रायसेन। अगर आप में कुछ करने का जज्बा और हौसला हो, तो हर काम संभव है. यह साबित कर दिखाया है, रायसेन जिले के 85 वर्षीय बुजुर्ग अवध नारायण सक्सेना ने. जिनके हौसले के आगे कोरोना जैसी गंभीर बीमारी भी हार गई. उम्र के इस पड़ाव में जहां अधिकांश बुजुर्ग हिम्मत हार जाते हैं, लेकिन अवध नारायण सक्सेना ने अपने हौसले से कोरोना जैसी बीमारी को हराकर लोगों को एक मैसेज दिया है.
कोविड को मात
रायसेन जिले के तरावली में रहने वाले, अवध नारायण सक्सेना की उम्र लगभग 85 साल है. इनको अचानक सांस लेने में तकलीफ हुई, तो उनके परिजन उन्हें लेकर जिला अस्पताल पहुंचे, वहां जाकर पता चला कि इनको कोविड हो गया है. जब CT स्क्रीन कराया गया तो पता चला कि इनके 50% से भी अधिक फेफड़े में इंफेक्शन हो गया था. इसके बाद भी अवध नारायण सक्सेना और उनकी पत्नी को रायसेन जिला अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने हिम्मत ना हारते हुए 18 दिन प्रयास किया. आज कोरोना को हराने के बाद अवध नारायण सक्सेना खुश होकर अस्पताल से डिस्चार्ज होकर अपने घर के लिए रवाना हुए. अवध नारायण सक्सेना के बेटे ने बताया कि डॉक्टरों और नर्सों सहित सभी की मेहनत रंग लाई है. मेरे पिता कहते है कि मैं ठीक होकर घर जरूर आऊंगा. उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और आज कोरोना को हराकर घर जा रहे हैं.
पिता की मौत पर फटा बेटों का कलेजा! डॉक्टर ने थमाया खाली सिलेंडर, कोरोना मरीज की मौत
हिम्मत बनाए रखें- अवध नारायण
अवध नारायण कहते हैं, मैं सभी से अपील करता हूं कि सभी लोगों को कोरोना योद्धाओं का सम्मान करना चाहिए और कोरोना से डरना नहीं चाहिए. बस आप अपने अंदर आत्मविश्वास की कमी नहीं होने दें. जिला अस्पताल के डॉ. एमएल अहिरवार ने लोगों से अपील करते हुए सभी को धैर्य बनाए रखने को कहा है. इसके साथ ही डॉक्टरों पर विश्वास करें, हम कोरोना को जरूर हराएंगे.