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पहले मौसम की मार और फिर तूफान का प्रहार, आम लगाने वाले किसानों के साथ व्यापारी भी परेशान - mango

पन्ना में आम लगाने वाले किसान बेहद परेशान हैं. इस बार पेड़ों में ज्यादा आम नहीं आने से किसानों के सामने साल भर की रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है.

problems mango farmers in panna
आम के किसान परेशान
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Published : May 5, 2020, 10:51 PM IST

पन्ना। फलों का राजा कहलाने वाले आम गर्मी के सीजन में खासा पसंद किया जाता है, जो गर्मी के मौसम में होने वाली कई बीमारियों से भी बचाता है, लेकिन इस बार आम लगाने वाके किसान और उसका व्यापार करने वाले व्यपारियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि इस बार इन आम के पेड़ों पर आम न के बराबर आए हैं.

आम के किसान परेशान

वहीं बची-कुची कसर बेमौसम चल रही आंधी और तूफान ने पूरी कर रहे हैं, जिससे पेड़ों से पूरे आम झाड़ गए हैं और खराब हो गए हैं. पन्ना में आमतौर पर आम की उपज ज्यादा रहती है. कई व्यपारी सीजन में हजारों रुपए आम को बेच कर कमाते हैं और पूरें साल उन्हीं रुपयों से अपना गुजर-बसर करते हैं.

व्यपारियों और आम के ठेकेदारों के कहना है कि उनके द्वारा एक दर्जन या ज्यादा आस-पास लगे आम के पेड़ों का ठेका ले लिया जाता है और पूरे साल उनकी देख-रेख की जाती है. फिर सीजन में जैसे ही आम पेड़ो पर आ जाते हैं वे उन्हें तोड़ कर बाजार में बेंच देते है.

यह आम पन्ना ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों में भी मशहूर हैं. लेकिन इस बार पेड़ो में आम नहीं आए हैं, जिस वजह से उन्हें घाटा लगा है. और अब उन्हें अपने पूरे साल के खर्च का संकट परेशान करने लगा है.

पन्ना। फलों का राजा कहलाने वाले आम गर्मी के सीजन में खासा पसंद किया जाता है, जो गर्मी के मौसम में होने वाली कई बीमारियों से भी बचाता है, लेकिन इस बार आम लगाने वाके किसान और उसका व्यापार करने वाले व्यपारियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं, क्योंकि इस बार इन आम के पेड़ों पर आम न के बराबर आए हैं.

आम के किसान परेशान

वहीं बची-कुची कसर बेमौसम चल रही आंधी और तूफान ने पूरी कर रहे हैं, जिससे पेड़ों से पूरे आम झाड़ गए हैं और खराब हो गए हैं. पन्ना में आमतौर पर आम की उपज ज्यादा रहती है. कई व्यपारी सीजन में हजारों रुपए आम को बेच कर कमाते हैं और पूरें साल उन्हीं रुपयों से अपना गुजर-बसर करते हैं.

व्यपारियों और आम के ठेकेदारों के कहना है कि उनके द्वारा एक दर्जन या ज्यादा आस-पास लगे आम के पेड़ों का ठेका ले लिया जाता है और पूरे साल उनकी देख-रेख की जाती है. फिर सीजन में जैसे ही आम पेड़ो पर आ जाते हैं वे उन्हें तोड़ कर बाजार में बेंच देते है.

यह आम पन्ना ही नहीं बल्कि आस-पास के जिलों में भी मशहूर हैं. लेकिन इस बार पेड़ो में आम नहीं आए हैं, जिस वजह से उन्हें घाटा लगा है. और अब उन्हें अपने पूरे साल के खर्च का संकट परेशान करने लगा है.

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