नरसिंहपुर। भारत सरकार द्वारा अनलॉक 4 में किए गए प्रावधानों को लेकर नरसिंहपुर कलेक्ट्रेट सभागार में नरसिंहपुर कलेक्टर एवं मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी की अध्यक्षता में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया. जिसमें कोरोना के बचाव और पॉजिटिव मरीज को होम आइसोलेशन में रखने की जानकारी साझा करते हुए नरसिंहपुर कलेक्टर ने कहा कि नई गाइडलाइन के मुताबिक अब कोरोना पॉजिटिव मरीज अपने ही घर में होम आइसोलेट होकर अपना इलाज करवा सकता है, जिसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं, संक्रमण व्यक्ति को किस तरह की की डाइट दी जानी है, किस तरह उसका उपचार किया जाना है और किस तरह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मॉनिटरिंग की जानी है, इसको लेकर व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं.
कोरोना की इस जंग में सभी के सहयोग की अपेक्षा की अपील करते हुए कलेक्टर ने लोगों से जागरुकता का परिचय देने की अपील की है, वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि शहरी क्षेत्र में जो भी व्यक्ति अपना कोरोना टेस्ट कराना चाहते हैं या वह एसएआरआई/ आईएलआई से पीड़ित हैं या ऐसे रेड जोन क्षेत्र से आए हैं, उन्हें कोरोना टेस्ट के लिए उक्त 8 में से किसी भी एक फीवर क्लीनिक में खुद अपने साधन से जाना होगा. होम आईसोलेशन वाले कोरोना पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों (कांटेक्ट ट्रेसिंग) की सूची खुद स्वास्थ्य विभाग के सर्वे दल/ क्यूआरटी टीम को देना होगी.
ऐसे मरीजों को एक पर्चा स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिया जाएगा, जिसमें आवश्यक सलाह व सुझाव अंकित होंगे. मरीज अपने मोबाइल में सार्थक लाइट को डाउनलोड करेगा, डिस्ट्रिक कमांड और कंट्रोल सेंटर में डॉक्टर सप्ताह के सात दिन और 24 घंटे उपस्थित रहेंगे. शहरी क्षेत्र के ऐसे मरीज जिनके घर में अलग कमरा, शौचालय नहीं है, उनको पहले की तरह संस्थागत आईसोलेशन- कोविड केयर सेंटर में रखा जाएगा.
शहरी क्षेत्र में होम आईसोलेशन निम्न प्रकार के व्यक्तियों को रखा जाएगा
इनमें बिना लक्षण वाले या मंद लक्षण वाले मरीज जिनका तापमान 100 डिग्री फेरनहाइट से कम है और एसपीओटू लेवल 95 प्रतिशत से अधिक है, ऐसे मरीज जिनकी आयु 60 वर्ष से कम है या कोई गंभीर बीमारी नहीं है. मेडिकल ऑफिसर की जांच एवं परामर्श के आधार पर होम आइसोलेशन वाले मरीज को सेंपल लेने की तिथि से 10 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा.
उक्त 10 दिन में आखिरी 3 दिन उसे बुखार नहीं होना चाहिए, उक्त अनुसार स्थिति होने पर उसका दोबारा टेस्ट करने की आवश्यकता नहीं है, यदि किसी गैर लक्ष्णिक/ मंद लक्षण वाले मरीज का तापमान 100 डिग्री फेरनहाइट से अधिक और एसपीओटू लेवल 95 प्रतिशत से कम हो जाता है, तो उस मरीज को आवश्यकतानुसार कोविड केयर सेंटर या डीसीएचसी में भर्ती किया जाएगा. इस स्थिति में मरीज को एम्बुलेंस से ले जाया जाएगा. मरीज अपनी समस्या के बारे में सार्थक एप तथा हेल्पलाइन नंबर 104 में भी बात कर सकेंगे.