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प्रशिक्षण के जरिये तराशा जा रहा खेल का भविष्य, ऐसे तैयार किये जा रहे नये खिलाड़ी

बच्चो में खेल के प्रति रुझान बढ़ाने एंव खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल एंव युवा कल्याण विभाग ने ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है, जहां बच्चों को हॉकी और फुटबॉल जैसे इंटरनेशनल खेल के गुर सिखाए जा रहे हैं.

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर
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Published : May 28, 2019, 8:14 PM IST

नरसिंहपुर। बच्चो में खेल के प्रति रुझान बढ़ाने एंव खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल एंव युवा कल्याण विभाग ने ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है. जहां बच्चों को हॉकी और फुटबॉल जैसे इंटरनेशनल खेल के गुर सिखाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में नरसिंहपुर जिले के करीब 120 से 130 बच्चों के अंदर की कला-कौशल को निखारा जा रहा है. इसके जरिए बच्चों के खेल करियर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

हाथों में हॉकी स्टिक लिए ये बच्चे आने वाले कल की तस्वीर गढ़ने में लगे हैं, दूसरी ओर फुटबॉल में अपना जौहर दिखा रहे ये बच्चे कोच की निगरानी में खुद के अंदर की प्रतिभा निखार रहे हैं. जिसके लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर उन्हें तराश रहा है. खास बात ये है कि इन्हीं बच्चों में से कुछ प्रतिभाएं ऐसी भी निखर कर सामने आई हैं, जो स्टेट टूर्नामेंट से लेकर नेशनल स्तर के हॉकी और फुटबॉल टूर्नामेंट में चुनौती बन रहे हैं.

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर

खेल एंव युवा कल्याण विभाग के प्रशिक्षक कोच बताते हैं कि इसी तरह के छोटे-छोटे आयोजन बच्चों में खेल के प्रति रूचि बढ़ाते हैं और उनके अंदर खेल की भावना को जगाकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाते हैं. उन्हें फिटनेस के प्रति जागरूक भी करते हैं और यही पहल आगे चलकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी के रूप में स्थापित भी करती है. जिसके परिमाण भी सामने आ रहे हैं. यहां से सीखे हुए खिलाड़ी स्टेट से लेकर नेशनल स्तर के आयोजनों में अपने हुनर का दम दिखा रहे हैं.

नरसिंहपुर। बच्चो में खेल के प्रति रुझान बढ़ाने एंव खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए खेल एंव युवा कल्याण विभाग ने ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है. जहां बच्चों को हॉकी और फुटबॉल जैसे इंटरनेशनल खेल के गुर सिखाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में नरसिंहपुर जिले के करीब 120 से 130 बच्चों के अंदर की कला-कौशल को निखारा जा रहा है. इसके जरिए बच्चों के खेल करियर को भी बढ़ावा दिया जा रहा है.

हाथों में हॉकी स्टिक लिए ये बच्चे आने वाले कल की तस्वीर गढ़ने में लगे हैं, दूसरी ओर फुटबॉल में अपना जौहर दिखा रहे ये बच्चे कोच की निगरानी में खुद के अंदर की प्रतिभा निखार रहे हैं. जिसके लिए खेल एवं युवा कल्याण विभाग ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर उन्हें तराश रहा है. खास बात ये है कि इन्हीं बच्चों में से कुछ प्रतिभाएं ऐसी भी निखर कर सामने आई हैं, जो स्टेट टूर्नामेंट से लेकर नेशनल स्तर के हॉकी और फुटबॉल टूर्नामेंट में चुनौती बन रहे हैं.

ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर

खेल एंव युवा कल्याण विभाग के प्रशिक्षक कोच बताते हैं कि इसी तरह के छोटे-छोटे आयोजन बच्चों में खेल के प्रति रूचि बढ़ाते हैं और उनके अंदर खेल की भावना को जगाकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाते हैं. उन्हें फिटनेस के प्रति जागरूक भी करते हैं और यही पहल आगे चलकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी के रूप में स्थापित भी करती है. जिसके परिमाण भी सामने आ रहे हैं. यहां से सीखे हुए खिलाड़ी स्टेट से लेकर नेशनल स्तर के आयोजनों में अपने हुनर का दम दिखा रहे हैं.

Intro:जिला नरसिंहपुर

बच्चो में खेल के प्रति रुझान बढाने एंव खेल प्रतिभाओं को निखारने खेल एंव युवा कल्याण विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है जहां नोनिहाल हाँकी और फुटवाल जैसे इंटरनेशनल खेल के गुर सीख रहे है Body:एंकर - बच्चो में खेल के प्रति रुझान बढाने एंव खेल प्रतिभाओं को निखारने खेल एंव युवा कल्याण विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है जहां नोनिहाल हाँकी और फुटवाल जैसे इंटरनेशनल खेल के गुर सीख रहे है देखिये यह रिपोर्ट

वीओ 01 - हाथो में हाँकी स्टिक लिए ये बच्चे आने वाली कल की तस्वीर गढ़ने में लगे हुए है वही दूसरी ओर फुटवाल में अपना जौहर दिखा रहे ये बच्चे खुद की प्रतिभाओं को कोच की देखरेख में निखारने में जुटे हुए है और उनकी इन्ही प्रतिभा को निखार रहा है भारत सरकार के खेल और युवा कल्याण विभाग जो ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर उन्हें तराशने में जुटा है खास बात यह है कि इन्ही बच्चो में से कुछ प्रतिभाएं ऐसी भी निखर कर सामने आई है जो स्टेट टूर्नामेंट से लेकर नेशनल स्तर के हाँकी और फुटवाल टूर्नामेंट में प्रतिभागिता भी दे रही है बच्चे खुद इसकी गौरवगाथा मुँह जुबानी बड़े ही फक्र से बताते है बाइट


बाइट 01 - राजेश्वरी वारेवा -खिलाडी


वीओ 02 - खेल एंव युवा कल्याण विभाग के प्रशिक्षक कोच बताते है कि ऐसी तरह के छोटे छोटे आयोजन खेल के प्रति बच्चो की रूचि को बढ़ाते है और उनके अंदर खेल की भावना को जगाकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी बनाते है साथ ही उन्हें फिटनेस के प्रति जागरूक भी करते है और यही पहल आगे चलकर उन्हें बेहतर खिलाड़ी के रूप में स्थापित भी करती है जिसके परिमाण भी सामने आ रहे है और यहाँ सीखे हुए खिलाड़ी स्टेट से लेकर नेशनल स्तर के आयोजनों में अपनी प्रतिभागिता दे रही है

बाइट - स्वर्ण सिंह राव , फुटवाल कोच (खेल एंव युवा कल्याण विभाग)


साइन आउट - खेल एंव युवा कल्याण विभाग की इस पहल के सार्थक परिणाम देखने को मिलते ही है जिससे न केवल खेल प्रतिभाओ को अपनी कलाकौशल को निखारने का मौका मिलता है साथ ही ग्रीष्मकालीन अवकाश में अपनी सेहत को भी बेहतर आयाम देने में भरपूर मदद मिलती है जिससे वह अपने खेल कैरियर को आगे बढ़ाने में बेहद कारगर साबित होती है ...Conclusion:खेल एंव युवा कल्याण विभाग की इस पहल के सार्थक परिणाम देखने को मिलते ही है जिससे न केवल खेल प्रतिभाओ को अपनी कलाकौशल को निखारने का मौका मिलता है साथ ही ग्रीष्मकालीन अवकाश में अपनी सेहत को भी बेहतर आयाम देने में भरपूर मदद मिलती है जिससे वह अपने खेल कैरियर को आगे बढ़ाने में बेहद कारगर साबित होती है ...
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