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नीलगाय के आतंक से परेशान किसान, चौपट कर रही लहलहाती फसल

नीमच के किसानों की फसलों को कुछ रोज पहले गिरे ओले और पानी ने फसल चौपट कर दी अब फसलों पर नीलगाय ने आतंक मचा रखा है.

nylghau is cultivating farmers crop in Neemuch
नीलगाय के आतंक से परेशान किसान
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Published : Jan 10, 2021, 11:01 PM IST

नीमच। एक तरफ देश भर में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. वहीं दूसरी तरफ लगातार कभी मौसम को कभी जानवर उसकी फसलों को बर्बाद किए जा रहे हैं. ऐसा ही कुछ हो रहा है नीमच के किसानों के साथ, जहां कुछ रोज पहले गिरे ओले और पानी ने फसल चौपट कर दी अब फसलों पर नील गाय ने आतंक मचा रखा है.

नीलगाय के आतंक से परेशान किसान

नीलगाय का झुण्‍ड किसानों के खेतों में घुसकर फसलों को चौपट कर रहा हैं. कोहरे व शीत लहर के कारण किसान रात व सुबह खेत पर जाने में असमर्थ हैं. इसका फायदा उठाकर नील गाय किसानों के खेतों में की फसलों को चट कर रही हैं. साथ ही पैरों तले रौंद रही हैं.

झुंड़ में आती है नीलगाय

किसान बताते हैं कि इन दिनों नीलगायों का आतंक इतना बढ़ गया है कि खेत में लहलहाती फसल बर्बाद हो रही है. रात का अंधेरा हो या फिर दिन का उजाला इससे इन नीलगायों को कोई फर्क नहीं पड़ता है. खेत में झुंड के झुंड पहुंच कर खेत में लगी फसल को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं. कई किसानो ने इनके आतंक से किसान कई फसलों को लगाना छोड़ दिए हैं.

nylghau is cultivating farmers crop in Neemuch
नीलगाय के आतंक से परेशान किसान

कम होती जा रही है दलहन की खोती

किसानों ने फसलों को बचाने के लिए खेतों के चारों ओर तार भी लगाए हैं, लेकिन नील गाय तारो को फांद जाती हैं. चना एवं अरहर की खेती दिनों दिन इस इलाके में कम होती जा रही है. किसानों का कहना है कि जैसे हीं इन फसलों का फूल तैयार होता है वह नीलगायों का निवाला बन जाता है. खाने से ज्यादा इनके पैरों से फसल की बर्बादी होती है.

बताया जाता है कि यह समस्या किसी एक गांव के किसानों की नहीं बल्कि, जिले में हर जगह एक समान स्थिति है. नीलगाय इन दिनों सब्जी की खेती को भी नुकसान पहुंचा रही है

किसान माधुलाल मेघवाल बताते हैं कि नीलगाय फसल को खाती कम हैं, लेकिन खेत में बैठकर पैरों तले फसलों को रौंदती ज्‍यादा हैं. 24 घंटे खेत की रखवाली संभव नहीं है. सरकार और प्रशासन को किसान हित में ठोस कदम उठाना होगा.

वन्य प्राणी अधिनियम का लगता है प्रकरण

नीलगाय जंगली जीव है, इसलिए इन्हें छूने एवं मारने पर वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है, जिसके कारण नीलगाय को ग्रामीण मारने से बेहद डरते है. किसान श्‍याम जाटव कहते है कि फसल बर्बाद होने की स्थिति में मुआवजे का प्रवधान है. किसान संबंधित अंचल के अधिकारी के पास आवेदन देकर मुआवजे की मांग कर सकते है.

हर दिन बढ़ रहा नीलगायों का आतंक

जिले के ज्यातर गांवों में सैकड़ों नीलगायों के झूंड को फसल बर्बाद करते हुए देखा जा रहे है. कृषि के लिए घातक साबित हो रहे नीलगायों से मुक्ति के लिए न जिला प्रशासन कुछ पहल कर रहा है, न वन विभाग. ऐसी स्थिति में जिले के किसान भगवान भरोसे खेती करने को मजबूर है.

