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मांगें पूरी न होने पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की इच्छामृत्यु की मांग - संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांग

पन्ना जिले में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने मांगें पूरी ना होने पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम इच्छामृत्यु की अनुमति को लेकर पत्र लिखा है. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि कोरोनाकाल में जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने के बावजूद सरकार उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

contract health workers demanded permission to suicide from government
मांगें पूरी न होने पर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने की इक्षामृत्यु की मांग
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Published : Aug 31, 2020, 10:22 PM IST

पन्ना। जिले में सोमवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को लेकर कोई निराकरण न होने की वजह से प्रदर्शन किया. प्रदेश के मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल के नाम इच्छामृत्यु की अनुमति को लेकर पोस्टकार्ड लिखकर पोस्ट किए हैं.

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से प्रदेश के जन सामान्य को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एड्स नियंत्रण, आरएनटीसीपी परियोजना अंतर्गत कार्यरत 19 हजार संविदा स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी, आयुष पैरामेडिकल आदि अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी से रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग और उपचार में अपना दायित्व पूरी निष्ठा से निर्वहन कर रहे हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी मांगों को पर नहीं किया है.

दरअसल मध्यप्रदेश शासन द्वारा 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने हेतु नीति निर्देश का क्रियान्वयन किए जाने हेतु लेख किया गया है. जिसमें राज्य एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत समस्त वर्तमान एवं पूर्व में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को उक्त नवीन नीति के तहत लाभान्वित कर संविदा कर्मचारियों का नियमित समकक्ष पद अनुरूप 90 प्रतिशत वेतन निर्धारण किया जाना था. वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुनः 22 अगस्त 2020 को उक्त नीति क्रियान्वयन 90 प्रतिशत वेतन निर्धारण हेतु लेख किया गया है. लेकिन आज तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को उक्त नीति वा लाभ से वंचित रखा गया है.

सामान्य प्रशासन विभाग के संविदा नीति निर्देशों का क्रियान्वयन कई विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राजस्व विभाग, पुलिस हाउसिंग विभाग, भू अभिलेख, पंचायत ग्रामीण विकास विभाग, प्रमुख राजस्व, आयुक्त कार्यालय विकास, आयुक्त कार्यालय संचनालय सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण, संसदीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जा चुका है. लेकिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों के संबंध में शासन द्वारा अभी तक संज्ञान में नहीं लिया गया है. जिसके चलते समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इच्छा मृत्यु की अनुमति हेतु प्रदर्शन कर इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की मांग की है.

पन्ना। जिले में सोमवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने अपनी बहुप्रतीक्षित मांगों को लेकर कोई निराकरण न होने की वजह से प्रदर्शन किया. प्रदेश के मुख्यमंत्री और महामहिम राज्यपाल के नाम इच्छामृत्यु की अनुमति को लेकर पोस्टकार्ड लिखकर पोस्ट किए हैं.

संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से प्रदेश के जन सामान्य को बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, एड्स नियंत्रण, आरएनटीसीपी परियोजना अंतर्गत कार्यरत 19 हजार संविदा स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी, आयुष पैरामेडिकल आदि अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी से रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग और उपचार में अपना दायित्व पूरी निष्ठा से निर्वहन कर रहे हैं. लेकिन सरकार ने अभी तक उनकी मांगों को पर नहीं किया है.

दरअसल मध्यप्रदेश शासन द्वारा 5 जून 2018 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा संविदा पर नियुक्त अधिकारियों/ कर्मचारियों को नियमित पदों पर नियुक्ति के अवसर प्रदान किए जाने हेतु नीति निर्देश का क्रियान्वयन किए जाने हेतु लेख किया गया है. जिसमें राज्य एवं जिला स्वास्थ्य समिति के अंतर्गत समस्त वर्तमान एवं पूर्व में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को उक्त नवीन नीति के तहत लाभान्वित कर संविदा कर्मचारियों का नियमित समकक्ष पद अनुरूप 90 प्रतिशत वेतन निर्धारण किया जाना था. वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा पुनः 22 अगस्त 2020 को उक्त नीति क्रियान्वयन 90 प्रतिशत वेतन निर्धारण हेतु लेख किया गया है. लेकिन आज तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा कर्मचारियों को उक्त नीति वा लाभ से वंचित रखा गया है.

सामान्य प्रशासन विभाग के संविदा नीति निर्देशों का क्रियान्वयन कई विभागों जैसे महिला एवं बाल विकास विभाग, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम, राजस्व विभाग, पुलिस हाउसिंग विभाग, भू अभिलेख, पंचायत ग्रामीण विकास विभाग, प्रमुख राजस्व, आयुक्त कार्यालय विकास, आयुक्त कार्यालय संचनालय सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण, संसदीय कार्य विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा किया जा चुका है. लेकिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की मांगों के संबंध में शासन द्वारा अभी तक संज्ञान में नहीं लिया गया है. जिसके चलते समस्त संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने इच्छा मृत्यु की अनुमति हेतु प्रदर्शन कर इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करने की मांग की है.

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