल पड़ने जाने को मजबूर है।और ये सब तमाशा रायसेन जिले के परिबहन अधिकारी रीतेश तिवारी की आँखों के सामने हो रहा है। 8 दिन पहले भी यही नजारा देखा गया था और आज एक बार फिर इन स्कूली बच्चों को बस की छत पर बैठकर स्कूल जाते देखा गया।
Body:Vo1-भारत में बच्चों को देश का भविष्य कहा जाता है और इनसे ही दुनिया की उम्मीदें टिकी है मगर इन उम्मीदों को करारा झटका जब लगता है जब 80 से 100 बच्चों की जान से खिलवाड़ रायसेन जिले के जिम्मेदार परिबहन अधिकारी रितेश तिवारी इन बच्चों की जान से खिलवाड़ कर रहे है।जी हां हम बात कर रहे हैं रायसेन जिला परिबहन अधिकारी रितेश तिवारी की, कहने को तो यह परिवहन अधिकारी हैं मगर इनके द्वारा आज तक ओवरलोड बस हो, स्कूल की बस हो, या स्कूल की वैन हो, किसी की चेकिंग तक नहीं की जाती है। और इनको इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि बच्चों की जान चली जाए तो भी इनको कोई परवाह नहीं है। आप देख सकते हैं वीडियो के माध्यम से कि यह देश का भविष्य कहे जाने वाले लगभग 80 से 100 बच्चे हैं। जो अपनी जान जोखिम में डालकर स्कूल पढ़ने आ रहे हैं और यह पूरा मामला है रायसेन जिले के गैरतगंज तहसील के गढ़ी का। जहां एक बस के ऊपर स्कूली बच्चे यात्रा करके स्कूल पढ़ने आते हैं और इन बच्चों को बस के अंदर बैठने की जगह नहीं मिलती है, तो बस ड्राइवर द्वारा इन बच्चों को बस की छत पर बिठा दिया जाता है, अगर ऐसे में कोई बच्चा नीचे गिर जाए या कोई हादसा हो जाए तो उसका जिम्मेदार कौन होगा?

Vo2-रायसेन जिले में परिवहन व्यवस्था बद से बदतर है रायसेन आरटीओ रितेश तिवारी अपनी जिम्मेदारी को निभाते नही हैं। और आठ दस दिन में एक बार ऑफिस आकर मानो सरकार पर एहसान कर देते हैं। वही इनको मासूम बच्चों की जान से खिलवाड़ करने का लगता है सरकार ने मानो लाइसेंस दे रखा है। कहा तो ये भी जाता है कि रितेश तिवारी ने जब से रायसेन जिला परिवहन अधिकारी की बागडोर संभाली है तब से परिबहन बिभाग में भ्रस्टाचार का खेल खुलकर चल रहा है।आज तक चाहे कंडम बस हो, चाहे बिना फिटनेस की बस हो,चाहे ओवरलोड बस हो मगर इन पर कार्यबाही करने का rto साहब के पास समय ही नही है। इनको सवारियों और बच्चों की जान से कोई सरोकार नही है।बस आप तो इनको मोटी कीमत देते जाइए और अपनी अनफिट बस को भी सड़क पर दौड़ाते जाईये। जब मीडिया की टीम ने इस वीडियो के बारे में वाइट लेने के लिए जिला परिवहन अधिकारी रितेश तिवारी से संपर्क किया तो महोदय ने 8 दिन में एक बार भी कार्यालय में उपस्थित नही मिले।तब मीडिया की टीम रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के पास पहुंची और उनसे इस मामले में बात की। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जब एक जिम्मेदार अधिकारी 8 दिन तक ऑफिस में नहीं आता है तो उस जिले का परिवहन विभाग कैसे चल रहा होगा। खाली कुर्सियां और जिला परिवहन अधिकारी का खाली चेंबर यह सब बयां करता है। वहीं दूसरी ओर इन मासूम बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ के बारे में जब रायसेन कलेक्टर से बात की तो उन्होंने कहा इस पर कार्रवाई की जाएगी और किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

1बाइट- उमाशंकर भार्गव
कलेक्टर रायसेन।



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