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एमपी का एक ऐसा थाना जहां नहीं जाना चाहता कोई थाना प्रभारी, जानें क्यों

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Published : Aug 23, 2019, 3:25 PM IST

नरसिंहपुर जिले में एक थाना ऐसा भी है, जहां पर जाने वाला हर टीआई कुर्सी संभालते ही सस्पेंड या लाइनअटैच हो जाता है, इसलिए वहां कोई पदस्थ नहीं होना चाहता.

गाडरवाना थाने में टीआई की कुर्सी से डरते है पुलिसवालें

नरसिंहपुर। आपने कभी सुना है कि थाने की कुर्सी को लेकर भी पुलिसवालों में दहशत हो सकती है. जिस पर बैठते ही थानेदार को सस्पेंड या लाइन अटैच होने का डर सताने लगता है. जी हां नरसिंहपुर जिले का गाडरवारा थाना ऐसा ही है, जहां लगातार बीते कुछ सालों में जो भी थानेदार आया उसे किसी न किसी वजह से कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और खुद की वर्दी पर भी बदनामी का दाग झेलना पड़ा.

पुलिस विभाग के हर निरीक्षक की ये इच्छा होती है कि वो कभी किसी थाने का प्रभारी बने, लेकिन एमपी के नरसिंहपुर में एक ऐसा थाना है, जहां कोई भी थानेदार के रूप में पदस्थ नहीं होना चाहता है, क्योंकि यहां पर तैनात होने वाले हर टीआई के वर्दी पर किसी न किसी कारण दाग लग ही जाता है. पिछले डेढ़ साल के आंकड़ों को देखा जाए तो 17 मामले अवैध खनन, 2 बड़े घोटाले, 4 अपहरण, 9 हत्याएं, 11 महिला संबंधी अपराध और जुआ एक्ट के तहत 19 मामले दर्ज किए गए, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो पाई है, क्योंकि यहां पर मौजूद टीआई किसी न किसी वजह से सस्पेंड हो जाता है.

गाडरवारा थाने में टीआई की कुर्सी से डरते हैं पुलिसवाले

इस मामले को लेकर एएसपी बताते हैं कि एक दर्जन से अधिक थाना प्रभारियों को लगातार हटाया गया है, हालांकि इसके पीछे वह इन प्रभारियों की कर्तव्यनिष्ठा में चूक होना बता रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें हटाया गया है और यही भय नरसिंहपुर में पदस्थ हर नगर निरीक्षक को सताता है कि कहीं उनके हिस्से में यह कांटों भरी कुर्सी न आ जाए.

नरसिंहपुर। आपने कभी सुना है कि थाने की कुर्सी को लेकर भी पुलिसवालों में दहशत हो सकती है. जिस पर बैठते ही थानेदार को सस्पेंड या लाइन अटैच होने का डर सताने लगता है. जी हां नरसिंहपुर जिले का गाडरवारा थाना ऐसा ही है, जहां लगातार बीते कुछ सालों में जो भी थानेदार आया उसे किसी न किसी वजह से कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और खुद की वर्दी पर भी बदनामी का दाग झेलना पड़ा.

पुलिस विभाग के हर निरीक्षक की ये इच्छा होती है कि वो कभी किसी थाने का प्रभारी बने, लेकिन एमपी के नरसिंहपुर में एक ऐसा थाना है, जहां कोई भी थानेदार के रूप में पदस्थ नहीं होना चाहता है, क्योंकि यहां पर तैनात होने वाले हर टीआई के वर्दी पर किसी न किसी कारण दाग लग ही जाता है. पिछले डेढ़ साल के आंकड़ों को देखा जाए तो 17 मामले अवैध खनन, 2 बड़े घोटाले, 4 अपहरण, 9 हत्याएं, 11 महिला संबंधी अपराध और जुआ एक्ट के तहत 19 मामले दर्ज किए गए, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो पाई है, क्योंकि यहां पर मौजूद टीआई किसी न किसी वजह से सस्पेंड हो जाता है.

