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नीमच जेल ब्रेकः चार फरार कैदी, जेल प्रहरी सहित पुलिस ने 14 को बनाया आरोपी - कैदी फरार

जेल ब्रेक मामले में पुलिस ने शुरूआती जांच में करीब 10 और लोगों को आरोपी बनाया है. इस तरह फरार कैदियों सहित कुल 14 लोग इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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Published : Jun 24, 2019, 11:55 PM IST

नीमच। जेल ब्रेक मामले में पुलिस ने शुरूआती जांच में करीब 10 और लोगों को आरोपी बनाया है. इस तरह फरार कैदियों सहित कुल 14 लोग इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं. इसके पहले भोपाल जेल ब्रेक और खंडवा जेल ब्रेक की घटना भी हुई थी, खंडवा से सिमी के कैदी फरार हो गये थे, जबकि भोपाल जेल ब्रेक के बाद भागे सिमी के आतंकियों को पुलिस ने अगली सुबह हुई मुठभेड़ में मार गिराया था.


एसपी राकेश कुमार सागर के मुताबिक इस पूरी घटना के दौरान चार लोगों ने जेल के अंदर से कैदियों को फरार होने में मदद की थी. जिसमें ईश्वरचंद और विजेंद्र धाकड़ प्रहरी, पवन धाकड़ और रामप्रसाद थे. उन्होंने बताया कि कैदी अंदर से रस्सी पकड़े हुए थे और जेल के बाहर 6 लोग फरार कराने के लिए मुस्तैद थे. फरार कैदी नाहर सिंह का भाई बबलू, पंकज का पिता रामनारायण, कमल लाल दोस्त, मास्टर माइंड विनोद डांगी और दो अन्य साथी बाहर थे. इस तरह 6 लोग जेल के बाहर मौजूद थे.

पुलिस ने 14 को बनाया आरोपी


वहीं ये भी सामने आया है कि 11 नंबर बैरक में कुख्यात तस्कर घनशयाम धाकड़ भी बंद था. जिस पर खुद को मरा हुआ दिखाकर फरार होने के मामले की जांच सीबीआई कर रही है. ये भी पता चला है कि जेल में कुछ नशीली दवाइयां मिली हैं. जो 2-3 दिन तक बैरक में मौजूद कैदियों को रसना के साथ पिलाई जा रही थी. जिससे दूसरे कैदी नींद में चले जाते थे और ये आरोपी आसानी से सलाखें काटते थे.


मोटापे के चलते आरोपी ने कुछ दिन टाली योजना
एक गौर करने वाली बात ये भी सामने आई है कि आरोपी दुबेलाल धुर्वे मोटा होने के चलते योजना को कुछ दिन टाला गया. भागने के लिए इन्हें काफी ड्रिल भी करना पड़ा. धुर्वे के पतले होते ही इस योजना पर काम किया गया क्योंकि भागने की जगह सकरी थी. इन चारों में तय था कि सभी साथ भागेंगे. पुलिस ने साथी आरोपियों को नामजद आरोपी बनाया है. जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी होगी.

नीमच। जेल ब्रेक मामले में पुलिस ने शुरूआती जांच में करीब 10 और लोगों को आरोपी बनाया है. इस तरह फरार कैदियों सहित कुल 14 लोग इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं. इसके पहले भोपाल जेल ब्रेक और खंडवा जेल ब्रेक की घटना भी हुई थी, खंडवा से सिमी के कैदी फरार हो गये थे, जबकि भोपाल जेल ब्रेक के बाद भागे सिमी के आतंकियों को पुलिस ने अगली सुबह हुई मुठभेड़ में मार गिराया था.


एसपी राकेश कुमार सागर के मुताबिक इस पूरी घटना के दौरान चार लोगों ने जेल के अंदर से कैदियों को फरार होने में मदद की थी. जिसमें ईश्वरचंद और विजेंद्र धाकड़ प्रहरी, पवन धाकड़ और रामप्रसाद थे. उन्होंने बताया कि कैदी अंदर से रस्सी पकड़े हुए थे और जेल के बाहर 6 लोग फरार कराने के लिए मुस्तैद थे. फरार कैदी नाहर सिंह का भाई बबलू, पंकज का पिता रामनारायण, कमल लाल दोस्त, मास्टर माइंड विनोद डांगी और दो अन्य साथी बाहर थे. इस तरह 6 लोग जेल के बाहर मौजूद थे.

