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चंबल के बीहड़ में छाएगी हरियाली, 4500 हेक्टेयर में तैयार होंगे उन्नत किस्मों के बीज

मुरैना के बीहड़ में उन्नत किस्मों के बीज तैयार करने की योजना बनाई गई है. इसके लिए मंगलवार को विशेषज्ञों की टीम ने छिनवरा और पिपरई गांव का दौरा किया. साथ ही जिले के पदाधिकारिेयों से फसलों और बीजों की जानकारी ली.

sdi joint secretary visits morena for seed development project
चंबल के बीहड़ में छाएगी हरियाली, 4500 हेक्टेयर में तैयार होंगे उन्नत किस्मों के बीज
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Published : Jun 16, 2021, 8:03 PM IST

मुरैना। चंबल के बीहड़ में अटल प्रोग्रेस-वे के जरिए मेगा हाईवे बनाने के साथ ही हरियाली लाने पर भी जोर दिया जा रहा है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) ने बीहड़ में उन्नत बीज तैयार करने की योजना बनाई है. इसके लिए मंगलवार को कृषि मंत्रालय के सयुंक्त सचिव के साथ आई टीम ने छिनवरा और पिपरई गांव के बीहड़ों का दौरा किया है.

4500 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा प्रोजेक्ट

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के निर्देश पर सीड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Seed Development Corporation of India ) ने चंबल नदी के किनारे 4500 हेक्टेयर बीहड़ की जमीन में उन्नत किस्मों के बीज तैयार करने की योजना बनाई है. इसी के चलते मंगलवार को मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी अश्विनी कुमार के साथ राष्ट्रीय बीज निगम के संचालक एमएल अरोरा, अपर आयुक्त (उत्पादन) ऊंकार सिंह, प्रशासनिक अधिकारियों सहित दिल्ली और भोपाल के कृषि एवं भूमि विशेषज्ञों का एक दल मुरैना आया. ये दल सबसे पहले जौरा तहसील के छिनवरा गांव और फिर मुरैना तहसील के पिपरई गांव में पहुंचा. ये दोनों गांव चंबल नदी के किनारे बसे हैं और गांवों से सटकर हजारों बीघा बीहड़ की जमीन है. मौके पर ही अफसरों ने गांवों के नक्शे निकालकर बीहड़ों की सरकारी जमीन का जायजा लिया.

कोटा में चल रहा ऐसा ही प्रोजेक्ट

हाइब्रिड बीज बनाने का ऐसा ही प्रोजेक्ट राजस्थान के कोटा के पास बीहड़ों में चल रहा है, वहां 22 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन में हर फसल के उन्नत बीज तैयार किए जाते हैं. इससे अनुमान लगाया गया कि 20 हजार हेक्टेयर बीहड़ों के मुरैना में भी यह प्रोजेक्ट शुरु हो सकता है.

2 करोड़ की लागत से बने डैम में नहीं रुक रहा पानी, बूंद-बूंद को तरसे ग्रामीण

जिले के अधिकारियों के साथ की बैठक

दिल्ली और भोपाल से आए अधिकारियों को चंबल नदी के किनारे के बीहड़ पसंद आए. इसके बाद मुरैना लौटकर उन्होंने जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस पर मीटिंग की. इस मीटिंग में जिले में होने वाली फसलों और यहां पाए जाने वाले बीजों की जानकारी जुटाई. इस दौरान अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव, संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार जैन, बीज निगम के आरएम गुलावीर सिंह, एसडीएम जौरा सुरेश बराहदिया, जौरा तहसीलदार कल्पना शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

क्षेत्र में विकास के साथ बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

सरसों तेल सहित अन्य फसलों को पैदा करने वाली फसलों के हाइब्रिड बीज उत्पादन के लिए एक नायाब प्रोजेक्ट पर काम शुरु करेगा. यह प्रोजेक्ट मुरैना के लिए स्वीकृत हुआ तो अंचल के किसान तिलहनी फसलों को उगा कर मालामाल होंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वहीं उस इलाके के गांवों सहित आसपास के क्षेत्र में विकास भी बढ़ेगा.

मुरैना। चंबल के बीहड़ में अटल प्रोग्रेस-वे के जरिए मेगा हाईवे बनाने के साथ ही हरियाली लाने पर भी जोर दिया जा रहा है. कृषि मंत्रालय (Ministry of Agriculture) ने बीहड़ में उन्नत बीज तैयार करने की योजना बनाई है. इसके लिए मंगलवार को कृषि मंत्रालय के सयुंक्त सचिव के साथ आई टीम ने छिनवरा और पिपरई गांव के बीहड़ों का दौरा किया है.

4500 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा प्रोजेक्ट

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के निर्देश पर सीड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Seed Development Corporation of India ) ने चंबल नदी के किनारे 4500 हेक्टेयर बीहड़ की जमीन में उन्नत किस्मों के बीज तैयार करने की योजना बनाई है. इसी के चलते मंगलवार को मंत्रालय के ज्वॉइंट सेक्रेटरी अश्विनी कुमार के साथ राष्ट्रीय बीज निगम के संचालक एमएल अरोरा, अपर आयुक्त (उत्पादन) ऊंकार सिंह, प्रशासनिक अधिकारियों सहित दिल्ली और भोपाल के कृषि एवं भूमि विशेषज्ञों का एक दल मुरैना आया. ये दल सबसे पहले जौरा तहसील के छिनवरा गांव और फिर मुरैना तहसील के पिपरई गांव में पहुंचा. ये दोनों गांव चंबल नदी के किनारे बसे हैं और गांवों से सटकर हजारों बीघा बीहड़ की जमीन है. मौके पर ही अफसरों ने गांवों के नक्शे निकालकर बीहड़ों की सरकारी जमीन का जायजा लिया.

कोटा में चल रहा ऐसा ही प्रोजेक्ट

हाइब्रिड बीज बनाने का ऐसा ही प्रोजेक्ट राजस्थान के कोटा के पास बीहड़ों में चल रहा है, वहां 22 हजार हेक्टेयर से ज्यादा जमीन में हर फसल के उन्नत बीज तैयार किए जाते हैं. इससे अनुमान लगाया गया कि 20 हजार हेक्टेयर बीहड़ों के मुरैना में भी यह प्रोजेक्ट शुरु हो सकता है.

2 करोड़ की लागत से बने डैम में नहीं रुक रहा पानी, बूंद-बूंद को तरसे ग्रामीण

जिले के अधिकारियों के साथ की बैठक

दिल्ली और भोपाल से आए अधिकारियों को चंबल नदी के किनारे के बीहड़ पसंद आए. इसके बाद मुरैना लौटकर उन्होंने जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस पर मीटिंग की. इस मीटिंग में जिले में होने वाली फसलों और यहां पाए जाने वाले बीजों की जानकारी जुटाई. इस दौरान अपर कलेक्टर नरोत्तम भार्गव, संयुक्त कलेक्टर संजीव कुमार जैन, बीज निगम के आरएम गुलावीर सिंह, एसडीएम जौरा सुरेश बराहदिया, जौरा तहसीलदार कल्पना शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

क्षेत्र में विकास के साथ बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

सरसों तेल सहित अन्य फसलों को पैदा करने वाली फसलों के हाइब्रिड बीज उत्पादन के लिए एक नायाब प्रोजेक्ट पर काम शुरु करेगा. यह प्रोजेक्ट मुरैना के लिए स्वीकृत हुआ तो अंचल के किसान तिलहनी फसलों को उगा कर मालामाल होंगे और स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा. वहीं उस इलाके के गांवों सहित आसपास के क्षेत्र में विकास भी बढ़ेगा.

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