नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिया है. पहले शिक्षक घर घर जाकर पढ़ा रहे थे, कोरोना की वजह से अब शिक्षकों ने भी गांव में जाना छोड़ दिया है. जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है. ऐसे में एक 17 साल की लड़की ज्ञान की नई रोशनी दिखाने का काम कर रही है. नरसिंहपुर के एक छोटे से गांव की 17 साल की निधि नोरियावी पूरे गांव के बच्चों को पढ़ाने में जुटी है.
निधि ने अपने दो कमरे के घर में एक कमरे में पाठशाला खोल दी और खुद की स्कॉलरशिप से जोड़े पैसों से बच्चों के लिए कॉपी, किताब, पेंसिल और जरूरी समान खरीद कर बच्चों को हिंदी, इंग्लिश और गणीत के साथ सामान्य ज्ञान की शिक्षा दे रही है, ताकि वो बड़े होकर अपना भविष्य संवार सकें. खुद निधि 11वीं की छात्रा है, लेकिन उसके हौसले काफी बड़े हैं.
निधि का कहना है कि गांव का हर बच्चा पढ़कर आगे बढ़ सके, अपने आने वाला कल को संवार सके. इसी महत्वाकांक्षा के साथ वे नर्सरी से लेकर पांचवीं तक के बच्चों को पढ़ा रही हैं और खुद भी पारिवारिक विषम परिस्थितियों के बावजूद खुद भी बच्चों को शिक्षित करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं.
निधि को मिला सामजसेवियों का साथ
निधि के दृढ़ संकल्प और अथक प्रयासों की जानकारी सोशल मीडिया पर गांव के ही एक युवक ने दी तो समाजसेवियों ने भी बच्ची के इस परोपकार और सरोकार को जमकर सराहा और अब वह भी इस पाठशाला को आगे बढ़ाने में अपना सहयोग दे रहे हैं. बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता समाजसेवी बच्चों के लिए आयरन कैल्सियम की गोलियां, सैनिटाइजर-मास्क और अन्य व्यवस्था करा रहे हैं. ताकि शिक्षा की बुनियाद की नीव और अधिक मजबूत हो सके.