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मुरैना में मॉडल मंडी एक्टका विरोध तेज, व्यापारियों ने बंद की अनिश्चितकालीन खरीदी

मुरैना जिले में भी मॉडल मंडी एक्ट के खिलाफ व्यापारियों ने मंडियों में अनिश्चितकालीन खरीदी बन्द कर दी है. व्यापारियों का कहना है कि जब तक इस एक्ट को सरकार वापस नहीं ले लेती, तब तक मंडियों में खरीदी शुरू नहीं की जाएगी. पढ़िए पूरी खबर...

Traders shut down agricultural produce
व्यापारियों ने बन्द की कृषि उपज मंडी
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Published : Sep 24, 2020, 10:27 PM IST

मुरैना। देश भर में मॉडल मंडी एक्ट को लेकर विभिन्न किसान संगठनों और व्यापारी संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और मॉडल मंडी एक्ट को वापस लेने की मांग की जा रही है. मुरैना जिले में भी मध्य प्रदेश व्यापार मंडल के आह्वान पर सभी कृषि उपज मंडी बंद रहीं. व्यापारियों ने इन मंडियों में अनिश्चितकालीन खरीदी बंद कर दी है. मंडी बोर्ड और जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करा दिया गया है.

व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज मंडी के अंदर तब तक खरीदी की व्यवस्था शुरू नहीं की जाएगी, जब तक मॉडल मंडी एक्ट को सरकार वापस नहीं ले लेती. व्यापारियों ने मांग की है कि मंडी के अंदर होने वाले कागजी कार्रवाई को बंद की जाए और 1.7 प्रतिशत लगने वाले टैक्स को घटाकर 0.5 प्रतिशत किया जाए. साथ ही व्यापारियों का कहना है कि मॉडल मंडी एक्ट से मंडी में बिक्री के लिए अनाज आना बंद हो जाएगा और शासन को लगातार राजस्व का नुकसान होगा.

व्यापारियों को आशंका है कि मॉडल अब मंडी एक्ट से मंडी के बाहर खरीदी भले ही किसान को प्रलोभन देकर की जाए और कीमत अधिक मिले, लेकिन किसान के साथ ठगी और धोखाधड़ी की घटनाएं अधिक होने लगेंगी. जिन पर अंकुश लगाना प्रशासन के लिए मुश्किल होगा. साथ ही उद्योग पतियों को भी सीधा फायदा होने लगेगा और मंडी बोर्ड और मंडी के कर्मचारी धीरे धीरे अपने अस्तित्व को खो देंगे.

मुरैना। देश भर में मॉडल मंडी एक्ट को लेकर विभिन्न किसान संगठनों और व्यापारी संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं और मॉडल मंडी एक्ट को वापस लेने की मांग की जा रही है. मुरैना जिले में भी मध्य प्रदेश व्यापार मंडल के आह्वान पर सभी कृषि उपज मंडी बंद रहीं. व्यापारियों ने इन मंडियों में अनिश्चितकालीन खरीदी बंद कर दी है. मंडी बोर्ड और जिला प्रशासन को ज्ञापन के माध्यम से अवगत करा दिया गया है.

व्यापारियों का कहना है कि कृषि उपज मंडी के अंदर तब तक खरीदी की व्यवस्था शुरू नहीं की जाएगी, जब तक मॉडल मंडी एक्ट को सरकार वापस नहीं ले लेती. व्यापारियों ने मांग की है कि मंडी के अंदर होने वाले कागजी कार्रवाई को बंद की जाए और 1.7 प्रतिशत लगने वाले टैक्स को घटाकर 0.5 प्रतिशत किया जाए. साथ ही व्यापारियों का कहना है कि मॉडल मंडी एक्ट से मंडी में बिक्री के लिए अनाज आना बंद हो जाएगा और शासन को लगातार राजस्व का नुकसान होगा.

व्यापारियों को आशंका है कि मॉडल अब मंडी एक्ट से मंडी के बाहर खरीदी भले ही किसान को प्रलोभन देकर की जाए और कीमत अधिक मिले, लेकिन किसान के साथ ठगी और धोखाधड़ी की घटनाएं अधिक होने लगेंगी. जिन पर अंकुश लगाना प्रशासन के लिए मुश्किल होगा. साथ ही उद्योग पतियों को भी सीधा फायदा होने लगेगा और मंडी बोर्ड और मंडी के कर्मचारी धीरे धीरे अपने अस्तित्व को खो देंगे.

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