पुलिस ने 14 को बनाया आरोपी


वहीं ये भी सामने आया है कि 11 नंबर बैरक में कुख्यात तस्कर घनशयाम धाकड़ भी बंद था. जिस पर खुद को मरा हुआ दिखाकर फरार होने के मामले की जांच सीबीआई कर रही है. ये भी पता चला है कि जेल में कुछ नशीली दवाइयां मिली हैं. जो 2-3 दिन तक बैरक में मौजूद कैदियों को रसना के साथ पिलाई जा रही थी. जिससे दूसरे कैदी नींद में चले जाते थे और ये आरोपी आसानी से सलाखें काटते थे.


मोटापे के चलते आरोपी ने कुछ दिन टाली योजना
एक गौर करने वाली बात ये भी सामने आई है कि आरोपी दुबेलाल धुर्वे मोटा होने के चलते योजना को कुछ दिन टाला गया. भागने के लिए इन्हें काफी ड्रिल भी करना पड़ा. धुर्वे के पतले होते ही इस योजना पर काम किया गया क्योंकि भागने की जगह सकरी थी. इन चारों में तय था कि सभी साथ भागेंगे. पुलिस ने साथी आरोपियों को नामजद आरोपी बनाया है. जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी होगी.

Intro:नीमच जेलब्रेक मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच में करीब 10 और लोगों को आरोपी Body:नीमच। नीमच जेलब्रेक मामले में पुलिस ने प्रारंभिक जांच में करीब 10 और लोगों को आरोपी बनाया है। इस तरह फरार कैदियों सहित कुल 14 लोग इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं IBC24 से एक्सक्लूसिव जानकारी में एसपी राकेश कुमार सागर ने बताया है कि इस पूरी घटना के दौरान चार लोग जेल के अंदर से कैदियों को फरार कराने में मदद की इसमें ईश्वरचंद ओर विजेंद्र धाकड़ प्रहरी, पवन धाकड ओर रामप्रसाद, कैदी अंदर से रस्सी पकड़े हुए थे। जेल के बाहर 6 लोग फरार कराने के लिए मुस्तैद थे इसमें फरार कैदी नाहर सिंह का भाई बबलू , पंकज का पिता रामनारायण,कमल लाल दोस्त, मास्टर माइंड विनोद डांगी, व दो अन्य साथी बाहर थे। इस तरह 6 लोग कुल जेल के बाहर मौजूद थे । जानकारी में यह भी सामने आया है की 11 नंबर बैरक में कुख्यात तस्कर घनशयाम धाकड़ भी बंद था जिसपर खुद को मार दिखाकर फरार हिने के मामले की जाँच सीबीआई कर रही है । जो हाल ही में पुलिस ने पनुः तस्करी करते पकड़ा था। इतना ही नहीं जांच में यह भी सामने आया है कि वहां कुछ नशीली दवाइयां मिली है । कहा जा रहा है 2 से 3 दिन तक बैरक में मौजूद कैदियों को रसना के साथ पिलाई जा रही थी । जिससे अन्य कैदी नींद में चले जाते थे और यह आरोपी आसानी से सलाखें काट सकते थे । एक रोचक बात सामने आई है आरोपी दुबेलाल धुर्वे मोटा होने के चलते योजना को कुछ दिन टाला गया। भागने के लिए इन्हें काफी ड्रिल भी करना पड़ी और उसके पतले होते ही इस योजना पर काम किया गया। क्योकि भागने की जगह सकरी थी। इन चारों में यह निर्णय हुआ था कि सभी साथ भागेंगे। पुलिस ने साथी आरोपियों को नामजद आरोपी बना लिया है। इनकी जल्द गिरफ्तारी होगी।

बाइट -राकेश कुमार सगर
पुलिस अधिक्षकConclusion:
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