ETV Bharat / state

50,000 में तय करा दी नाबालिग की शादी, हल्दी रस्म पर पहुंची टीम

एमपी के रायसेन में पिता द्वारा जबरन 15 वर्ष की नाबालिग का बाल विवाह कराया जा रहा था. सूचना पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन और पुलिस टीम ने मौके पर जबरन हो रहे विवाह को रुकवाया.

author img

By

Published : Apr 6, 2021, 12:33 PM IST

police team
पुलिस टीम

रायसेन। सरकार की तमाम योजनाओं एवं शासन के प्रयासों के बावजूद आज भी बेटी को बोझ समझा जा रहा है. बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ का नारा स्लोगनों तक ही सिमट कर रह गया है. शासन, प्रशासन तो पूर्ण रूप से सजग है लेकिन अभिभावक हैं कि समझने को तैयार नहीं हैं. थोड़े से लालच में आकर पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की उम्र में मासूम के ऊपर गृहस्थी का बोझ लाद देते हैं. शहर के वार्ड नं.1 में आज ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक पिता महज 50 हजार रुपये के लालच में अपनी 15 वर्षीय पुत्री का विवाह करने जा रहा था. मौके पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन एवं पुलिस की ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क टीम ने सजगता के साथ बाल विवाह को रुकवाया.

15 साल की पुत्री का विवाह करा रहा था पिता
शहर के वार्ड नंबर-1 नवीन नरापुरा में रहने वाले रामू भील अपनी 15 वर्षीय पुत्री रानी (परिवर्तित नाम) का बाल विवाह करने जा रहा था. उसने रानी के हाथ पीले करने की पूरी योजना बना रखी थी. जानकारी लगते ही महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी योगेन्द्र राज के निर्देशन में सेक्टर सुपरवाइजर सुनीता रजक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता शाक्या, रचना शाक्या सहित चाइल्ड लाइन एवं ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क की टीम मौके पर पहुंची. घर पर पिता तो मौजूद नहीं था लेकिन जिस बालिका के विवाह की तैयारी चल रही थी, वह और उसके भाई-बहन मौके पर मिले.

50 हजार रुपये में तय किया बेटी का रिश्ता
पूछताछ में पता चला कि पिता रामू भील द्वारा वर पक्ष से 50 हजार रुपये लेकर रानी का विवाह पक्का कर दिया था, जो पांच अप्रैल को होना था. रानी को हल्दी लगी थी. रानी एवं उसके भाई-बहनों ने बताया कि उसके पिता जबरन उसका विवाह करा रहे हैं, जबकि उसे आगे पढ़ाई कर जीवन में आगे बढ़ने की इच्छा है. रानी को तो यह भी नहीं पता कि उसका विवाह कहां और किसके साथ हो रहा है. उसने बताया कि उसके पिता शराब के आदि हैं और भाई-बहनों के साथ मार-पीट भी करते हैं.

'बाल विवाह', आखिर कब तक?

टीम ने आस-पड़ोस में भी जानकारी ली तथा रानी के भाई बहनों को समझाइश दी गई. मौके पर ही पंचनामा भी बनाया गया. बाद में उसके पिता से भी बातचीत हुई, जिसमें उसके पिता रानी का बाल विवाह नहीं करने के लिए राजी हो गए. इस पूरी कार्रवाई में महिला बाल विकास विभाग की टीम के अलावा चाइल्ड लाइन से सोनम रैकवार, मोनिका एवं ऊर्जा सेल की पुलिस की ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क टीम से एसआई रंजना शर्मा, दुर्गेश राजपूत, निधि तिवारी, अरविंद आदि मौजूद रहे.

रायसेन। सरकार की तमाम योजनाओं एवं शासन के प्रयासों के बावजूद आज भी बेटी को बोझ समझा जा रहा है. बेटी पढ़ाओ और बेटी बढ़ाओ का नारा स्लोगनों तक ही सिमट कर रह गया है. शासन, प्रशासन तो पूर्ण रूप से सजग है लेकिन अभिभावक हैं कि समझने को तैयार नहीं हैं. थोड़े से लालच में आकर पढ़ने-लिखने और खेलने-कूदने की उम्र में मासूम के ऊपर गृहस्थी का बोझ लाद देते हैं. शहर के वार्ड नं.1 में आज ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां एक पिता महज 50 हजार रुपये के लालच में अपनी 15 वर्षीय पुत्री का विवाह करने जा रहा था. मौके पर पहुंची महिला बाल विकास विभाग, चाइल्ड लाइन एवं पुलिस की ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क टीम ने सजगता के साथ बाल विवाह को रुकवाया.

15 साल की पुत्री का विवाह करा रहा था पिता
शहर के वार्ड नंबर-1 नवीन नरापुरा में रहने वाले रामू भील अपनी 15 वर्षीय पुत्री रानी (परिवर्तित नाम) का बाल विवाह करने जा रहा था. उसने रानी के हाथ पीले करने की पूरी योजना बना रखी थी. जानकारी लगते ही महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी योगेन्द्र राज के निर्देशन में सेक्टर सुपरवाइजर सुनीता रजक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता शाक्या, रचना शाक्या सहित चाइल्ड लाइन एवं ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क की टीम मौके पर पहुंची. घर पर पिता तो मौजूद नहीं था लेकिन जिस बालिका के विवाह की तैयारी चल रही थी, वह और उसके भाई-बहन मौके पर मिले.

50 हजार रुपये में तय किया बेटी का रिश्ता
पूछताछ में पता चला कि पिता रामू भील द्वारा वर पक्ष से 50 हजार रुपये लेकर रानी का विवाह पक्का कर दिया था, जो पांच अप्रैल को होना था. रानी को हल्दी लगी थी. रानी एवं उसके भाई-बहनों ने बताया कि उसके पिता जबरन उसका विवाह करा रहे हैं, जबकि उसे आगे पढ़ाई कर जीवन में आगे बढ़ने की इच्छा है. रानी को तो यह भी नहीं पता कि उसका विवाह कहां और किसके साथ हो रहा है. उसने बताया कि उसके पिता शराब के आदि हैं और भाई-बहनों के साथ मार-पीट भी करते हैं.

'बाल विवाह', आखिर कब तक?

टीम ने आस-पड़ोस में भी जानकारी ली तथा रानी के भाई बहनों को समझाइश दी गई. मौके पर ही पंचनामा भी बनाया गया. बाद में उसके पिता से भी बातचीत हुई, जिसमें उसके पिता रानी का बाल विवाह नहीं करने के लिए राजी हो गए. इस पूरी कार्रवाई में महिला बाल विकास विभाग की टीम के अलावा चाइल्ड लाइन से सोनम रैकवार, मोनिका एवं ऊर्जा सेल की पुलिस की ऊर्जा महिला हेल्प डेस्क टीम से एसआई रंजना शर्मा, दुर्गेश राजपूत, निधि तिवारी, अरविंद आदि मौजूद रहे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.