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नर्मदा घाटों पर अस्थि विसर्जन, नरसिंहपुर में ग्राम सभा ने संभाली साफ-सफाई की जिम्मेदारी - bone immersion at narmada ghat

नरसिंहपुर के नर्मदा घाटों पर भी लोग अपने मृत परिजनों का पिंडदान और तर्पण करने आते हैं. लेकिन प्रदेश की दूसरी नदियों की तरह यहां न तो कहीं गंदगी नजर आती है और न संक्रमण का खतरा.

bone immersion at narmada
नर्मदा घाटों पर अस्थि विसर्जन,
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Published : May 19, 2021, 7:19 PM IST

नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण से जिनकी मौत हो चुकी है उनके परिजन मृत लोगों की आत्माओं की शांति के लिए पवित्र नदियों पर जाकर , तर्पण, पिंडदान और क्रियाकर्म कर रहे हैं. नरसिंहपुर के नर्मदा घाटों पर भी लोग अपने मृत परिजनों का पिंडदान और तर्पण करने आते हैं. लेकिन प्रदेश की दूसरी नदियों की तरह यहां न तो कहीं गंदगी नजर आती है और न संक्रमण का खतरा. हालांकि लोग यहां कम संख्या में ही पहुंच रहे हैं. ग्राम पंचायत द्वारा यहां इन घाटों पर साफ-सफाई के लिए स्यवंसेवक लगाए गए हैं, जो घाटों के आसपास से गंदगी को इकट्ठा कर घाट से कुछ दूर ले जाकर जला देते हैं. ईटीवी भारत ने नरसिंहपुर के नर्मदा घाटों का जायजा लिया जहां मां नर्मदा की पवित्रता बरकरार दिखी.

नर्मदा घाटों पर अस्थि विसर्जन,
नर्मदा किनारे 7-8 विजर्सन घाट हैंनरसिंहपुर जिले में 7 से 8 खारी घाट (स्थानीय भाषा में जहां अंतिम क्रिया की जाती है उन घाटों को खारी घाट कहते हैं) है. जहां पर लोग मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान करने आते हैं. ईटीवी की भारत की टीम ने जब नरसिंहपुर जिले के झांसी घाट के करीब रतन धन घाट पर पहुंची तो यहां पर साफ-सफाई नजर आई यहां पर जागरूक लोगों द्वारा घाट को साफ़ स्वच्छ रखा जा रहा है और ग्राम पंचायत की ओर से भी घाट की साफ सफाई की जा रही है. यहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग तर्पण, मुंडन कराने भी आते हैं इसके बावजूद भी यहां गंदगी नजर नहीं आई इक्का-दुक्का जगह पर ही थोड़ी बहुत मृत लोगों के जूते चप्पल और कपड़े नजर आए इस घाट पर साफ सफाई रखने के लिए सारे कचरे को इकट्ठा करके जला दिया जाता है.

नरसिंहपुर। कोरोना संक्रमण से जिनकी मौत हो चुकी है उनके परिजन मृत लोगों की आत्माओं की शांति के लिए पवित्र नदियों पर जाकर , तर्पण, पिंडदान और क्रियाकर्म कर रहे हैं. नरसिंहपुर के नर्मदा घाटों पर भी लोग अपने मृत परिजनों का पिंडदान और तर्पण करने आते हैं. लेकिन प्रदेश की दूसरी नदियों की तरह यहां न तो कहीं गंदगी नजर आती है और न संक्रमण का खतरा. हालांकि लोग यहां कम संख्या में ही पहुंच रहे हैं. ग्राम पंचायत द्वारा यहां इन घाटों पर साफ-सफाई के लिए स्यवंसेवक लगाए गए हैं, जो घाटों के आसपास से गंदगी को इकट्ठा कर घाट से कुछ दूर ले जाकर जला देते हैं. ईटीवी भारत ने नरसिंहपुर के नर्मदा घाटों का जायजा लिया जहां मां नर्मदा की पवित्रता बरकरार दिखी.

नर्मदा घाटों पर अस्थि विसर्जन,
नर्मदा किनारे 7-8 विजर्सन घाट हैंनरसिंहपुर जिले में 7 से 8 खारी घाट (स्थानीय भाषा में जहां अंतिम क्रिया की जाती है उन घाटों को खारी घाट कहते हैं) है. जहां पर लोग मृत लोगों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान करने आते हैं. ईटीवी की भारत की टीम ने जब नरसिंहपुर जिले के झांसी घाट के करीब रतन धन घाट पर पहुंची तो यहां पर साफ-सफाई नजर आई यहां पर जागरूक लोगों द्वारा घाट को साफ़ स्वच्छ रखा जा रहा है और ग्राम पंचायत की ओर से भी घाट की साफ सफाई की जा रही है. यहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग तर्पण, मुंडन कराने भी आते हैं इसके बावजूद भी यहां गंदगी नजर नहीं आई इक्का-दुक्का जगह पर ही थोड़ी बहुत मृत लोगों के जूते चप्पल और कपड़े नजर आए इस घाट पर साफ सफाई रखने के लिए सारे कचरे को इकट्ठा करके जला दिया जाता है.
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