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गरीबों के हक में डाला, सोसायटियों से गायब हुए चावल

नरसिंहपुर जिले में गरीब परिवारों का हक मारा जा रहा है. पीडीएस के तहत मिलने वाला चावल सोसायटियों से गायब हो गयी है, लेकिन गरीबों को दी जाने वाली पर्ची में गेहूं के साथ-साथ चावल देना भी दर्शाया गया है.

poor are not getting rice
सोसायटियों से गायब हुए चावल
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Published : Feb 5, 2021, 6:29 PM IST

नरसिंहपुर। बीते साल अरहर घोटाला सुर्खियों में बना रहा, जिसे लेकर अब तक जांच टीमें अनुसंधान में लगी हुई है. वहीं हाल ही में एक और घोटाले की पटकथा लिखी जा रही है. इसका शिकार गरीब तबके के लोग हो रहे है.

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को दो वक्त की रोटी नसीब हो सकें, इसके लिए सरकार द्वारा पीडीएस के तहत एक रुपए में दाल-चावल मुहैया करवाई जा रही है, लेकिन अब गरीबों के निवाले पर भी कालाबाजारियों की नजर लगने लगी है. गाडरवारा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राशन की दुकानों में बीते 2 माह से गरीबों को पात्रता पर्ची पर केवल गेहूं ही दिया जा रहा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि उनके पर्ची में गेहूं और चावल दोनों ही बताया जा रहा है. ऐसा एक-दो दिनों से नहीं बल्कि 2 महीने से अधिक समय से हो रहा है. खुद गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें 2 माह से अधिक समय से चावल नहीं दिया जा रहा है, जबकि उनकी पर्ची में गेहूं, शक्कर के साथ-साथ चावल देना भी दर्शाया जा रहा है. हालत यह है कि उन्हें बाजार से चावल खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

सोसायटियों से गायब हुए चावल
खाद आपूर्ति विभाग द्वारा प्रत्येक माह गेहूं, चावल और शक्कर का विधिवत आवंटन किया जा रहा है. खुद सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी बताते हैं कि आवंटन हुआ है, लेकिन गरीबों को क्यों नहीं मिल रहा यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी. लॉकडाउन के बाद से विषम परिस्थितियां झेल रहे गरीब परिवारों के लिए दो वक्त की रोटी इसी सरकारी राशन से नसीब होती है. अब उन्हीं के राशन पर डाका डाला जा रहा है. ऐसे में इन जरूरतमंद परिवारों का परेशान होना बेहद लाजमी है.

नरसिंहपुर। बीते साल अरहर घोटाला सुर्खियों में बना रहा, जिसे लेकर अब तक जांच टीमें अनुसंधान में लगी हुई है. वहीं हाल ही में एक और घोटाले की पटकथा लिखी जा रही है. इसका शिकार गरीब तबके के लोग हो रहे है.

आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को दो वक्त की रोटी नसीब हो सकें, इसके लिए सरकार द्वारा पीडीएस के तहत एक रुपए में दाल-चावल मुहैया करवाई जा रही है, लेकिन अब गरीबों के निवाले पर भी कालाबाजारियों की नजर लगने लगी है. गाडरवारा सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित राशन की दुकानों में बीते 2 माह से गरीबों को पात्रता पर्ची पर केवल गेहूं ही दिया जा रहा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि उनके पर्ची में गेहूं और चावल दोनों ही बताया जा रहा है. ऐसा एक-दो दिनों से नहीं बल्कि 2 महीने से अधिक समय से हो रहा है. खुद गरीबी रेखा के अंतर्गत जीवन यापन करने वाले हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें 2 माह से अधिक समय से चावल नहीं दिया जा रहा है, जबकि उनकी पर्ची में गेहूं, शक्कर के साथ-साथ चावल देना भी दर्शाया जा रहा है. हालत यह है कि उन्हें बाजार से चावल खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

सोसायटियों से गायब हुए चावल
खाद आपूर्ति विभाग द्वारा प्रत्येक माह गेहूं, चावल और शक्कर का विधिवत आवंटन किया जा रहा है. खुद सहायक खाद्य आपूर्ति अधिकारी बताते हैं कि आवंटन हुआ है, लेकिन गरीबों को क्यों नहीं मिल रहा यह जांच का विषय है. उन्होंने कहा कि इस मामले में जांच के बाद दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी. लॉकडाउन के बाद से विषम परिस्थितियां झेल रहे गरीब परिवारों के लिए दो वक्त की रोटी इसी सरकारी राशन से नसीब होती है. अब उन्हीं के राशन पर डाका डाला जा रहा है. ऐसे में इन जरूरतमंद परिवारों का परेशान होना बेहद लाजमी है.
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