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मुरैना में ग्रामीणों को नसीब नहीं हुआ पुल, जान जोखिम में डाल नैरोगेज ट्रैक करते हैं पार

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Published : Sep 10, 2020, 6:15 PM IST

मुरैना के सुमावली से लगे करीब 30 से 40 गांव के लोगों को म पर पुल ना होने से हर रोज अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ती है. पुल नहीं होने से लोग नैरोगेज रेलवे ट्रैक के रास्ते का सहारा लेते हैं, जो काफी खतरनाक है.

Villagers travel dangerous every day
हर रोज खतरनाक सफर करते ग्रामीण

मुरैना। चुनाव में नेता जनता को बड़े बड़े सपने दिखाकर वोट मांगते हैं, लेकिन सरकार बनने के बाद सारे वादे हवा हो जाते है. सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन लोगों की समस्या जस की तस बनी रहती है. मुरैना, जौरा, दिमनी, अम्बाह और सुमावली इन पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले है, ऐसे में सरकार एक बार फिर लोगों से बड़े- बड़े वादे कर रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. सुमावली से ही लगभग 25 से 30 गांव के लोगों को अभी तक एक पुल नसीब नहीं हो पाया है.

हर रोज खतरनाक सफर करते ग्रामीण

सुमावली से जौरा जाने के लिए ग्रामीणों को एक पुल की दरकार है, लेकिन कई सालों की मांग के बाद भी, आसन नदी पर एक पुल या रपटा नहीं बनने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर सफर करना को मजबूर होना पड़ रहा है. पुल नहीं होने से सुमावली और उसके आसपास के 30 से 40 गांव के लोग नैरोगेज रेलवे ट्रैक के रास्ते का सहारा लेते है. ज्यादातर लोग रेलवे लाइन के नैरोगेज ट्रैक के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर कम दूरी तय कर जौरा पहुंचते हैं.

पुल नहीं होने से होती है परेशानी

पिछले कुछ सालों से रेलवे ने सुमावली के नजदीक आसन नदी पर बने रेलवे ब्रिज के फुटपाथ को भी तोड़ दिया. जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ गईं. इसके पीछे रेलवे ने बताया कि, आसन नदी पर बना यह ब्रिज 100 साल से भी अधिक पुराना है, क्षतिग्रस्त भी हो रहा है, इसलिए इसे आम लोगों के लिए बंद किया गया. रेलवे ने ब्रिज के बगल में बने फुटपाथ को दोनों सिरे से तोड़ दिया, ताकि आमजन इस ब्रिज पर आ जा ना सके. जब मौसम सामान्य होता है, तो ग्रामीण नदी के रास्ते होते हुए निकल जाते हैं, लेकिन बारिश के समय में जब नदी में अधिक पानी रहता है तो लोग या तो रेल की पटरियों के सहारे जीवन संकट में डालकर निकलने की कोशिश करते हैं, या 12 किलोमीटर के स्थान पर 30 से 35 किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय करते हैं.

पीएचई मंत्री ने किया पुल बनवाने का वादा

सुमावली क्षेत्र के लोगों की समस्या को लेकर जब क्षेत्रीय नेता और प्रदेश सरकार के पीएचई मंत्री एदल सिंह कंसाना से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, वर्तमान में सरकार ने सुमावली क्षेत्र में तीन नए पुल और रपटा स्वीकृत किए हैं. जिनका जल्दी काम शुरू होगा और उसमें आसन नदी पर क्षेत्र के लोगों की मांग वाला ब्रिज भी शामिल है, जो सुमावली से जोरा के रास्ते को कम करते हुए सीधे जुड़ेगा. आप लोगों को इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. जल्द ही रहवासियों की पुरानी मांग भी पूरी हो सकेगी.

मुरैना। चुनाव में नेता जनता को बड़े बड़े सपने दिखाकर वोट मांगते हैं, लेकिन सरकार बनने के बाद सारे वादे हवा हो जाते है. सरकारें आती हैं और चली जाती हैं, लेकिन लोगों की समस्या जस की तस बनी रहती है. मुरैना, जौरा, दिमनी, अम्बाह और सुमावली इन पांच विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले है, ऐसे में सरकार एक बार फिर लोगों से बड़े- बड़े वादे कर रही है. लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है. सुमावली से ही लगभग 25 से 30 गांव के लोगों को अभी तक एक पुल नसीब नहीं हो पाया है.

हर रोज खतरनाक सफर करते ग्रामीण

सुमावली से जौरा जाने के लिए ग्रामीणों को एक पुल की दरकार है, लेकिन कई सालों की मांग के बाद भी, आसन नदी पर एक पुल या रपटा नहीं बनने से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर सफर करना को मजबूर होना पड़ रहा है. पुल नहीं होने से सुमावली और उसके आसपास के 30 से 40 गांव के लोग नैरोगेज रेलवे ट्रैक के रास्ते का सहारा लेते है. ज्यादातर लोग रेलवे लाइन के नैरोगेज ट्रैक के सहारे अपनी जान जोखिम में डालकर कम दूरी तय कर जौरा पहुंचते हैं.

पुल नहीं होने से होती है परेशानी

पिछले कुछ सालों से रेलवे ने सुमावली के नजदीक आसन नदी पर बने रेलवे ब्रिज के फुटपाथ को भी तोड़ दिया. जिससे लोगों की परेशानियां और बढ़ गईं. इसके पीछे रेलवे ने बताया कि, आसन नदी पर बना यह ब्रिज 100 साल से भी अधिक पुराना है, क्षतिग्रस्त भी हो रहा है, इसलिए इसे आम लोगों के लिए बंद किया गया. रेलवे ने ब्रिज के बगल में बने फुटपाथ को दोनों सिरे से तोड़ दिया, ताकि आमजन इस ब्रिज पर आ जा ना सके. जब मौसम सामान्य होता है, तो ग्रामीण नदी के रास्ते होते हुए निकल जाते हैं, लेकिन बारिश के समय में जब नदी में अधिक पानी रहता है तो लोग या तो रेल की पटरियों के सहारे जीवन संकट में डालकर निकलने की कोशिश करते हैं, या 12 किलोमीटर के स्थान पर 30 से 35 किलोमीटर की दूरी सड़क मार्ग से तय करते हैं.

पीएचई मंत्री ने किया पुल बनवाने का वादा

सुमावली क्षेत्र के लोगों की समस्या को लेकर जब क्षेत्रीय नेता और प्रदेश सरकार के पीएचई मंत्री एदल सिंह कंसाना से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि, वर्तमान में सरकार ने सुमावली क्षेत्र में तीन नए पुल और रपटा स्वीकृत किए हैं. जिनका जल्दी काम शुरू होगा और उसमें आसन नदी पर क्षेत्र के लोगों की मांग वाला ब्रिज भी शामिल है, जो सुमावली से जोरा के रास्ते को कम करते हुए सीधे जुड़ेगा. आप लोगों को इसकी चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. जल्द ही रहवासियों की पुरानी मांग भी पूरी हो सकेगी.

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