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पन्ना की ग्राम पंचायत मुड़वारी में गहराया जल संकट, केन नदी का गंदा पानी पीने को मजबूर ग्रामीण

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Published : Jun 7, 2020, 1:30 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 4:33 PM IST

पन्ना जिले की ग्राम पंचायत मुड़वारी के लोग पानी की समस्या से परेशान हैं, गांव के लोग 3 किलोमीटर दूर स्थित केन नदी के पानी को लाने और दूषित पानी पीने को मजबूर हैं.

Villagers troubled by water problem
पानी की समस्या से परेशान ग्रामीण

पन्ना। जिले के पवई विकासखंड की ग्राम पंचायत मुड़वारी में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. पानी से समूचे गांव की जनता परेशान है. पानी के बिना ग्रामीण बूंद-बू्ंद को तरस रहे हैं , लेकिन जनप्रतिनिधि व प्रशासन अब तक अपनी आंख-कान बंद करके बैठा है.

पानी की समस्या से परेशान ग्रामीण

गांव के लोग 3 किलोमीटर दूर स्थित केन नदी के पानी को लाने और दूषित पानी पीने मजबूर हैं. नदी के जल में पशु भी स्नान करते हैं, लोग नहाते हैं, जिससे वहां का जल पीने योग्य बिल्कुल नहीं है. दूषित जल को पीने से ग्रामीणों के बीमार होने की संभावना बढ़ गई है. नदी के अलावा गांव के लोगों को पड़ोसी गांव सथनियां से भी पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. विडंबना ये है की गांव में लाखों रुपए की लागत से पानी की टंकी बनाई गई, जिसकी मोटर खराब है और पानी सप्लाई बंद है. ऐसा नहीं है कि गांव में हैंडपंप नहीं है, लेकिन वो भी जलस्तर नीचे जाने से या खराब हो जाने के कारण बंद पड़े हैं और इनको सुधरवाने के लिए पीएचई विभाग ने कोई भी कदम नहीं उठाया है.

मुड़वारी ग्राम के ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि और नेता चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं, बाद में ग्रामीणों की सुध कोई नहीं लेता. उनके लिए बिन पानी सब सून की कहावत चरितार्थ हो रही है. अभी गर्मी की शुरुआत ही हुई है है यदि इस समस्या का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया तो गांव में जल संकट और बढ़ेगा.

पन्ना। जिले के पवई विकासखंड की ग्राम पंचायत मुड़वारी में पानी के लिए त्राहिमाम मचा हुआ है. पानी से समूचे गांव की जनता परेशान है. पानी के बिना ग्रामीण बूंद-बू्ंद को तरस रहे हैं , लेकिन जनप्रतिनिधि व प्रशासन अब तक अपनी आंख-कान बंद करके बैठा है.

पानी की समस्या से परेशान ग्रामीण

गांव के लोग 3 किलोमीटर दूर स्थित केन नदी के पानी को लाने और दूषित पानी पीने मजबूर हैं. नदी के जल में पशु भी स्नान करते हैं, लोग नहाते हैं, जिससे वहां का जल पीने योग्य बिल्कुल नहीं है. दूषित जल को पीने से ग्रामीणों के बीमार होने की संभावना बढ़ गई है. नदी के अलावा गांव के लोगों को पड़ोसी गांव सथनियां से भी पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. विडंबना ये है की गांव में लाखों रुपए की लागत से पानी की टंकी बनाई गई, जिसकी मोटर खराब है और पानी सप्लाई बंद है. ऐसा नहीं है कि गांव में हैंडपंप नहीं है, लेकिन वो भी जलस्तर नीचे जाने से या खराब हो जाने के कारण बंद पड़े हैं और इनको सुधरवाने के लिए पीएचई विभाग ने कोई भी कदम नहीं उठाया है.

मुड़वारी ग्राम के ग्रामीणों का कहना है कि जनप्रतिनिधि और नेता चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं, बाद में ग्रामीणों की सुध कोई नहीं लेता. उनके लिए बिन पानी सब सून की कहावत चरितार्थ हो रही है. अभी गर्मी की शुरुआत ही हुई है है यदि इस समस्या का शीघ्र निराकरण नहीं किया गया तो गांव में जल संकट और बढ़ेगा.

Last Updated : Jun 7, 2020, 4:33 PM IST
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