ETV Bharat / state

बिस्मिल जयंती पर हुए कई कार्यक्रम, जनप्रतिनिधि रहे नदारद

मंगलवार को शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की 122 वी जयंती मनाई गई. जहां सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नमन करते हुए बिस्मिल को याद किया. वहीं जिले में बने राम प्रसाद बिस्मिल के शहीद मंदिर में पूजा अर्चना कर आरती के बाद माल्यार्पण किया गया.

author img

By

Published : Jun 11, 2019, 10:34 PM IST

बिस्मिल जयंती पर हुए कई कार्यक्रम

मुरैना। मंगलवार को शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की 122 वी जयंती मनाई गई. जहां सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नमन करते हुए बिस्मिल को याद किया. वहीं जिले में बने राम प्रसाद बिस्मिल के शहीद मंदिर में पूजा अर्चना कर आरती के बाद माल्यार्पण किया गया. इसके साथ ही मंदिर परिसर में पौधरोपण कर शहीदों के परिजन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व साधुओं को सम्मानित किया गया.

बिस्मिल जयंती पर हुए कई कार्यक्रम

तात्याटोपे का प्रपोत्र सुभाष टोपे का कहना है कि सरकार ने रामप्रसाद बिस्मिल को शहीद का दर्जा न देकर भेदभाव किया है. बता दें बिस्मिल संग्रहालय में भी शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. वहीं इसी के साथ बिस्मिल की जन्मस्थली बरवाई गांव में शहीद पीठ की स्थापना भी की जा रही है, जिसके लिए 12 हजार किलोमीटर से यात्रा कर शहीद कलश को आज बरवाई ले जाया गया. इसके साथ ही वहां पर 50 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य भी रखा गया है.

चुनावों के समय में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता इसे बिस्मिल की धरती कहकर नमन करते हैं, पर उनकी जयंती के दिन एक भी भाजपाई उनके मंदिर या उनकी प्रतिमा पर दिखाई नहीं दिया. वहीं कांग्रेसी जो शहीदों के नमन पर राजनीति करने से कभी नहीं चूकती उसके नेता भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इस दौरान बिस्मिल जयंती कार्यक्रम में दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि नदारद रहे.वहीं प्रशासन के तरफ से एडीएम भी मंदिर पहुंचे थे.

मुरैना। मंगलवार को शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की 122 वी जयंती मनाई गई. जहां सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नमन करते हुए बिस्मिल को याद किया. वहीं जिले में बने राम प्रसाद बिस्मिल के शहीद मंदिर में पूजा अर्चना कर आरती के बाद माल्यार्पण किया गया. इसके साथ ही मंदिर परिसर में पौधरोपण कर शहीदों के परिजन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व साधुओं को सम्मानित किया गया.

बिस्मिल जयंती पर हुए कई कार्यक्रम

तात्याटोपे का प्रपोत्र सुभाष टोपे का कहना है कि सरकार ने रामप्रसाद बिस्मिल को शहीद का दर्जा न देकर भेदभाव किया है. बता दें बिस्मिल संग्रहालय में भी शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. वहीं इसी के साथ बिस्मिल की जन्मस्थली बरवाई गांव में शहीद पीठ की स्थापना भी की जा रही है, जिसके लिए 12 हजार किलोमीटर से यात्रा कर शहीद कलश को आज बरवाई ले जाया गया. इसके साथ ही वहां पर 50 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य भी रखा गया है.

चुनावों के समय में बीजेपी के बड़े-बड़े नेता इसे बिस्मिल की धरती कहकर नमन करते हैं, पर उनकी जयंती के दिन एक भी भाजपाई उनके मंदिर या उनकी प्रतिमा पर दिखाई नहीं दिया. वहीं कांग्रेसी जो शहीदों के नमन पर राजनीति करने से कभी नहीं चूकती उसके नेता भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे. इस दौरान बिस्मिल जयंती कार्यक्रम में दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि नदारद रहे.वहीं प्रशासन के तरफ से एडीएम भी मंदिर पहुंचे थे.

Intro:एंकर - मुरैना में शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की 122 वी जयंती पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने नमन करते हुए बिस्मिल को याद किया। मुरैना में बने राम प्रसाद बिस्मिल के शहीद मंदिर में पूजा अर्चना आरती की गई उसके बाद माल्यार्पण किया गया।मंदिर परिसर में पौधरोपण किया शहीदों के परिजन, सामाजिक कार्यकर्ताओं व साधुओं को सम्मानित किया गया। जिसके बाद बिस्मिल संग्रहालय में भी शहीद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसी के साथ आज से बिस्मिल की जन्मस्थली बरवाई गाँव में शहीद पीठ की स्थापना भी की जा रही है। जिसके लिए 12 हजार किलोमीटर से यात्रा कर शहीद कलश को भी आज बरवाई ले जाया गया।बिस्मिल जयंती कार्यक्रम में दोनों ही दलों के जनप्रतिनिधि नदारद रहे।


Body:वीओ - चुनावों के समय में बीजेपी के बड़े बड़े नेता इस धरती को शहीदों की धरती बिस्मिल की धरती कहकर नमन करते हैं। पर उनकी जयंती के दिन एक भी भाजपाई उनके मंदिर या उनकी प्रतिमा पर दिखाई नहीं दिया। वहीं कांग्रेसी जो शहीदों के नमन पर राजनीति करने से कभी नहीं चूकती उसके नेता भी इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। इससे साफ है कि इन नेताओं को देश और उस पर शहीद होने वाले शहीदों की कितनी समझ होगी। इस मौके पर पहुंचे तात्या टोपे के वंशज का भी दुख सामने आया।

बाईट - सुभाष टोपे - तात्याटोपे का प्रापोत्र।


Conclusion:वीओ - मुरैना में शहीद पीठ बनाने के लिए आज से शुरुआत जरूरी हो रही है और वहां पर 50 हजार पौधे लगाए जाने का लक्ष्य भी रखा है। पर यह कितना पूरा हो पाएगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। प्रशासन की तरफ से आज एडीएम जरूर मंदिर पहुंचे गए पर बाकी अधिकारियों में से किसी को भी शहीद की जयंती की याद नहीं आई।

बाईट - विषेन्द्रपाल सिंह - संयोजक।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.