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जान जोखिम में डालकर स्कूल जाने को मजबूर हैं बच्चे, अधिकारियों ने मूंदी अपनी आंखें - naale

जिले के बच्चे उफनते नालों की वजह से नहीं जा पा रहें हैं स्कूल और आंगनबाड़ी. उच्च अधिकारि नहीं दे रहें हैं ध्यान.

जान जोखिम में डालकर नाली पार करते बच्चे
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Published : Aug 28, 2019, 6:04 PM IST

पन्ना। जिले के गुनौर में आने वाले ग्राम हिनौती बेली के प्राथमिक शाला हरिजन टोला के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जिले में स्कूल और आंगनबाड़ी जाने के रास्तों में कई ऐसे नाले पड़ते हैं, जो बारिश के बाद उफान पर होते हैं और बच्चे इन्हें पार करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर नाली पार करते बच्चे

कई दफा ये रास्ते बिल्कुल बंद हो जाते हैं, जिसकी वजह से बच्चें स्कूल और आंगनबाड़ी नहीं जा पाते हैं. बारिश के मौसम में जहरीले कीड़े और सांप के स्कूल में घुस जाने का कतरा बना रहता है. जो बच्चे पढ़ाई करने के लिये या आंगनबाडी में पोषण आहार प्राप्त करने आते भी हैं, तो शिक्षकों को उन्हें गोद मे उठाकर नाले को पार करवाते हैं.

शिक्षकों का कहना है, की नाले में पानी के तेज बहाव की वजह से परिजन अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजते हैं. जिस वजह से बरसात मे कई- कई दिनों तक क्लासेस खाली पड़ी रहती हैं. पूरे मामले में बीआरसी प्राचार्य का कहना है कि मामले को उच्च अधिकारियों की जानकारी में लाया गया है. जल्द ही समस्या का समाधान होगा.

पन्ना। जिले के गुनौर में आने वाले ग्राम हिनौती बेली के प्राथमिक शाला हरिजन टोला के बच्चे अपनी जान जोखिम में डालकर शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. जिले में स्कूल और आंगनबाड़ी जाने के रास्तों में कई ऐसे नाले पड़ते हैं, जो बारिश के बाद उफान पर होते हैं और बच्चे इन्हें पार करने को मजबूर हैं.

जान जोखिम में डालकर नाली पार करते बच्चे

कई दफा ये रास्ते बिल्कुल बंद हो जाते हैं, जिसकी वजह से बच्चें स्कूल और आंगनबाड़ी नहीं जा पाते हैं. बारिश के मौसम में जहरीले कीड़े और सांप के स्कूल में घुस जाने का कतरा बना रहता है. जो बच्चे पढ़ाई करने के लिये या आंगनबाडी में पोषण आहार प्राप्त करने आते भी हैं, तो शिक्षकों को उन्हें गोद मे उठाकर नाले को पार करवाते हैं.

शिक्षकों का कहना है, की नाले में पानी के तेज बहाव की वजह से परिजन अपने बच्चों को स्कूल ही नहीं भेजते हैं. जिस वजह से बरसात मे कई- कई दिनों तक क्लासेस खाली पड़ी रहती हैं. पूरे मामले में बीआरसी प्राचार्य का कहना है कि मामले को उच्च अधिकारियों की जानकारी में लाया गया है. जल्द ही समस्या का समाधान होगा.

Intro:पन्ना।
एंकर:- राज्य व केंद्र सरकार के द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं को शिक्षित व स्वालंबी बनाने के लिए अनेक प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। शासन के द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रवेश से लेकर साइकिल, काॅपी-किताब, छात्रवृत्ति सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। ताकि छात्र-छत्रायें पढ़ लिख कर अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सके और अपना और अपने देश का भविष्य बना सके लेकिन पन्ना जिले के गुनौर अंतर्गत आने वाले ग्राम हिनौती बेली के प्राथमिक शाला हरिजन टोला के छात्र-छात्राओं को जान की बाजी लगा कर शिक्षा प्राप्त करनी पड़ रही है और कई छात्र-छात्राओं की पढाई चौपट हो रही है। Body:स्कूल और आंगनवाडी जाने के रास्ते मे एक नाला है जिसमे बरसात के दिनों में बाढ़ जैसे हालात हो जाते हैं जिस कारण बच्चों को स्कूल पहुंचने में अपनी जान जोखिम में डालकर गुजरना होता है। इतना ही नही कई दिनो तक रास्ता बंद भी हो जाता है पानी के तेज बहाव के कारण नाले के आसपास जहरीले कीड़े आये दिन स्कूल पर निकलते हैं जिस कारण शिक्षक और बच्चों में भय बना रहता है। जो बच्चे पढाई करने के लिये या आंगनबाडी में पोषण आहार को प्राप्त करने आते भी है तो शिक्षको को उन्हे गोद मे उठाकर नाले को पार करवाना पड़ता है।Conclusion: शिक्षको की माने तो नाले में पानी में तेज बहाव की वजह से परिजन अपने बच्चो को स्कूल ही नही भेजते है जिस कारण से बरसात मे कई-कई दिनो तक कक्षाये खाली पड़ी रहती है। साथ ही बरसात मे नाले से जहरीले कीड़े निकल कर स्कूल में आ जाते है। इसकी जानकारी भी कई बार उच्च अधिकारियों को दी जा चुकी है लेकिन कोई सुनवाई नही होती है। वही आंगनबाड़ी कार्याकर्ता का कहना है कि नाले के कारण बच्चे पोषण आहार से भी वंछित हो रहे है। वही इस पूरे मामले में बीआरसी प्राचार्य का कहना है कि मामले को उच्च अधिकारियों की जानकारी में लाया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान होगा।

बाईट:- 1 दिनेश त्रिपाठी (शिक्षक)
बाइट:- 2 सुशीला गुप्ता (आंगनवाड़ी कार्यकर्ता)
बाईट:- 3 बी.एल. प्रजापति (संकुल प्रचार्य)
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