गाडरवारा थाने में टीआई की कुर्सी से डरते हैं पुलिसवाले

इस मामले को लेकर एएसपी बताते हैं कि एक दर्जन से अधिक थाना प्रभारियों को लगातार हटाया गया है, हालांकि इसके पीछे वह इन प्रभारियों की कर्तव्यनिष्ठा में चूक होना बता रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें हटाया गया है और यही भय नरसिंहपुर में पदस्थ हर नगर निरीक्षक को सताता है कि कहीं उनके हिस्से में यह कांटों भरी कुर्सी न आ जाए.

Intro:क्या किसी थाने की कुर्सी कलंकित हो सकती है जिस पर बैठते ही थानेदार को सस्पेंड या लाइन अटैच होने का डर सताने लगता हो जी हां नरसिंहपुर जिले का एक थाना ऐसा ही है जहां लगातार बीते कुछ सालो में जो भी थानेदार आया उसे किसी न किसी वजह से कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और खुद की वर्दी पर भी बदनामी का दाग झेलना पड़ा ....देखिए यह रिपोर्ट किस्सा कुर्सी का
Body: - क्या किसी थाने की कुर्सी कलंकित हो सकती है जिस पर बैठते ही थानेदार को सस्पेंड या लाइन अटैच होने का डर सताने लगता हो जी हां नरसिंहपुर जिले का एक थाना ऐसा ही है जहां लगातार बीते कुछ सालो में जो भी थानेदार आया उसे किसी न किसी वजह से कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और खुद की वर्दी पर भी बदनामी का दाग झेलना पड़ा ....देखिए यह रिपोर्ट किस्सा कुर्सी का


हर नगर निरीक्षक की चाह होती है कि उसे थाने का प्रभार मिले लेकिन मध्य्रदेश के नरसिंहपुर में एक ऐसा थाना है जहां कोई भी थानेदार के रूप में पदस्थ होना नहीं चाहता है क्युकी उसे अपने वर्दी पर दाग लगने का डर सताने लगता है जानकार आपको भी हैरानी हुई होगी पर ये सच है नरसिंहपुर जिले का यह थाना आपराधिक मामलों में सबसे संवेदनशील माना जाता है अवैध खनन , जुआ सट्टे का कारोबार और चोरी लूट की वारदात यहां आम बात है पिछले डेढ़ साल के आंकड़ों को देखा जाए तो 17 मामले अवैध खनन , 2 बड़े घोटाले , 4 अपहरण 9 हत्याएं 11 महिला सम्बन्धी अपराध और जुआ एक्ट के तहत 19 मामले दर्ज किए गए जिनके कार्यवाही के नाम पर कहीं न कहीं पुलिस की गैर गंभीरता सामने आई और थाने में पदस्थ लगभग हर थानेदार को किसी न किसी वजह से सस्पेंड करके या किसी अन्य गलती की वजह से उसे लाइन अटैच कर दिया जाता है पिछले कुछ सालों के आंकड़े भी यही हकीकत को दोहराते नजर आ रहे है मसलन यहां पदस्थ थानेदार आरडी मिश्रा 2011 पीएस ग्रेवाल 2011 शैलेश मिश्रा 2013 उमेश तिवारी2015 मुकेश खम्परिया 2016 अरविंद दुबे2018 संजय दुबे 2019 अरविंद चौबे 2019 रामफल गोंड 2019 गाडरवारा टी आई के पद से हटाया गया था ये आंकड़े लगातार हटाए गए थाना प्रभारियों के है इसे लेकर खुद जिले के ए एसपी बताते है की एक दर्जन से अधिक थाना प्रभारियों को लगातार हटाया गया है हालाकि इसके पीछे वह इन प्रभारियों की कर्तव्यनिष्ठा में चूक होना बता रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें हटाया गया है और यही भय नरसिंहपुर में पदस्थ हर नगर निरीक्षक को सताता है कि कहीं उन्हें हिस्से में यह कांटो भारी कुर्सी न आ जाए


बाइट - राजेश तिवारी , ए एसपी नरसिंहपुरConclusion:हालाकि इसके पीछे वह इन प्रभारियों की कर्तव्यनिष्ठा में चूक होना बता रहे हैं जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें हटाया गया है और यही भय नरसिंहपुर में पदस्थ हर नगर निरीक्षक को सताता है कि कहीं उन्हें हिस्से में यह कांटो भारी कुर्सी न आ जाए
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