पन्ना। भले ही सरकार किसानों को खाद, बीज उपलब्ध कराने की बात करती हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ अलग है. रबी की फसल की बुवाई का समय चल रहा है. ऐसे में पन्ना जिले के किसानों के लिए उर्वरक की किल्लत के कारण एक बड़ी मुशीबत खड़ी हो गई है. आलम ये है कि, एक तरफ अन्नदाता बुवाई के लिए तैयार कर चुके हैं, तो दूसरी तरफ खाद नहीं मिलने से लेट होने का खतरा मंडरा रहा है. डीएपी और यूरिया उर्वरक की किल्लत से किसान परेशान हैं. किसान दर- दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं, इतना हीं नहीं उन्हें प्रायवेट दुकानों से मनमाने कीमत पर उर्वरक खरीदना पड़ रहा है.
पन्ना जिला प्रशासन की लापरवाही
पन्ना जिले में उर्वरक का भंडारण बहुत कम है. अगर खाद भंडारण की बात करें, तो जिले में 6 डबल लॉक भंडारण गोदाम हैं. इसके साथ ही 88 सोसाइटी हैं, लेकिन आज की स्तिथि में जिले में लगभग 28 शासकीय सोसाइटी खाली पड़ी हुई हैं. जहां एक किलो भी खाद मौजूद नहीं है. जो अपने आप मे जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही है.
कैसे मिलेगा किसानों को उर्वरक ?
जिले में कुल भंडारण की बात करें, तो स्थिति बहुत दयनीय है. जिले में पन्ना ,अमानगंज, गुनोर,पवई, रैपुरा, देवेंद्रनगर भंडारण गोदाम हैं. जिनमे अलग-अलग मात्रा में खाद मौजूद है, जो बहुत कम मात्रा है. जिले में कुल भंडारण के अनुसार, यूरिया का लक्ष्य 6050 मीट्रिक टन है, लेकिन अभी 3173 मीट्रिक टन उपलब्धता में 2410 मीट्रिक टन विक्रय हो चुका है और 762.255 मीट्रिक टन बचत है. इसी प्रकार डीएपी का लक्ष्य हैं 4950 मीट्रिक टन, जिसमे अभी तक 4235 मीट्रिक टन उपलब्धता के अनुसार 3624 विक्रय की जा चुकी है और सिर्फ आज की स्थिति में 611 मीट्रिक टन बचत है. या यूं कहें कि, हजारों किसानों के लिए आज की स्थिति में डीएपी सिर्फ 611 मीट्रिक टन और यूरिया 762 मीट्रिक टन मौजूद हैं. इस प्रकार जिले में खाद की स्तिथि बेहद गंभीर है.