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जीजा उतारना चाह रहा था मौत के घाट, लेकिन फिर आया बकरा...और टल गया खतरा - Brother-in-law controversy Neemuch

नीमच जिले के नयागांव में एक जीजा ने महज डेढ़ बीघा जमीन और एक मकान के लिए अपने साले को मौत के घाट उतारने की योजना बना ली, वो उसमें सफल भी हो जाता लेकिन एक बकरे ने देवदूत बनकर साले की जान बचा ली.

Javad Police Station Incharge
जावद थाना प्रभारी
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Published : Aug 21, 2020, 10:59 PM IST

नीमच। कहते हैं भगवान जिसकी रक्षा करता है उसे कोई नहीं मार सकता. ऐसा ही एक मामला नीमच जिले के नयागांव से दिखने में आया है. यहां एक जीजा ने महज डेढ़ बीघा जमीन और एक मकान के लिए अपने साले को मौत के घाट उतारने की योजना बना ली, उसमें सफल भी हो जाता लेकिन एक बकरे ने देवदूत बनकर साले की जान बचा ली.

जीजा ने मारना चाहा लेकिन बकरा बना देवदूत

जावद तहसील के नयागांव के रहने वाले देवीलाल प्रजापत को उसके राजस्थान में रहने वाले जीजा नन्दलाल प्रजापत ने मौत के घाट उतारने की नीयत से घूमने के बहाने ले गया. उसके बाद रास्ते में बाइक खराब होने का नाटक करके एक गहरे कुएं में देवीलाल को धकेल दिया. कुएं में गिरे देवीलाल ने जान बचाने के लिए अपने जीजा से बचाओ बचाओ की गुहार लगता रहा, लेकिन जीजा अपने मकसद में कामयाब होता देख वहां से चलता बना.

देवीलाल ने कुंए में एक पाइप और चट्टानों के सहारे 3 दिन तक कुएं में अपनी जान बचाई. इस बीच कुएं के आसपास आहट होने पर वह बार-बार बचाओ बचाओ की गुहार भी लगाता रहा लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इस दौरान उसने परमात्मा को भी याद किया और परमात्मा ने उसकी बात सुन ली, एक बकरे को देवदूत बना कर भेज दिया.

दरअसल बकरी चराने वाली एक महिला का बकरा उसी कुएं में गिर गया. जब बकरे की तलाश में कुएं में झांका तो देवीलाल ने शोर मचाकर अपने कुएं में फंसे होने की बात बताई. ग्रामीणों ने रस्सी की मदद से देवीलाल को बाहर निकाला. पहले तो कुछ ग्रामीण उसे चोर समझ रहे थे. जो रात के अंधेरे में कुएं में गिर गया होगा. लेकिन जब बाहर आया तो माजरा कुछ और ही निकला.

नीमच। कहते हैं भगवान जिसकी रक्षा करता है उसे कोई नहीं मार सकता. ऐसा ही एक मामला नीमच जिले के नयागांव से दिखने में आया है. यहां एक जीजा ने महज डेढ़ बीघा जमीन और एक मकान के लिए अपने साले को मौत के घाट उतारने की योजना बना ली, उसमें सफल भी हो जाता लेकिन एक बकरे ने देवदूत बनकर साले की जान बचा ली.

जीजा ने मारना चाहा लेकिन बकरा बना देवदूत

जावद तहसील के नयागांव के रहने वाले देवीलाल प्रजापत को उसके राजस्थान में रहने वाले जीजा नन्दलाल प्रजापत ने मौत के घाट उतारने की नीयत से घूमने के बहाने ले गया. उसके बाद रास्ते में बाइक खराब होने का नाटक करके एक गहरे कुएं में देवीलाल को धकेल दिया. कुएं में गिरे देवीलाल ने जान बचाने के लिए अपने जीजा से बचाओ बचाओ की गुहार लगता रहा, लेकिन जीजा अपने मकसद में कामयाब होता देख वहां से चलता बना.

देवीलाल ने कुंए में एक पाइप और चट्टानों के सहारे 3 दिन तक कुएं में अपनी जान बचाई. इस बीच कुएं के आसपास आहट होने पर वह बार-बार बचाओ बचाओ की गुहार भी लगाता रहा लेकिन किसी ने नहीं सुनी. इस दौरान उसने परमात्मा को भी याद किया और परमात्मा ने उसकी बात सुन ली, एक बकरे को देवदूत बना कर भेज दिया.

दरअसल बकरी चराने वाली एक महिला का बकरा उसी कुएं में गिर गया. जब बकरे की तलाश में कुएं में झांका तो देवीलाल ने शोर मचाकर अपने कुएं में फंसे होने की बात बताई. ग्रामीणों ने रस्सी की मदद से देवीलाल को बाहर निकाला. पहले तो कुछ ग्रामीण उसे चोर समझ रहे थे. जो रात के अंधेरे में कुएं में गिर गया होगा. लेकिन जब बाहर आया तो माजरा कुछ और ही निकला.

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