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नहीं है श्मशान तक जाने का रास्ता, अर्थी लेकर घुटनों तक पानी से होकर गुजरने को मजबूर ग्रामीण - श्मशान

नीमच के बड़ोदिया गांव में मुक्तिधाम (Crematorium) जाने का रास्ता नहीं होने से ग्रामीण परेशान है. ग्रामीणों को बरसाती नाला (Drain) पार करके मुक्तिधाम जाना पड़ता है.

नहीं है श्मशान तक जाने का रास्ता
नहीं है श्मशान तक जाने का रास्ता
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Published : Sep 3, 2021, 7:59 PM IST

नीमच। मनासा के बड़ोदिया गांव में मुक्तिधाम (Crematorium) जाने के लिए रास्ता नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामने करना पड़ता है. ग्रामीणों को एक बरसाती नाले को पार कर मुक्तिधाम (Crematorium) तक जाना पड़ता है. भारी बारिश में कई बार नाला (Drain) ग्रामीणों की परेशानी का कारण बन जाता है. इसे लेकर ग्रामीण कई बार रास्ता बनवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है.

नहीं है श्मशान तक जाने का रास्ता

बारिश के मौसम में होती है परेशानी

ग्रामीणों ने बताया कि कई बार बारिश के दौरान नाला (Drain) उफान पर होता है. ऐसे में किसी की मौत हो जाने पर निजी भूमि पर अंतिम संस्कार किया जाता है. अगर किसी की निजी भूमि नहीं है तो बारिश रुकने या नाले में पानी कम होने का इंतजार करने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं होता है. ग्रामीणों की मांग है कि या तो श्मशान घाट (Crematorium) तक जाने का रास्ता बना दिया जाए, या प्रशासन श्मशान के लिए कोई और भूमि आवंटित कर दे.

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जल्द किया जाएगा ग्रामीणों की समस्या का समाधान

इस मामले में नीमच कलेक्टर मयंक अग्रवाल से बात की गई, तो उनका कहना था कि "लसूड़िया पंचायत का ये मामला संज्ञान में आया है, अगर पंचायत स्तर का काम होगा, तो पंचायत स्तर पर करवाया जाएगा. अगर बड़ा काम होगा तो प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जाएगा और ग्रामीणों की समस्या को हल किया जाएगा."

नीमच। मनासा के बड़ोदिया गांव में मुक्तिधाम (Crematorium) जाने के लिए रास्ता नहीं होने से ग्रामीणों को परेशानी का सामने करना पड़ता है. ग्रामीणों को एक बरसाती नाले को पार कर मुक्तिधाम (Crematorium) तक जाना पड़ता है. भारी बारिश में कई बार नाला (Drain) ग्रामीणों की परेशानी का कारण बन जाता है. इसे लेकर ग्रामीण कई बार रास्ता बनवाने की मांग कर चुके हैं, लेकिन लगातार उनकी मांगों को अनसुना किया जा रहा है.

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