मुरैना। मंगलवार को शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की 122 वी जयंती मनाई गई. जहां सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नमन करते हुए बिस्मिल को याद किया. वहीं जिले में बने राम प्रसाद बिस्मिल के शहीद मंदिर में पूजा अर्चना कर आरती के बाद माल्यार्पण किया गया. इसके साथ ही मंदिर परिसर में पौधरोपण कर शहीदों के परिजन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व साधुओं को सम्मानित किया गया.
तात्याटोपे का प्रपोत्र सुभाष टोपे का कहना है कि सरकार ने रामप्रसाद बिस्मिल को शहीद का दर्जा न देकर भेदभाव किया है. बता दें बिस्मिल संग्रहालय में भी शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. वहीं इसी के साथ बिस्मिल की जन्मस्थली बरवाई गांव में शहीद पीठ की स्थापना भी की जा रही है, जिसके लिए 12 हजार किलोमीटर से यात्रा कर शहीद कलश को आज बरवाई ले जाया गया. इसके साथ ही वहां पर 50 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य भी रखा गया है.
चुनावों के समय में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता इसे बिस्मिल की धरती कहकर नमन करते हैं, पर उनकी जयंती के दिन एक भी भाजपाई उनके मंदिर या उनकी प्रतिमा पर दिखाई नहीं दिया. वहीं कांग्रेसी जो शहीदों के नमन पर राजनीति करने से कभी नहीं चूकती उसके नेता भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इस दौरान बिस्मिल जयंती कार्यक्रम में दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि नदारद रहे.वहीं प्रशासन के तरफ से एडीएम भी मंदिर पहुंचे थे.