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लॉकडाउन से पान के किसानों का रोजाना हजारों का नुकसान, खराब हो रही है खेती

मनासा तहसील के कुछ गांवों में होने वाली पान की खेती कोरोना महामारी की चपेट में आ गई है. लॉकडाउन के चलते पान का निर्यात महानगरों की ओर न होने से लाखों की पान की फसल खराब होने की स्थिति में आ गई है.

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लॉकडाउन में पान के किसानों को भारी नुकसान
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Published : Apr 7, 2020, 8:23 PM IST

मनासा। मनासा तहसील के कुछ गांवों में होने वाली पान की खेती कोरोना महामारी की चपेट में आ गई है. लॉकडाउन के चलते पान का निर्यात महानगरों की ओर न होने से लाखों की पान की फसल खराब होने की स्थिति में आ गई है. किसानों ने पान के पत्ते तोड़कर तैयार तो कर लिए हैं, लेकिन वाहनों के न चलने से पान बाहर नहीं जा पा रहा है. जिला स्तर पर भी पान की बिक्री पूरी तरह से बंद होने के चलते पान की खेती करने वाले किसान चिंतित हैं.

लॉकडाउन में पान के किसानों को भारी नुकसान

बता दें कि मनासा तहसील के पड़दा, कुकड़ेश्वर गांवों में बड़ी संख्या में पान किसान हैं. जो परंपरागत तरीके से पान की खेती करते चले आ रहे हैं. नीमच जिले के मनासा तहसील का पान भारत के लगभग तमाम राज्यों में निर्यात किया जाता है. इन दिनों कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते पूरे देश में लॉकडाउन से जहां अन्य सभी व्यापारिक क्षेत्र प्रभावित हुए हैं तो पान के किसानों को भी जबरदस्त मार झेलनी पड़ रही है. वहीं किसान का कहना है कि उन्हें रोजाना एक हजार रूपये हो रहा है.

मनासा। मनासा तहसील के कुछ गांवों में होने वाली पान की खेती कोरोना महामारी की चपेट में आ गई है. लॉकडाउन के चलते पान का निर्यात महानगरों की ओर न होने से लाखों की पान की फसल खराब होने की स्थिति में आ गई है. किसानों ने पान के पत्ते तोड़कर तैयार तो कर लिए हैं, लेकिन वाहनों के न चलने से पान बाहर नहीं जा पा रहा है. जिला स्तर पर भी पान की बिक्री पूरी तरह से बंद होने के चलते पान की खेती करने वाले किसान चिंतित हैं.

लॉकडाउन में पान के किसानों को भारी नुकसान

बता दें कि मनासा तहसील के पड़दा, कुकड़ेश्वर गांवों में बड़ी संख्या में पान किसान हैं. जो परंपरागत तरीके से पान की खेती करते चले आ रहे हैं. नीमच जिले के मनासा तहसील का पान भारत के लगभग तमाम राज्यों में निर्यात किया जाता है. इन दिनों कोरोना संक्रमण के खतरे के चलते पूरे देश में लॉकडाउन से जहां अन्य सभी व्यापारिक क्षेत्र प्रभावित हुए हैं तो पान के किसानों को भी जबरदस्त मार झेलनी पड़ रही है. वहीं किसान का कहना है कि उन्हें रोजाना एक हजार रूपये हो रहा है.

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