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रिश्वत के नहीं थे पैसे, इसलिए नहीं मिला आवास योजना का लाभ, CM ने जिम्मेदारों को किया सस्पेंड - ETV bharat News

निवाड़ी जिले में 15 सितंबर को सीएम शिवराज चौहान (CM Shivraj Chauhan) ने तीन अधिकारियों को मंच से सस्पेंड कर दिया था. इस मामले में ईटीवी भारत ने ग्राउंड रिपोर्ट की. पीड़ित ग्रामीण का कहना है कि उसके पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उसको प्रधानमंत्री आवास योजना (Prime Minister's Housing Scheme) का लाभ नहीं मिल सका. मजबूरन एक तिरपाल के नीचे रहना पड़ रहा है.

corruption in housing scheme
आवास योजना में हुआ भ्रष्टाचार
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Published : Sep 17, 2021, 10:19 PM IST

निवाड़ी। आजादी के 75 साल बाद भी गरीबों के हालात जस की तस बने हुए है. आजादी के बाद देश में कई सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया. आज भी कुछ लोग टूटे फूटे कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की जहां हाल ही में जनदर्शन यात्रा (Jandarshan Yatra) के दौरान प्रधानमंत्री आवास में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने तीन अधिकारियों को मौके पर ही सस्पेंड किया था.

दरअसल सीएम चौहान ने 15 सितंबर को नगर पंचायत जेरोन में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री ने नगर पंचायत के तत्कालीन सीएमओ और उपयंत्री को मंच से ही सस्पेंड कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे. जेरोन निवासी रामपास आदिवासी का कहना है कि उसके पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है, इसके लिए उसे आवास नहीं मिला. पिछले कई वर्षों से अपने बच्चों के साथ पन्नी डालकर झोपड़ी में रह रहा है. पक्का मकान ना होने के कारण उसकी पत्नी भी उसे और बच्चे को छोड़कर चली गई.

आवास योजना में हुआ भ्रष्टाचार

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सरकार के सभी दावें खोखले

रामपास के पड़ोसियों ने बताया कि एक सीधा व्यक्ति है. मजदूरी कर अपना पेट पालता है. कुछ वर्ष पूर्व बरसात में मकान धराशाई हो गया था. जितना मकान बचा उस पर पन्नी डालकर यह अपने बच्चे के साथ रहता है. उसी के अंदर खाना बनाता है और सोता है. अब ऐसे में सरकार के वह दावें खोखले साबित होते हैं, जिसमें सरकार अपने आप को गरीबों का मसीहा बताती है.

जांच के बाद मिलेगा मकान

नगर पंचायत के सीएमओ नवाब सिंह का कहना है कि पिछले सीएमओ उमाशंकर मिश्रा और उपयंत्री अभिषेक राजपूत ने लिस्ट जारी की थी. वर्तमान में मुख्यमंत्री ने उन लोगों को निलंबित कर पूरे आवासों की जांच कराने के निर्देश दिए है. जांच में जो भी पात्र होगा उन सभी को आवास दिया जाएगा. अभी तक लगभग एक हजार लोगों को आवास दिए जा चुके हैं.

भ्रष्ट अधिकारियों की CM शिवराज ने ली 'क्लास', मंच से ही कर दिया सस्पेंड, Video देखें

आरोप सिद्ध होने पर होगी कार्रवाई

इस मामले में निवाड़ी कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी का कहना है कि जेरोन नगर पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते वहां के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है. मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच होने के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. अगर अधिकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार किया गया है या पैसे लिए गए हैं, तो यह अपराध अच्छमय है, कार्रवाई की जाएगी.

निवाड़ी। आजादी के 75 साल बाद भी गरीबों के हालात जस की तस बने हुए है. आजादी के बाद देश में कई सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया. आज भी कुछ लोग टूटे फूटे कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की जहां हाल ही में जनदर्शन यात्रा (Jandarshan Yatra) के दौरान प्रधानमंत्री आवास में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने तीन अधिकारियों को मौके पर ही सस्पेंड किया था.

दरअसल सीएम चौहान ने 15 सितंबर को नगर पंचायत जेरोन में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री ने नगर पंचायत के तत्कालीन सीएमओ और उपयंत्री को मंच से ही सस्पेंड कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे. जेरोन निवासी रामपास आदिवासी का कहना है कि उसके पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है, इसके लिए उसे आवास नहीं मिला. पिछले कई वर्षों से अपने बच्चों के साथ पन्नी डालकर झोपड़ी में रह रहा है. पक्का मकान ना होने के कारण उसकी पत्नी भी उसे और बच्चे को छोड़कर चली गई.

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रामपास के पड़ोसियों ने बताया कि एक सीधा व्यक्ति है. मजदूरी कर अपना पेट पालता है. कुछ वर्ष पूर्व बरसात में मकान धराशाई हो गया था. जितना मकान बचा उस पर पन्नी डालकर यह अपने बच्चे के साथ रहता है. उसी के अंदर खाना बनाता है और सोता है. अब ऐसे में सरकार के वह दावें खोखले साबित होते हैं, जिसमें सरकार अपने आप को गरीबों का मसीहा बताती है.

जांच के बाद मिलेगा मकान

नगर पंचायत के सीएमओ नवाब सिंह का कहना है कि पिछले सीएमओ उमाशंकर मिश्रा और उपयंत्री अभिषेक राजपूत ने लिस्ट जारी की थी. वर्तमान में मुख्यमंत्री ने उन लोगों को निलंबित कर पूरे आवासों की जांच कराने के निर्देश दिए है. जांच में जो भी पात्र होगा उन सभी को आवास दिया जाएगा. अभी तक लगभग एक हजार लोगों को आवास दिए जा चुके हैं.

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आरोप सिद्ध होने पर होगी कार्रवाई

इस मामले में निवाड़ी कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी का कहना है कि जेरोन नगर पंचायत में भ्रष्टाचार की शिकायतों के चलते वहां के दो अधिकारियों को निलंबित किया गया है. मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं. जांच होने के बाद जो भी तथ्य सामने आएंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी. अगर अधिकारी कर्मचारियों ने भ्रष्टाचार किया गया है या पैसे लिए गए हैं, तो यह अपराध अच्छमय है, कार्रवाई की जाएगी.

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