पन्ना। एशिया की एकमात्र हीरा खदान एनएमडीसी में नए वर्ष से उत्खनन कार्य बंद होने से जहां पन्ना की जनता नाराज है तो वहीं अब यह मुद्दा राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा रहा है. जहां अभी कुछ पहले पन्ना विधायक व मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह ने स्थानिय सांसद व प्रदेशाध्यक्ष वीड़ी शर्मा के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर मामले से अवगत करवाया था. जिसके बाद मुख्यमंत्री ने एनएमडीसी को सुचारू रूप से चालू रखने का आश्वासन दिया था. लेकिन अब विपक्ष कांग्रेस भी एक मुद्दे के समर्थन के उतर आई है.
कांग्रेस ने उठाई हीरा खदान को चालू करने की मांग
आज पन्ना के युवा कांग्रेस अध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं ने एनएमडीसी को सुचारू रूप से संचालन होने का समर्थन कर इसे जल्द से जल्द चालू करवाने की मांग की. युवक कांग्रेस का कहना है कि खनिज विकास निगम भारत सरकार द्वारा पन्ना जिले में एकमात्र औद्योगिक इकाई हीरा खनन परियोजना मझगवां में संचालित है. हीरा खनन परियोजना का प्रारंभ वर्ष 1968 में कांग्रेस शासनकाल में हुआ था और 1968 से लेकर 2003-04 तक एनएमडीसी मझगवां हीरा खदान सुचारू रूप से संचालित रही. वर्ष 2004 में प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद हीरा खनन परियोजना बंद कर दी गई, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुरूप लगभग 4 साल बाद 2009 को एनएमडीसी हीरा खदान पन्ना में पुनः शुरू हो सकी. जिसके 11 साल बाद फिर से एक बार जब राज्य एवं केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है और इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हुए खजुराहो संसदीय क्षेत्र से सांसद विष्णु दत्त शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं और पन्ना विधानसभा क्षेत्र के विधायक एवं मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह है.
कांग्रेस ने लगाया सरकार पर आरोप
ऐसे में यह साफ तौर पर कहा जा सकता है कि एनएमडीसी की हीरा खदान के संचालन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है. कांग्रेस के शासनकाल के दौरान प्रारंभ हुए सरकार इस महत्वपूर्ण उपक्रम को योजनाबद्ध तरीके से बंद कराते हुए अन्य उपक्रमों की तरह ही मझगवां स्थित खदान को आगामी समय में प्राइवेट सेक्टर के जरिए उद्योगपतियों को सौंपा जा सकता है. जिला युवक कांग्रेस पन्ना जिले में एनएमडीसी हीरा खदान सुचारू रूप से संचालित हो इसका पूरा समर्थन करते हुए जिले वासियों के साथ मिलकर इस संबंध में आंदोलन करेगी. इसके साथ ही प्रदेश सरकार से युवक कांग्रेस ने मांग की है कि एनएमडीसी हीरा खदान को पुनः प्रारंभ करने के लिए भारत सरकार स्तर से फॉरेस्ट एक्ट 1980 और वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत आवश्यक मंजूरी प्रदान करते हुए यह सुनिश्चित करें कि आगामी 20 वर्ष तक के लिए एनएमडीसी की हीरा खदान के संचालन की लीज को बढ़ाया जाए. क्योंकि एनएमडीसी से ना केवल कई परिवारों को रोजगार मिलता है बल्कि यह पन्ना की शान भी है.