नीमच। जेल ब्रेक मामले में पुलिस ने शुरूआती जांच में करीब 10 और लोगों को आरोपी बनाया है. इस तरह फरार कैदियों सहित कुल 14 लोग इस मामले में आरोपी बनाए गए हैं. इसके पहले भोपाल जेल ब्रेक और खंडवा जेल ब्रेक की घटना भी हुई थी, खंडवा से सिमी के कैदी फरार हो गये थे, जबकि भोपाल जेल ब्रेक के बाद भागे सिमी के आतंकियों को पुलिस ने अगली सुबह हुई मुठभेड़ में मार गिराया था.
एसपी राकेश कुमार सागर के मुताबिक इस पूरी घटना के दौरान चार लोगों ने जेल के अंदर से कैदियों को फरार होने में मदद की थी. जिसमें ईश्वरचंद और विजेंद्र धाकड़ प्रहरी, पवन धाकड़ और रामप्रसाद थे. उन्होंने बताया कि कैदी अंदर से रस्सी पकड़े हुए थे और जेल के बाहर 6 लोग फरार कराने के लिए मुस्तैद थे. फरार कैदी नाहर सिंह का भाई बबलू, पंकज का पिता रामनारायण, कमल लाल दोस्त, मास्टर माइंड विनोद डांगी और दो अन्य साथी बाहर थे. इस तरह 6 लोग जेल के बाहर मौजूद थे.
वहीं ये भी सामने आया है कि 11 नंबर बैरक में कुख्यात तस्कर घनशयाम धाकड़ भी बंद था. जिस पर खुद को मरा हुआ दिखाकर फरार होने के मामले की जांच सीबीआई कर रही है. ये भी पता चला है कि जेल में कुछ नशीली दवाइयां मिली हैं. जो 2-3 दिन तक बैरक में मौजूद कैदियों को रसना के साथ पिलाई जा रही थी. जिससे दूसरे कैदी नींद में चले जाते थे और ये आरोपी आसानी से सलाखें काटते थे.
मोटापे के चलते आरोपी ने कुछ दिन टाली योजना
एक गौर करने वाली बात ये भी सामने आई है कि आरोपी दुबेलाल धुर्वे मोटा होने के चलते योजना को कुछ दिन टाला गया. भागने के लिए इन्हें काफी ड्रिल भी करना पड़ा. धुर्वे के पतले होते ही इस योजना पर काम किया गया क्योंकि भागने की जगह सकरी थी. इन चारों में तय था कि सभी साथ भागेंगे. पुलिस ने साथी आरोपियों को नामजद आरोपी बनाया है. जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी होगी.