नीमच। एक तरफ देश भर में किसान कृषि कानूनों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए है. वहीं दूसरी तरफ लगातार कभी मौसम को कभी जानवर उसकी फसलों को बर्बाद किए जा रहे हैं. ऐसा ही कुछ हो रहा है नीमच के किसानों के साथ, जहां कुछ रोज पहले गिरे ओले और पानी ने फसल चौपट कर दी अब फसलों पर नील गाय ने आतंक मचा रखा है.

नीलगाय के आतंक से परेशान किसान

नीलगाय का झुण्‍ड किसानों के खेतों में घुसकर फसलों को चौपट कर रहा हैं. कोहरे व शीत लहर के कारण किसान रात व सुबह खेत पर जाने में असमर्थ हैं. इसका फायदा उठाकर नील गाय किसानों के खेतों में की फसलों को चट कर रही हैं. साथ ही पैरों तले रौंद रही हैं.

झुंड़ में आती है नीलगाय

किसान बताते हैं कि इन दिनों नीलगायों का आतंक इतना बढ़ गया है कि खेत में लहलहाती फसल बर्बाद हो रही है. रात का अंधेरा हो या फिर दिन का उजाला इससे इन नीलगायों को कोई फर्क नहीं पड़ता है. खेत में झुंड के झुंड पहुंच कर खेत में लगी फसल को भारी नुकसान पहुंचा रही हैं. कई किसानो ने इनके आतंक से किसान कई फसलों को लगाना छोड़ दिए हैं.

nylghau is cultivating farmers crop in Neemuch
नीलगाय के आतंक से परेशान किसान

कम होती जा रही है दलहन की खोती

किसानों ने फसलों को बचाने के लिए खेतों के चारों ओर तार भी लगाए हैं, लेकिन नील गाय तारो को फांद जाती हैं. चना एवं अरहर की खेती दिनों दिन इस इलाके में कम होती जा रही है. किसानों का कहना है कि जैसे हीं इन फसलों का फूल तैयार होता है वह नीलगायों का निवाला बन जाता है. खाने से ज्यादा इनके पैरों से फसल की बर्बादी होती है.

बताया जाता है कि यह समस्या किसी एक गांव के किसानों की नहीं बल्कि, जिले में हर जगह एक समान स्थिति है. नीलगाय इन दिनों सब्जी की खेती को भी नुकसान पहुंचा रही है

किसान माधुलाल मेघवाल बताते हैं कि नीलगाय फसल को खाती कम हैं, लेकिन खेत में बैठकर पैरों तले फसलों को रौंदती ज्‍यादा हैं. 24 घंटे खेत की रखवाली संभव नहीं है. सरकार और प्रशासन को किसान हित में ठोस कदम उठाना होगा.

वन्य प्राणी अधिनियम का लगता है प्रकरण

नीलगाय जंगली जीव है, इसलिए इन्हें छूने एवं मारने पर वन्य प्राणी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है, जिसके कारण नीलगाय को ग्रामीण मारने से बेहद डरते है. किसान श्‍याम जाटव कहते है कि फसल बर्बाद होने की स्थिति में मुआवजे का प्रवधान है. किसान संबंधित अंचल के अधिकारी के पास आवेदन देकर मुआवजे की मांग कर सकते है.

हर दिन बढ़ रहा नीलगायों का आतंक

जिले के ज्यातर गांवों में सैकड़ों नीलगायों के झूंड को फसल बर्बाद करते हुए देखा जा रहे है. कृषि के लिए घातक साबित हो रहे नीलगायों से मुक्ति के लिए न जिला प्रशासन कुछ पहल कर रहा है, न वन विभाग. ऐसी स्थिति में जिले के किसान भगवान भरोसे खेती करने को मजबूर है.

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