निमाड़ी। मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना की दहशत देखने को मिल रही है. कोराना से खौफजदा लोग गांव के लोगों की दूसरी सामान्य बीमारी से इलाज के दौरान मरने वाले लोगों का भी आसानी से गांव में अंतिम संस्कार नहीं करने दे रहे. ऐसे ही एक मामले में निवाड़ी की एक महिला जो मलेरिया से पीड़ित थी उसकी इलाज के दौरान झांसी के एक अस्पताल में मौत हो गई, इनकी बॉडी को लेकर जब परिजन गांव पहुंचे तो गांव वालों ने अंतिम संस्कार का विरोध किया. जिसके बाद प्रशासन को मामले में दखल देना पड़ा.
गांव वालों ने कहा अपने खेत में करो अंतिम संस्कार
मृत महिला टीकमगढ़ न्यायालय में पदस्थ थी और पिछले करीब एक सप्ताह से मलेरिया से पीड़ित थीं. कल देर रात अचानक हालत बिगडने पर परिजन उन्हें इलाज के लिये मेडिकल कॉलेज झांसी ले गये थे जहां उनकी मौत हो गयी, महिला के शव को लेकर परिजन जब अपने पैतृक गांव चिरपुरा पहुंचे तो ग्रामीणों ने कोरोना संक्रमण के डर के चलते उन्हें सार्वजनिक शमशान घाट पर अंतिम संस्कार करने से रोक दिया. गांव वालों ने कहा कि आप अपने खेत पर ही अंतिम संस्कार करो.
प्रशासन को देना पड़ा दखल
इस घटना की जानकारी परिजनों ने प्रशासन को दी जिसके बाद आज सुबह एसपी निवाड़ी,एसडीएम पृथ्वीपुर पुलिस बल के साथ चिरपुरा गांव पहुंचे जिसके बाद ग्रामीणों को समझाइश देते हुए महिला का विधि-विधान के साथ गांव के श्मशान घाट पर ही महिला का अंतिम संस्कार कराया.