पन्ना। बाघों की संदिग्ध मौत को लेकर सुर्खियों में रहने वाले पन्ना टाइगर रिजर्व क्षेत्र से गुजरने वाली केन नदी में नर बाघ पी-123 का शव पानी की सतह पर मिला है. टाइगर टी- 431 के साथ हुए संघर्ष में वयस्क टाइगर पी-123 घायल होकर केन नदी में गिर गया था. पिछले तीन दिनों से बाघ की सरगर्मी से पार्क के अंदर और नदी में टाइगर की तलाश की जा रही थी.
सर्चिंग के दौरान मिला शव
नाव से सर्चिंग के दौरान रेस्क्यू टीम को बाघ का शव पानी में मिला है, मृत बाघ के शव को नदी से बाहर निकलवाकर शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद दाह संस्कार किया गया. पिछले डेढ़ माह के अंदर पन्ना में बाघ की मौत की ये तीसरी घटना है, जबकि पिछले 9 माह के अंदर पन्ना में बाघ की ये 5वीं मौत है. नदी में पानी अधिक होने और घायल होने के कारण बाघ पानी में गिरने के बाद निकल नहीं पाया और डूबने से उसकी मौत हो गई. इसके पहले 27 जुलाई को वन परिक्षेत्र की मझौली बीट के वन कक्ष क्रमांक- पी-511 में एक नर बाघ का क्षत-विक्षत शव मिला था.
घायल बाघ की डूबने से हुई मौत
पन्ना टाइगर रिजर्व की गहरीघाट रेंज के तहत सुरक्षा श्रमिक के कैंप के नजदीक दो दिन पहले बाघिन टी-6 की मौजूदगी रही है. वहीं विचरण कर रहे टाइगर पी-123 और टाइगर टी- 431 बाघिन को रिझाने के चक्कर में आपस में भिड़ गए थे. आसपास मौजूद मैदानी कर्मचारियों ने बाघों के बीच हुए भीषण संघर्ष को प्रत्यक्ष तौर पर देखा था. इस लड़ाई में वयस्क नर बाघ पी-123 जख्मी होकर भागने के दौरान केन नदी में गिर गया था.
घायल बाघ की तलाश करने के लिए नदी और आसपास के इलाके में सर्चिंग शुरू की गई, दूसरे वन्यजीवों की तरह बाघ भी तैरना जानते हैं, लेकिन नदी में पानी अधिक होने और गंभीर रूप से घायल होने के कारण टाइगर पी-123 पानी में डूब गया. सघन सर्चिंग के दौरान रेस्क्यू टीम को गंगऊ बांध के ऊपरी हिस्से में बाघ का शव उतराता हुआ मिला है.