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मुरैना में दो नर्सिंग स्टाफ सहित 9 लोग कोरोना पॉजिटिव, ड्यूटी स्टाफ हॉस्टल में शिफ्ट

मुरैना में अस्पताल की दो नर्स सहित 9 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं. जिसके बाद सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. वहीं नर्सों ने सीएस और सीएमएचओ निवास पर हंगामा करते हुए अस्पताल प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.

total of 9 people Corona positive
9 लोग कोरोना पॉजिटिव
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Published : May 8, 2020, 12:45 AM IST

मुरैना। जिले में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़कर 9 हो गया है. कोरोना से संक्रमित हुए लोगों में दो नर्सिंग स्टाफ सहित एक गुजरात और दो चेन्नई से लौटने वाले मजदूर शामिल हैं. जिन्हें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. इनके अलावा कोरोना के लक्षण वाले अन्य 35 संदिग्ध मरीजों को भी भर्ती किया गया है. मुरैना में अभी तक कोरोना के कुल 22 मरीज सामने आ चुके हैं. जिनमें से 13 मरीज पूर्ण स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. शेष 9 मरीजों को उपचार के लिए भर्ती किया गया.

जिला अस्पताल में बीती रात 5 नए मरीजों की पॉजिटिव रिपोर्ट आयी है, जिनमें दो जिला अस्पताल की नर्सें भी शामिल हैं, जिसके बाद जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं और सुबह 9 बजे जिला अस्पताल की कई नर्सों ने सीएस और सीएमएचओ कार्यालय पर हंगामा करते हुए, अस्पताल प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि कोविड-19 मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को पीपीई किट नहीं दी जा रही. जिसके कारण दो नर्सें कोरोना संक्रमित हुईं हैं. नर्सों ने ये भी आरोप लगाया कि अगर हम पीपीई किट की मांग करते हैं तो हमें सस्पेंड करने या फिर नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही थी. बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से सभी को समझा कर ड्यूटी पर भेज दिया गया. कलेक्टर ने दिन में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें सभी कर्मचारी जो आइसोलेशन वार्ड में काम करते हैं उनको पर्याप्त पीपीई किट, एन-95 मास्क, सेनिटाइजर्स आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए.

इस दौरान सीएमएचओ एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना मरीजों के उपचार में लगी नर्सों को घर जाने दिया जा रहा था. जिससे उनके साथ उनके घर वालों का भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है. जबकि ऐसे कर्मचारियों के लिए शहर के 4 होटल पहले से बुक किए हुए हैं. आज ऐसे महिला कर्मचारियों को नील वर्ल्ड स्कूल के हॉस्टल में शिफ्ट किया है.

कोरोना मरीजों के वार्ड में ड्यूटी कर रही नर्सों के निवास वाले गणेशपुरा को चारों ओर से सील करने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद से लौटे एक मजदूर सहित अन्य संक्रमित मरीजों के निवास वाले वार्ड को चारों और से सील कर, यहां के सभी लोगों को होम कॉरेंटाइन किया गया है. मुरैना शहर के 7 और दो मरीज सबलगढ़ तहसील के निवासी हैं, सबलगढ़ निवासी दोनों मरीज चेन्नई से वापस आकर बिना घर जाए सीधे अस्पताल गए थे, इसलिए सबलगढ़ में कोई संक्रमण का खतरा नहीं है, लेकिन मुरैना के 6 वार्डों को सील करते हुए कर्फ्यू क्षेत्र घोषित किया है.

मुरैना। जिले में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों की संख्या का आंकड़ा बढ़कर 9 हो गया है. कोरोना से संक्रमित हुए लोगों में दो नर्सिंग स्टाफ सहित एक गुजरात और दो चेन्नई से लौटने वाले मजदूर शामिल हैं. जिन्हें जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया है. इनके अलावा कोरोना के लक्षण वाले अन्य 35 संदिग्ध मरीजों को भी भर्ती किया गया है. मुरैना में अभी तक कोरोना के कुल 22 मरीज सामने आ चुके हैं. जिनमें से 13 मरीज पूर्ण स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं. शेष 9 मरीजों को उपचार के लिए भर्ती किया गया.

जिला अस्पताल में बीती रात 5 नए मरीजों की पॉजिटिव रिपोर्ट आयी है, जिनमें दो जिला अस्पताल की नर्सें भी शामिल हैं, जिसके बाद जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े होने लगे हैं और सुबह 9 बजे जिला अस्पताल की कई नर्सों ने सीएस और सीएमएचओ कार्यालय पर हंगामा करते हुए, अस्पताल प्रबंधन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उनका आरोप है कि कोविड-19 मरीजों के इलाज में लगे डॉक्टर्स, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य कर्मचारियों को पीपीई किट नहीं दी जा रही. जिसके कारण दो नर्सें कोरोना संक्रमित हुईं हैं. नर्सों ने ये भी आरोप लगाया कि अगर हम पीपीई किट की मांग करते हैं तो हमें सस्पेंड करने या फिर नौकरी से निकालने की धमकी दी जा रही थी. बाद में जिला प्रशासन के हस्तक्षेप से सभी को समझा कर ड्यूटी पर भेज दिया गया. कलेक्टर ने दिन में स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें सभी कर्मचारी जो आइसोलेशन वार्ड में काम करते हैं उनको पर्याप्त पीपीई किट, एन-95 मास्क, सेनिटाइजर्स आदि उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए.

इस दौरान सीएमएचओ एवं प्रशासनिक अधिकारियों की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. कोरोना मरीजों के उपचार में लगी नर्सों को घर जाने दिया जा रहा था. जिससे उनके साथ उनके घर वालों का भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है. जबकि ऐसे कर्मचारियों के लिए शहर के 4 होटल पहले से बुक किए हुए हैं. आज ऐसे महिला कर्मचारियों को नील वर्ल्ड स्कूल के हॉस्टल में शिफ्ट किया है.

कोरोना मरीजों के वार्ड में ड्यूटी कर रही नर्सों के निवास वाले गणेशपुरा को चारों ओर से सील करने का निर्णय लिया गया है. इसी तरह गुजरात के अहमदाबाद से लौटे एक मजदूर सहित अन्य संक्रमित मरीजों के निवास वाले वार्ड को चारों और से सील कर, यहां के सभी लोगों को होम कॉरेंटाइन किया गया है. मुरैना शहर के 7 और दो मरीज सबलगढ़ तहसील के निवासी हैं, सबलगढ़ निवासी दोनों मरीज चेन्नई से वापस आकर बिना घर जाए सीधे अस्पताल गए थे, इसलिए सबलगढ़ में कोई संक्रमण का खतरा नहीं है, लेकिन मुरैना के 6 वार्डों को सील करते हुए कर्फ्यू क्षेत्र घोषित किया है.

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