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16 सालों से मां नर्मदा के तटों की सफाई में लगा वृद्ध भक्त - Boras Narmada Ghat

रायसेन जिले के बोरास के एक 80 वर्षीय वृद्ध बाबूलाल जखनया मां नर्मदा के ऐसे भक्त है जो पिछले 16 सालों से लगातार नर्मदा घाटों की सफाई कर रहे हैं. सुबह से शाम तक अटूट मेहनत कर यहां सफाई करते हैं....

Raisen
बोरास नर्मदा घाट की सफाई
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Published : Mar 9, 2021, 12:12 PM IST

रायसेन। जज्बा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं. वैसे तो मां नर्मदा के भक्तों की कमी नहीं है लेकिन एक 80 वर्ष के वृद्ध भक्त ऐसे है जो 16 वर्ष से लगातार नर्मदा घाटों को साफ करने सुबह पहुंच जाते हैं. शाम तक साफ सफाई करते है, जिन की मेहनत से बोरास नर्मदा तट पर हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद भी साफ सफाई नजर आती है. वे घाटों सहित जल को भी साफ रखते है. मां नर्मदा की सेवा से उनके घर परिवार की किस्मत बदल गई.

मां नर्मदा के तटों की सफाई में लगा वृद्ध भक्त

16 सालों से रोज कर रहे सफाई

रायसेन जिले के बोरास उदयपुरा निवासी 80 वर्षीय वृद्ध बाबूलाल जखनया 16 वर्ष पहले से मां नर्मदा के सेवा में लग गए है. इन के द्वारा 16 वर्ष से निरंतर मां नर्मदा के तटों पर साफ सफाई की जा रही है. सुबह से शाम तक गांव के 1 लड़के को सहयोग के लिए लेकर साफ सफाई करते है, मां नर्मदा के तट को साफ सुंदर स्वच्छ बनाए हुए हैं, जरा भी कचरा घाट पर पड़ा नहीं रहने देते सुबह से शाम तक नर्मदा तट पर इनको साफ सफाई करते देखा जा सकता है. 80 वर्षीय वृद्ध बाबूलाल जखनया मां नर्मदा भक्त ने बताया कि माई की कृपा से वे 16 वर्ष से साफ सफाई कर रहे है. इस सेवा कार्य से इन की जिंदगी चका चक हो गई है. इन के पास पहले दो बैल हुआ करते थे आज दो ट्रेक्टर, कार, जीप सब है, नर्माद माई की कृपा से इतनी उम्र में भी वो पहलवान है और सेवा करने से उन्हें थकान नहीं होती, शरीर और भी मजबूत होता जा रहा है.

सुबह से शाम तक करते है अटूट मेहनत

मैया नर्मदा रेवा समिति अध्यक्ष ने बताया कि इतनी बड़ी उम्र में घाट को इतना सुंदर किया जिस का बखान नहीम कर सकते है. सुबह से शाम तक अटूट मेहनत करते है. हमे उन से प्रेणना लेनी चाहिए वृद्ध होते हुए भी इतनी सेवा कर रहे है कल्पना नहीं की जाती ऐसे महान इंसान को नमन करते है अटूट मेहनत करने के बाद थकते नही है. शासन प्रशासन की कोई मदद न मिलते हुए स्वयं मेहनत करते हुए सफाई करते हैं. उनका घर में मन नहीं लगता सुबह हुई घाट आ गए शाम तक सेवा करते है.

कलेक्टर ने की सम्मान करेने की बात

ईटीवी भारत ने जब इनके विषय में कलेक्टर को जानकारी दी तो कलेक्टर भी धन्यवाद और इनका सम्मान करने की बात से पीछे नहीं रहे. रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा धन्यवाद ओर उन का स्वागत करना चाहता हूं. निश्चित रूप से हम उन का सम्मान भी आगे करेंगे. नर्मदा पवित्र नदी है साफ सफाई रख रहे है, इस से अच्छा और कोई संदेश नहीं हो सकता. हम सब को इन से सीख लेना चाहिए नदी के घाटों पर गंदगी न फैलाये शहरों में गंदगी ना फैलाएं.

'शिव' राज में नर्मदा हो रही मैली, स्वच्छता अभियान की निकली हवा

कई श्रद्धालु इनको देख कर यह समझते है पंचायत के साफ सफाई करने वाले कर्मचारी है लेकिन यह मां नर्मदा के सच्चे भक्त है, जो नदी गंदी नही रहने देते स्वच्छ रखते है. लोग कहते है सेवा की मिसाल हैं, ये सफाई करने के साथ-साथ नर्मदा घाटों को स्वच्छ रखने का संदेशा भी देते हैं. ईटीवी भारत भी ऐसे वृद्ध को सलाम करता है.

