ETV Bharat / state

शीतला माता को परोसे ठंडे व्यंजन, सुख समृद्धि के लिए की कामना - श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया

नीमच में शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया. महिलाओं ने व्रत रखकर माता शीतला से परिवार वालों की सुख समृद्धि के लिए दुआएं मांगी.

Cold dishes served to Shitala Mata, wished for happiness and prosperity
शीतला माता को परोसे ठंडे व्यंजन, सुख समृद्धि के लिए की गई कामना
author img

By

Published : Apr 5, 2021, 9:38 AM IST

नीमच। जिलेभर में शनिवार को शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया. पर्व को लेकर अलसुबह से ही महिलाएं सजधज कर हाथों में पूजा सामग्री के थाल लिए मंदिरों में माता शीतला की पूजा आराधना करने पहुंची. जहां पर एक दिन पहले घर पर बनाए गए पुए, पकोड़े, रबड़ी, दही जैसे पकवानों का भोग लगाया गया. वहीं महिलाओं ने व्रत रखकर माता शीतला से परिवार वालों की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की.

शीतला माता को परोसे ठंडे व्यंजन, सुख समृद्धि के लिए की गई कामना
  • कोरोना वायरस का दिखा असर

मंदिरों में पूजा अर्चना के दौरान कोरोना वायरस का असर भी देखने को मिला. इस दौरान महिलाओं ने माता से घर परिवार की सुख समृद्धि के साथ घर-परिवार को कोरोना वायरस से बचाए रखने की विनती की. श्रद्धालुओं की ओर से कई स्थानों पर रात्री को मंदिरों में भजन कीर्तन के आयोजन भी किए गए. सामाजिक मान्यता के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन शीतला मां का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियां नहीं होती हैं. अगर हो भी जाए तो उससे जल्द छुटकारा मिलता है. ऐसी मान्यता है कि माता शीतला, शांति की देवी हैं जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भक्तों की रक्षा करती हैं.

शीतला माता मंदिर में लगी भक्तों की कतार, प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

  • शीतला अष्टमी से जुड़ी पौराणिक कथाएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक दिन माता ने सोचा कि धरती पर चल कर देखें कि उनकी पूजा कौन-कौन करता है. माता एक बुढ़िया का रूप धारण कर राजस्थान के डूंगरी गांव में गईं. माता जब गांव में जा रही थी. तभी ऊपर से किसी ने चावल का उबला हुआ पानी डाल दिया. जिससे माता के पूरे शरीर पर छाले हो गए और पूरे शरीर में जलन होने लगी. माता दर्द में कराहते हुए गांव में सभी से सहायता मांगी लेकिन किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की. गांव में कुम्हार परिवार की एक महिला ने जब देखा कि एक बुढ़िया दर्द से कराह रही है. तो उसने माता को बुलाकर घर पर बैठाया और बहुत सारा ठंडा जल माता के ऊपर डाला. ठंडे जल के प्रभाव से माता को उन छालों की पीड़ा में राहत महसूस हुई.

इसके बाद महिला ने माता से कहा कि मेरे पास केवल रात के दही और रबड़ी रखी हुई है. आप इनको खाएं, रात के रखे दही और ज्वार की राबड़ी खाकर माता के शरीर में बहुत ठंडक मिली. इसके बाद महिला ने माता से कहा कि आपके बाल बिखरे हैं मैं इनको गूथ देती हूं. इसके बाद माता शीतला अपने मूल रूप में प्रकट हो गई. कुम्हारिन महिला शीतला माता को देख कर भाव विभोर हो गई. माता ने पूजा करने वाली महिला को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिया.

नीमच। जिलेभर में शनिवार को शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया. पर्व को लेकर अलसुबह से ही महिलाएं सजधज कर हाथों में पूजा सामग्री के थाल लिए मंदिरों में माता शीतला की पूजा आराधना करने पहुंची. जहां पर एक दिन पहले घर पर बनाए गए पुए, पकोड़े, रबड़ी, दही जैसे पकवानों का भोग लगाया गया. वहीं महिलाओं ने व्रत रखकर माता शीतला से परिवार वालों की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना की.

शीतला माता को परोसे ठंडे व्यंजन, सुख समृद्धि के लिए की गई कामना
  • कोरोना वायरस का दिखा असर

मंदिरों में पूजा अर्चना के दौरान कोरोना वायरस का असर भी देखने को मिला. इस दौरान महिलाओं ने माता से घर परिवार की सुख समृद्धि के साथ घर-परिवार को कोरोना वायरस से बचाए रखने की विनती की. श्रद्धालुओं की ओर से कई स्थानों पर रात्री को मंदिरों में भजन कीर्तन के आयोजन भी किए गए. सामाजिक मान्यता के अनुसार शीतला अष्टमी के दिन शीतला मां का पूजन करने से चेचक, खसरा, बड़ी माता, छोटी माता जैसी बीमारियां नहीं होती हैं. अगर हो भी जाए तो उससे जल्द छुटकारा मिलता है. ऐसी मान्यता है कि माता शीतला, शांति की देवी हैं जो विभिन्न प्रकार की बीमारियों से भक्तों की रक्षा करती हैं.

शीतला माता मंदिर में लगी भक्तों की कतार, प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

  • शीतला अष्टमी से जुड़ी पौराणिक कथाएं

पौराणिक कथाओं के अनुसार, एक दिन माता ने सोचा कि धरती पर चल कर देखें कि उनकी पूजा कौन-कौन करता है. माता एक बुढ़िया का रूप धारण कर राजस्थान के डूंगरी गांव में गईं. माता जब गांव में जा रही थी. तभी ऊपर से किसी ने चावल का उबला हुआ पानी डाल दिया. जिससे माता के पूरे शरीर पर छाले हो गए और पूरे शरीर में जलन होने लगी. माता दर्द में कराहते हुए गांव में सभी से सहायता मांगी लेकिन किसी ने भी उनकी सहायता नहीं की. गांव में कुम्हार परिवार की एक महिला ने जब देखा कि एक बुढ़िया दर्द से कराह रही है. तो उसने माता को बुलाकर घर पर बैठाया और बहुत सारा ठंडा जल माता के ऊपर डाला. ठंडे जल के प्रभाव से माता को उन छालों की पीड़ा में राहत महसूस हुई.

इसके बाद महिला ने माता से कहा कि मेरे पास केवल रात के दही और रबड़ी रखी हुई है. आप इनको खाएं, रात के रखे दही और ज्वार की राबड़ी खाकर माता के शरीर में बहुत ठंडक मिली. इसके बाद महिला ने माता से कहा कि आपके बाल बिखरे हैं मैं इनको गूथ देती हूं. इसके बाद माता शीतला अपने मूल रूप में प्रकट हो गई. कुम्हारिन महिला शीतला माता को देख कर भाव विभोर हो गई. माता ने पूजा करने वाली महिला को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.