नीमच। प्रशासन ने स्कूल चले हम, सब पढ़ें सब बढ़ें जैसे कई अभियान लागू तो कर दिए हैं मगर सुविधाएं नदारद हैं. ऐसा ही एक मामला मनासा क्षेत्र के रामपुरा के पास गांव माता का खेड़ा में देखने को मिला. जहां कक्षा पहली से लेकर पांचवी तक स्कूल है जिसमें करीब 50 से 60 बच्चे पढ़ने आते हैं. शासन ने स्कूल में शौचालय तो बना दिया पर बिल्डिंग बनाना भूल गई. पहली से पांचवी तक पढ़ने वाले सभी बच्चे खुले में बैठने को मजबूर है.
पिछले दस सालों से यह सिलसिला चलता आ रहा है. बच्चों के भविष्य को शौचलायों में बनाया जा रहा है. गांव वालों का कहना है कि बच्चों को झोपड़ी बनाकर पढ़ने के लिए बिठाया जाता है. सबसे ज्यादा जरूरी स्कूल की बिल्डिंग थी पर शासन ने आंगनबाड़ी भवन बना दिया. बच्चों को पढ़ाई में काफी समस्याएं आती हैं. बारिश के समय में बच्चों को शौचालयों में बिठा दिया जाता है. इसकी शिकायत गांव वालों ने शिक्षा अधिकारी से लेकर कलेक्टर तक को की लेकिन कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इसकी सुनवाई नहीं कर रहा है.
वहीं नीमच डीपीसी पीएस गोयल ने बताया कि चार लाख सोलह हजार की मान से एक कक्ष और एक बरामदा बनाने की राशि स्वीकृत कर दी है. बहुत जल्द काम शुरू करवाने का आस्वासन दिया है.