पन्ना। लगातार कई सालों से सूखे की भीषण मार झेलने वाली मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड अंचल में इस समय पानी को लेकर त्राहि-त्राहि मची हुई है. प्यास बुझाने के लिए लोग बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. हालात इतने अधिक खराब हो चुके हैं कि अब बच्चे महिलाएं और बुजुर्ग अपनी जान से खिलवाड़ कर पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं और पानी भी ऐसा कि जो भी पिये वह बीमार पड़ जाए, लेकिन कहावत है कि "रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून" ऐसे में सरकार द्वारा चलाई जा रही घर-घर नल जल योजना की भी पोल खुलती नजर आ रही है.
बूंद-बूंद को तरसते लोग
अपने वजन से भी ज्यादा भारी पानी से भरा डिब्बा उठाता यह नाबालिक कपकपाते हाथों से पानी से भरी मटकी लिए वृद्ध महिला और पहाड़ों से साइकिल में पानी के डब्बे ले जाने वाली यह तस्वीरें किसी गांव की नहीं बल्कि पन्ना जिला मुख्यालय के उस वार्ड की हैं. जहां स्वयं कलेक्टर व नगर पालिका सीएमओ का निवास है. पन्ना नगर पालिका के वार्ड नंबर 17 मदार टेकरी में जहां लोग आजादी के बाद से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. लोग पीने और अन्य कामों के लिए पानी भरने के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा रहे हैं. बता दें की पानी की टंकी के नीचे से पहाड़ से पानी निकलता है जिससे वहां रहने वाले सैकड़ों लोग पूरे दिन पानी भरकर लाते हैं.
नर्मदा किनारे बसा जबलपुर भी प्यासा, बूंद-बूंद पानी के लिए रोज होती है जद्दोजहद
कई बार समस्या बताने के बाद भी कोई समाधान नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि कई बार चट्टानों और कच्चे रास्ते में फिसलने से महिलाएं, बच्चे और वृद्ध गंभीर घायल हो चुके हैं. ऐसा नहीं है कि लोगों ने इसकी शिकायत नहीं की बल्कि छोटे से लेकर बड़े अधिकारी सहित नेताओं, विधायक तक से गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके इन लोगों की समस्याओं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. गर्मी शुरू होने के पहले जब पानी की इतनी किल्लत है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि गर्मियों में क्या आलम होगा यहां रहने वाले लोग बूंद-बूंद पानी के लिए संघर्ष करते हैं. लगभग 1 किलोमीटर दूर से पहाड़ों से होते हुए पानी भरकर लाते हैं. वहीं जब इस मामले में अधिकारियों से बात की तो उनके द्वारा अपने ऐसी चेंबर में बैठकर रटा रटाया जवाब देते हुए मामले से अपना पल्ला झाड़ लिया.