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संभवनाथ गोशाला में 25 गायों की मौत, भूख और इलाज बनी वजह

नीमच जिले की संभवनाथ गोशाला में अक्सर गायों की मौत का मामला सामने आता रहता है. इस गोशाला को सरकार की तरफ से हर साल लाखों रुपए मिलते हैं. इसके बाद भी यहां गायें चारे के आभाव में मर जाती हैं.

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Published : Aug 18, 2019, 10:04 PM IST

संभवनाथ गौशाला में 25 गायों की मौत


नीमच। प्रदेश सरकार गायों की रक्षा और देखरेख के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहा रही है, फिर भी गोवंश का इलाज तो दूर उन्हें खिलाने के लिए चारा तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. मामला नीमच जिले के सावन गांव के संभवनाथ गोशाला का है, जहां हर साल सैकड़ों की संख्या में गोवंश भूख और इलाज के अभाव में मर जाते हैं, शनिवार को करीब 25 से ज्‍यादा गायों की गोशाला में ही मौत हो गई है.

संभवनाथ गौशाला में 25 गायों की मौत,भूख और इलाज बनी बजह

संभवनाथ गोशाला के हालात ये हैं कि पशु डॉक्टर भी समय से गोवंशों को देखने नहीं पहुंचते. इस बार गोशाला को सरकार से 13 लाख रुपए मिले हैं, बावजूद इसके भूख के चलते कई गायों की मौत हो गई. घटना की जानकारी लगते ही गोरक्षा वाहिनी की प्रदेश प्रभारी मेहरून निशा खान आलाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची और निरीक्षण कर मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं.

गोशाला में गोमाता के सही रख रखाव और समय पर इलाज हो, इसे लेकर राष्ट्रीय गोरक्षा वाहिनी जिला कलेक्टर को आवेदन देकर अवगत करवाएगी. साथ ही इतनी संख्या में गायों की मौत कैसे हुई. इसकी जांच करवा कर दोषियों को सजा दिलवाएंगी.


नीमच। प्रदेश सरकार गायों की रक्षा और देखरेख के लिए लाखों रुपए पानी की तरह बहा रही है, फिर भी गोवंश का इलाज तो दूर उन्हें खिलाने के लिए चारा तक उपलब्ध नहीं करा पा रहा है. मामला नीमच जिले के सावन गांव के संभवनाथ गोशाला का है, जहां हर साल सैकड़ों की संख्या में गोवंश भूख और इलाज के अभाव में मर जाते हैं, शनिवार को करीब 25 से ज्‍यादा गायों की गोशाला में ही मौत हो गई है.

संभवनाथ गौशाला में 25 गायों की मौत,भूख और इलाज बनी बजह

संभवनाथ गोशाला के हालात ये हैं कि पशु डॉक्टर भी समय से गोवंशों को देखने नहीं पहुंचते. इस बार गोशाला को सरकार से 13 लाख रुपए मिले हैं, बावजूद इसके भूख के चलते कई गायों की मौत हो गई. घटना की जानकारी लगते ही गोरक्षा वाहिनी की प्रदेश प्रभारी मेहरून निशा खान आलाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची और निरीक्षण कर मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं.

गोशाला में गोमाता के सही रख रखाव और समय पर इलाज हो, इसे लेकर राष्ट्रीय गोरक्षा वाहिनी जिला कलेक्टर को आवेदन देकर अवगत करवाएगी. साथ ही इतनी संख्या में गायों की मौत कैसे हुई. इसकी जांच करवा कर दोषियों को सजा दिलवाएंगी.

Intro:गौशालाओं में मर रहे गौवंश, बिना चारे और इलाज के कई तोड़ चुके हैं दमBody:गौशालाओं में मर रहे गौवंश, बिना चारे और इलाज के कई तोड़ चुके हैं दम

कमलनाथ सरकार भले ही गौवंशो के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही हो , लेकिन इनको को बचाने के लिए अधिकारी संजीदा नज़र आ रहे है। नींमच जिले के इलाके के गांव सावन मे बने गौशाला में चार सौ पशुओं के लिए रहने की जगह है । फिर भी संचालक बने मूकदर्शक ग्रामीणों का कहना है कि प्रत्येक वर्ष सौ गाय व बछड़े मर जाते हैं । उनके बाहर भी गौवंशो को रखा जाता है।
जिसके कारण गौवंश बारिश में भीगते रहते है । ये अवारा पशु आस-पास के इलाकों से लाये गए है । गौशाला में मरने की वजह गायों का बीमार होना और उनके लिए पर्याप्त मात्रा में चारे का इन्तजाम नहीं होना।
पशु डॉक्टर भी समय से गौवंशो को देखने नही आते है । ये सावन गौशाला का हाल है ।., नींमच जिले के ज्यादा तर गौशालाओ में यही हालत बने हुए है।
वही पशु डॉक्टर का कहना है कि एक वर्द्ध अवस्था मे गाय थी , जिसकी मृत्यु हुई है । उनका इलाज चल रहा था ।

