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वन मंडल में भोपाल के शिकारियों की सेंध, एक दर्जन से अधिक वन्य जीवों को बनाया शिकार - Wildlife hunting in Raisen

रायसेन जिले में लगातार वन्यजीवों का शिकार हो रहा है, भोपाल के शिकारी यहां आकर इन जीवों का शिकार कर रहे है. वहीं ऐसे में प्रशासन भी लगातार इन जीवों की सुरक्षा को लेकर काम कर रहा है.

Raisen
शिकारी गिरफ्तार
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Published : Feb 1, 2021, 11:30 AM IST

Updated : Feb 2, 2021, 5:21 PM IST

रायसेन। जिले में सामान्य वन मंडल के अंतर्गत आए दिन शिकारों के मामलों में इज़ाफ़ा होता जा रहा है, जहां एक दर्जन से अधिक वन्य जीवों को शिकारियों ने शिकार बना लिया है. ये घटना वर्ष 2020-21 की है जिसमें सामान्य वन मंडल रायसेन और अबदुल्लागंज के क्षेत्र आते है. बता दें, कि वन्यजीवों के जीवन पर गहरा संकट उत्पन्न हो गया है जिले की सीमा से लगे भोपाल के शिकारियों का आतंक हमेशा वन्यजीवों पर बना रहता है, जो अपने शौक के चलते इन जंगली जीवों को शिकार बनते रहते है. वन विभाग के कमजोर सूचना तंत्र के चलते बहुत कम ही शिकारियों की पकड़ हो पाती है.

क्षेत्रीय ग्रामीण

चलाया जा रहा जागरुकता अभियान

वन विभाग द्वारा वन्य जीवों के शिकार को रोकने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान तो चलाया ही जाते है, वहीं करोड़ों रुपए इनकी सुरक्षा और वनों को संरक्षित करने में खर्च किए जाने के बाद भी शिकार रुकने का नाम नही ले रहे. इस संबंध में जब सामान्य वन मंडल अधिकारी राजेश खरे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 'सामान्य वन मण्डल में हुए शिकार का आंकलन कैलेंडर इयर में किया जाता है. इस कैलेंडर इयर में 11 प्रकरण पंजीकृत किए गए है. हमारे द्वारा शिकारों को रोकने के लिए मुखबिर तंत्र तैयार किया गया है, जो अच्छे तरीके से काम कर रहा है, कही भी कोई घटना सामने आती है तो तत्काल सूचना मिल जाती है. वहीं उनका कहना है कि स्थानीय लोगों की मिली भगत से भोपाल के लोग शिकार करते है, जिसमें बारह बोर बंदूक का इस्तेमाल किया जाता है'.

वन मण्डल अधिकारी

मुखबिर मंडल को किया गया सक्रिय

वन मण्डल अधिकारी ने बताया कि पश्चिम रायसेन वन मंडल के पूर्व रायसेन वन परिक्षेत्र का वंछोड, कुछ गढ़ी के क्षेत्र है व कुछ सिलवानी के क्षेत्र चयनित किए हुए है, जहां सघन चेकिंग और मुखबिर तंत्र तैयार कर रखा गया है. वन मण्डल में अधिकांश जानवरों जैसे काले हिरण, जंगली सूअर और नीलगाय को शिकार बनाया जाता है. वहीं बच्चों में भी जागरूकता लाने के लिए अनुभूति कैम्प लगाए जाते है, जो बहुत प्रभावी है जिसमें उनका जंगल भृमण कराया जाता हैं, जानवरों और पेड़ों की पहचान कराई जाती है, जिससे देश की युवा पीढ़ी में जानवरों के प्रति जागरूकता लाई जाए.

रायसेन। जिले में सामान्य वन मंडल के अंतर्गत आए दिन शिकारों के मामलों में इज़ाफ़ा होता जा रहा है, जहां एक दर्जन से अधिक वन्य जीवों को शिकारियों ने शिकार बना लिया है. ये घटना वर्ष 2020-21 की है जिसमें सामान्य वन मंडल रायसेन और अबदुल्लागंज के क्षेत्र आते है. बता दें, कि वन्यजीवों के जीवन पर गहरा संकट उत्पन्न हो गया है जिले की सीमा से लगे भोपाल के शिकारियों का आतंक हमेशा वन्यजीवों पर बना रहता है, जो अपने शौक के चलते इन जंगली जीवों को शिकार बनते रहते है. वन विभाग के कमजोर सूचना तंत्र के चलते बहुत कम ही शिकारियों की पकड़ हो पाती है.

क्षेत्रीय ग्रामीण

चलाया जा रहा जागरुकता अभियान

वन विभाग द्वारा वन्य जीवों के शिकार को रोकने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान तो चलाया ही जाते है, वहीं करोड़ों रुपए इनकी सुरक्षा और वनों को संरक्षित करने में खर्च किए जाने के बाद भी शिकार रुकने का नाम नही ले रहे. इस संबंध में जब सामान्य वन मंडल अधिकारी राजेश खरे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 'सामान्य वन मण्डल में हुए शिकार का आंकलन कैलेंडर इयर में किया जाता है. इस कैलेंडर इयर में 11 प्रकरण पंजीकृत किए गए है. हमारे द्वारा शिकारों को रोकने के लिए मुखबिर तंत्र तैयार किया गया है, जो अच्छे तरीके से काम कर रहा है, कही भी कोई घटना सामने आती है तो तत्काल सूचना मिल जाती है. वहीं उनका कहना है कि स्थानीय लोगों की मिली भगत से भोपाल के लोग शिकार करते है, जिसमें बारह बोर बंदूक का इस्तेमाल किया जाता है'.

वन मण्डल अधिकारी

मुखबिर मंडल को किया गया सक्रिय

वन मण्डल अधिकारी ने बताया कि पश्चिम रायसेन वन मंडल के पूर्व रायसेन वन परिक्षेत्र का वंछोड, कुछ गढ़ी के क्षेत्र है व कुछ सिलवानी के क्षेत्र चयनित किए हुए है, जहां सघन चेकिंग और मुखबिर तंत्र तैयार कर रखा गया है. वन मण्डल में अधिकांश जानवरों जैसे काले हिरण, जंगली सूअर और नीलगाय को शिकार बनाया जाता है. वहीं बच्चों में भी जागरूकता लाने के लिए अनुभूति कैम्प लगाए जाते है, जो बहुत प्रभावी है जिसमें उनका जंगल भृमण कराया जाता हैं, जानवरों और पेड़ों की पहचान कराई जाती है, जिससे देश की युवा पीढ़ी में जानवरों के प्रति जागरूकता लाई जाए.

Last Updated : Feb 2, 2021, 5:21 PM IST
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