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पोस्ट पर मचा बवाल, नायब तहसीलदार के समर्थन में उतरे सामाजिक संगठन

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Published : Jun 17, 2020, 7:23 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 9:24 PM IST

मुरैना जिले के सबलगढ़ में पदस्थ नायब तहसीलदार नरेश शर्मा द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी की थी, जिसका विरोध हो रहा है.

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फेसबुक पोस्ट पर मचा बवाल

मुरैना। सबलगढ़ में पदस्थ नायब तहसीलदार नरेश शर्मा द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद सामान्य वर्ग और दलित वर्ग में वाद-विवाद हो गया है, पहले दलित संगठनों ने नायब तहसीलदार नरेश शर्मा के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की तो वहीं सामान्य संगठनों ने उनके बचाव को लेकर तहसील से लेकर कमिश्नर कार्यालय तक ज्ञापन दे रहे हैं.

नायब तहसीलदार नरेश शर्मा द्वारा अपनी फेसबुक वॉल पर प्रमोशन में आरक्षण देने को गलत बताया था. जिसे लेकर दलित संगठनों और बहुजन समाज पार्टी द्वारा तहसीलदार नरेश शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. वहीं तहसीलदार की पदोन्नति में आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी को ब्राह्मण संगठन और सामान्य वर्ग संगठन द्वारा सपोर्ट मिला है, इन संगठनों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि हर व्यक्ति को अपने मन की बात रखने का पूरा अधिकार है. यह अलग बात है कि नरेश शर्मा एक लोक सेवक के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन उनकी स्वयं की भी अपनी व्यक्तिगत राय हो सकती है. जिन्हें व्यक्त करने का उन्हें पूरा अधिकार है, ऐसे में नरेश शर्मा के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का कदम ना उठाया जाए नहीं तो लोगों को संविधान द्वारा दी जाने वाली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होगा.

ब्राह्मण संगठन के सदस्यों का कहना है कि उस पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी, जिससे दलित संगठन या दलित समाज के किसी वर्ग के व्यक्ति की भावनाएं आहत हुई हो, इसलिए नायब तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उचित नहीं है.

मुरैना। सबलगढ़ में पदस्थ नायब तहसीलदार नरेश शर्मा द्वारा प्रमोशन में आरक्षण को लेकर फेसबुक पर टिप्पणी की थी, जिसके बाद सामान्य वर्ग और दलित वर्ग में वाद-विवाद हो गया है, पहले दलित संगठनों ने नायब तहसीलदार नरेश शर्मा के विरुद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग की तो वहीं सामान्य संगठनों ने उनके बचाव को लेकर तहसील से लेकर कमिश्नर कार्यालय तक ज्ञापन दे रहे हैं.

नायब तहसीलदार नरेश शर्मा द्वारा अपनी फेसबुक वॉल पर प्रमोशन में आरक्षण देने को गलत बताया था. जिसे लेकर दलित संगठनों और बहुजन समाज पार्टी द्वारा तहसीलदार नरेश शर्मा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है. वहीं तहसीलदार की पदोन्नति में आरक्षण को लेकर की गई टिप्पणी को ब्राह्मण संगठन और सामान्य वर्ग संगठन द्वारा सपोर्ट मिला है, इन संगठनों ने अपने ज्ञापन में कहा है कि हर व्यक्ति को अपने मन की बात रखने का पूरा अधिकार है. यह अलग बात है कि नरेश शर्मा एक लोक सेवक के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन उनकी स्वयं की भी अपनी व्यक्तिगत राय हो सकती है. जिन्हें व्यक्त करने का उन्हें पूरा अधिकार है, ऐसे में नरेश शर्मा के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई का कदम ना उठाया जाए नहीं तो लोगों को संविधान द्वारा दी जाने वाली अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हनन होगा.

ब्राह्मण संगठन के सदस्यों का कहना है कि उस पोस्ट में ऐसी कोई बात नहीं लिखी, जिससे दलित संगठन या दलित समाज के किसी वर्ग के व्यक्ति की भावनाएं आहत हुई हो, इसलिए नायब तहसीलदार के विरुद्ध कार्रवाई की मांग उचित नहीं है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 9:24 PM IST
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