रायसेन। जज्बा हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं. वैसे तो मां नर्मदा के भक्तों की कमी नहीं है लेकिन एक 80 वर्ष के वृद्ध भक्त ऐसे है जो 16 वर्ष से लगातार नर्मदा घाटों को साफ करने सुबह पहुंच जाते हैं. शाम तक साफ सफाई करते है, जिन की मेहनत से बोरास नर्मदा तट पर हजारों श्रद्धालुओं के पहुंचने के बाद भी साफ सफाई नजर आती है. वे घाटों सहित जल को भी साफ रखते है. मां नर्मदा की सेवा से उनके घर परिवार की किस्मत बदल गई.

मां नर्मदा के तटों की सफाई में लगा वृद्ध भक्त

16 सालों से रोज कर रहे सफाई

रायसेन जिले के बोरास उदयपुरा निवासी 80 वर्षीय वृद्ध बाबूलाल जखनया 16 वर्ष पहले से मां नर्मदा के सेवा में लग गए है. इन के द्वारा 16 वर्ष से निरंतर मां नर्मदा के तटों पर साफ सफाई की जा रही है. सुबह से शाम तक गांव के 1 लड़के को सहयोग के लिए लेकर साफ सफाई करते है, मां नर्मदा के तट को साफ सुंदर स्वच्छ बनाए हुए हैं, जरा भी कचरा घाट पर पड़ा नहीं रहने देते सुबह से शाम तक नर्मदा तट पर इनको साफ सफाई करते देखा जा सकता है. 80 वर्षीय वृद्ध बाबूलाल जखनया मां नर्मदा भक्त ने बताया कि माई की कृपा से वे 16 वर्ष से साफ सफाई कर रहे है. इस सेवा कार्य से इन की जिंदगी चका चक हो गई है. इन के पास पहले दो बैल हुआ करते थे आज दो ट्रेक्टर, कार, जीप सब है, नर्माद माई की कृपा से इतनी उम्र में भी वो पहलवान है और सेवा करने से उन्हें थकान नहीं होती, शरीर और भी मजबूत होता जा रहा है.

सुबह से शाम तक करते है अटूट मेहनत

मैया नर्मदा रेवा समिति अध्यक्ष ने बताया कि इतनी बड़ी उम्र में घाट को इतना सुंदर किया जिस का बखान नहीम कर सकते है. सुबह से शाम तक अटूट मेहनत करते है. हमे उन से प्रेणना लेनी चाहिए वृद्ध होते हुए भी इतनी सेवा कर रहे है कल्पना नहीं की जाती ऐसे महान इंसान को नमन करते है अटूट मेहनत करने के बाद थकते नही है. शासन प्रशासन की कोई मदद न मिलते हुए स्वयं मेहनत करते हुए सफाई करते हैं. उनका घर में मन नहीं लगता सुबह हुई घाट आ गए शाम तक सेवा करते है.

कलेक्टर ने की सम्मान करेने की बात

ईटीवी भारत ने जब इनके विषय में कलेक्टर को जानकारी दी तो कलेक्टर भी धन्यवाद और इनका सम्मान करने की बात से पीछे नहीं रहे. रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने कहा धन्यवाद ओर उन का स्वागत करना चाहता हूं. निश्चित रूप से हम उन का सम्मान भी आगे करेंगे. नर्मदा पवित्र नदी है साफ सफाई रख रहे है, इस से अच्छा और कोई संदेश नहीं हो सकता. हम सब को इन से सीख लेना चाहिए नदी के घाटों पर गंदगी न फैलाये शहरों में गंदगी ना फैलाएं.

'शिव' राज में नर्मदा हो रही मैली, स्वच्छता अभियान की निकली हवा

कई श्रद्धालु इनको देख कर यह समझते है पंचायत के साफ सफाई करने वाले कर्मचारी है लेकिन यह मां नर्मदा के सच्चे भक्त है, जो नदी गंदी नही रहने देते स्वच्छ रखते है. लोग कहते है सेवा की मिसाल हैं, ये सफाई करने के साथ-साथ नर्मदा घाटों को स्वच्छ रखने का संदेशा भी देते हैं. ईटीवी भारत भी ऐसे वृद्ध को सलाम करता है.

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