मुरैना। मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा बनाए गए स्व-सहायता समूह उन महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं, जो महिलाएं बिना कार्य के अपने घर बैठकर कीमती समय को व्यर्थ कर रहीं थीं. कैलारस विकासखंड के ग्राम निरार में जय मां सरस्वती स्व-सहायता समूह ने 12 महिलाओं को रोजगार देकर उन्हें स्वावलम्बी बनाया. ये महिलाएं प्रतिदिन 190 रूपए कमाती हैं.
12 महिलाओं को मिल रहा रोजगार
कैलारस विकासखंड के ग्राम निरार में जय मां सरस्वती स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष रीना धाकड़ ने बताया कि, गांव में महिलाएं रोजगार से जोड़ने के लिए मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से एक जय मां सरस्वती समूह का गठन किया. इस समूह में प्रति सप्ताह 12 महिलाओं से 20-20 रूपए जमा करके 21 हजार 890 रूपए इकट्ठे किए. इस राशि को समूह के नाम से बैंक में खाता खोलकर जमा करा दिया.
इस राशि पर एनआरएलएम ने 6 समूहों को जोड़कर ढ़ाई लाख रूपए लोन दिया. जिसमें से 60 हजार रूपए की भैंस खरीदी. दूध बेचकर 60 हजार रूपए की राशि जमा की. इसके बाद 12 महिलाओं को एनआरएलएम के सहयोग नर्सरी की ट्रेनिंग दिलवाई. गांव के समीप ही दो एकड़ शासकीय जमीन समूह के नाम से स्वीकृत कराई. उसमें नर्सरी प्रारंभ की. नर्सरी में आज आम, जामुन, बेर, कन्हर, गुलाब, सीताफल, गुलमोर, नीबूं, अनार, पपीता जैसे 20 हजार पौधें तैयार किए.
प्रतिदिन मिलते हैं 190 रूपए
इस नर्सरी में सभी 12 महिलाएं श्रमदान करती हैं. श्रमदान की राशि जिला पंचायत के सहयोग से प्रति महिला को 190 रूपए प्रतिदिन प्राप्त होने लगी. नर्सरी से प्रति पौधे का विक्रय दर 20 रूपये रखा गया. पौधे बिकने से समूह के खाते में भी एक अच्छी खासी रकम जमा हो रही है. समूह की महिलओं को अपने घर के पास रोजगार प्राप्त हो रहा है.