इस बार गौशाला में लाखों का बजट आया है, फिर भी भूख के कारण करीब 25 से ज्‍यादा गायो की मौत हो गई है हम बात कर रहें है ग्राम सावन स्थित संभवनाथ गौशाला की, जी हां यह गौशाला गांव में सालों से संचालित होती है, गौशाला की देख-रेख करने और गायों के खानें-पीनें के लिए इस वर्ष करीब 13 लाख रूपए का बजट आया था, इस बजट में गौशाला संचालकों को देख-रेख और गायों के खानें पीनें के लिए पूरें साल की व्‍यवस्‍था करना थी लेकिन संचालकों द्वारा ना हीं गौशाला की सही ठंग से देख-रेख की गई और ना हीं गायों के लिए खानें और पीनें की सामग्री उपलब्‍ध कराई गई, इसी कारण भूख और प्‍यास से शनिवार को करीब 25 से ज्‍यादा गायों की गौशाला में ही मौत हो गई है समय पर ईलाज भी नहीं- आपकों यह भी बता दें कि फंड के माध्‍यम से संचालकों को गायों का समय-समय पर ईलाज कराना होता है, लेकिन संचालकों ने गायों का जरा भी ध्‍यान नहीं रखा, साथ ही गायों को देखनें के लिए कोई डॉक्‍टर भी संचालकों द्वारा गौशाला में नहीं बुलाया जाता था, ऐसें में यह सभी गाय पहलें बिमार हो गई, जिसके बाद शनिवार को उनकी मौत हो गई है ।.कुछ गाय की गत दिनों मौत- एक जानकारी में सामनें यह भी आया है कि जिन गायों की आज मौत हो गई है,।.20 उनमें से करीब 25 गायों की मौत करीब 15 दिन पहलें ही हो गई थी, गायों की मौत होनें के बाद भी मरी हुई गाय गौशाला में ही पडी रहती थी, इस बात का भी गौशाला के संचालकों ने ध्‍यान नहीं रखा है मौके पर पहुंचे आलाधिकारी- गायों की मौत की और पूरी घटना की जानकारी जैसे ही गौशाला प्रदेश प्रभारी गौरक्षक वाहीनी मेहरून निशा खांन को मिली तो वह तुरंत आलाधिकारियों के साथ मौके पर पहुंची है, अब आलाधिकारियों द्वारा मामलें की निष्‍पक्ष जांच की जा रही है


उतनी ही बीमार हो के मरने के कगार पर है इतनी संख्या मे गौ माता के मरने की खबर पर ग्रामीण जन एकत्रित हो गये साथ ही इस की सुचना राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी के प्रदेश प्रभारी मेहरुन निशा खान को लगी तो वो तत्काल गौशाला गयी और मोके पर जाके देखा तो गौशाला की हालत बहुत बुरी तरह से बिगड़ी हुई मिली पुरे परिसर मे कीचड ही कीचड फैला था साथ ही इधर उधर बड़ी संख्या मे गौ माता मृत पड़ी हुई थी मृत गौमाता को कई दिनों तक नहीं उठाने से कीड़े तक पड़ गये और सड़ चुकी थी साथ ही गौ शाला संचालक कुछ बोलने की स्थित मे नहीं थे बस इतना बोला कई क्या करे मौसम की वजह से मर रही है गाये इस तरह गौशाला संचालक के लापरवाही व असन्तुस्टि पूर्ण बात सुनने पर प्रभारी मेडम ने नीमच sdm शाक्या जी को फोन लगा कर गौमाता के मरने की जानकारी दी तब जाकर मोके पर डॉक्टर टीम भी आई और नीमच तहसीलदार अजय हींगे सिटी थाने से उपनिरीक्षक के. एल. तिवारी भी मोके पर आए साथ ही पुलिस ने पंचनामा बना कर मृत गौमाता का pm करवाया गया गौशाला संचालक की अति लापरवाही से गौ माता मौत के मुँह मे जा रही है ना तो समय पर इलाज होता है ना ही पानी चारे की व्यवस्था सही से हो रही है वही ग्रामीणों ने बताया की हम लोग फ्री मे मोरम डालना चाहते थे ताकी कीचड नहीं हो पर हमें नहीं डालने दिया गया जिसे गाये कीचड मे फ़स रही है और बीमार हो रही है बड़ी संख्या मे गौमाता के मरने और बीमार होने तथा चारे पानी की सही से व्यवस्था नहीं हो रही है गौशाला मे गौमाता के सही रख रखाव व समय पर इलाज हो इस को लेकर राष्ट्रीय गौ रक्षा वाहिनी जिला कलेक्टर को आवेदन देकर अवगत करवाएगी साथ ही इतनी संख्या मे गौ माता कैसे मरी जांच करवा कर दोषियों पर कारवाही की मांग की

बाइट-1 संचालक -बलवंत कुमार जैन

बाइट-2-मेहरून निशा खान प्रेदश प्रभारी राष्ट्रीय गो वाहिनी व राष्ट्रीय सचिव

बाइट-ग्रामीण जनConclusion:
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