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कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई फिर हुए पार्टी से निलंबित, खुलकर सामने आई गुटबाजी

मुरैना जिले में कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई के निलबंन को एक बार फिर से जारी कर दिया है. जिस पर प्रबल प्रताप मावई का कहना है कि उनके इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. यह सब साजिश के तहत किया जा रहा है. पूरे मामले में कांग्रेस भी बीजेपी पर चुटकी लेती नजर आ रही है.

कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई फिर हुए पार्टी से निलंबित
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Published : Jun 13, 2019, 11:52 PM IST

मुरैना। जिले में कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई की पार्टी में वापसी पर घमासान शुरु हो गया है. कुछ दिन पहले ही प्रबत प्रताप मावई की पार्टी में वापसी हुई थी. लेकिन अब एक बार फिर पार्टी ने अपने पुराने आदेश को बदलते हुए उकने कांग्रेस से 6 साल के निष्काषन का फैसला बरकारर रखा है. जिस पर प्रबल प्रताप मावई का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई जनाकारी नहीं मिली है. वही बीजेपी इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस पर गुटबाजी का आरोप लगाते हुए चुटकी लेती नजर आ रही है.

कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई फिर हुए पार्टी से निलंबित

कांग्रेस के प्रवक्ता राजेन्द्र यादव का कहना है कि प्रबल प्रताप मावई की वापसी का फैसला पार्टी ने लिया था. लेकिन अब एक बार फिर उनके निलंबन के फैसले को यथावथ रखा गया है. जबकि उन्होंने पार्टी में किसी भी प्रकार की गुटबाजी होने से इंकार किया है. वही ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उन्होंने कहा कि सिंधिया पार्टी के बड़े नेता है और वो हमेशा कार्यकर्ताओं को लिए काम करते हैं. इस पूरे मामले में प्रबल प्रताप मावई के अनुसार उनके पास एक बार निलंबन की अभी तक कोई अधिकृत सूचना नहीं आई है. उनका कहना है कि यह किसी ने साजिश के तहत वायरल किया है.

पूरे मामले में बीजेपी नेता प्रेमकांत शर्मा ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी अब पूरी तरह से खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के कई अध्यक्ष है, ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी का नेतृत्व करना चाहते हैं तो अन्य जगहों पर अन्य नेता. वही इस पूरे प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार विजय तिवारी कहते है कि कांग्रेस में चल रहा यह खेल बहुत पुराना है. पार्टी में गुटबाजी है.

मुरैना। जिले में कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई की पार्टी में वापसी पर घमासान शुरु हो गया है. कुछ दिन पहले ही प्रबत प्रताप मावई की पार्टी में वापसी हुई थी. लेकिन अब एक बार फिर पार्टी ने अपने पुराने आदेश को बदलते हुए उकने कांग्रेस से 6 साल के निष्काषन का फैसला बरकारर रखा है. जिस पर प्रबल प्रताप मावई का कहना है कि उन्हें इस तरह की कोई जनाकारी नहीं मिली है. वही बीजेपी इस पूरे प्रकरण पर कांग्रेस पर गुटबाजी का आरोप लगाते हुए चुटकी लेती नजर आ रही है.

कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई फिर हुए पार्टी से निलंबित

कांग्रेस के प्रवक्ता राजेन्द्र यादव का कहना है कि प्रबल प्रताप मावई की वापसी का फैसला पार्टी ने लिया था. लेकिन अब एक बार फिर उनके निलंबन के फैसले को यथावथ रखा गया है. जबकि उन्होंने पार्टी में किसी भी प्रकार की गुटबाजी होने से इंकार किया है. वही ज्योतिरादित्य सिंधिया पर उन्होंने कहा कि सिंधिया पार्टी के बड़े नेता है और वो हमेशा कार्यकर्ताओं को लिए काम करते हैं. इस पूरे मामले में प्रबल प्रताप मावई के अनुसार उनके पास एक बार निलंबन की अभी तक कोई अधिकृत सूचना नहीं आई है. उनका कहना है कि यह किसी ने साजिश के तहत वायरल किया है.

पूरे मामले में बीजेपी नेता प्रेमकांत शर्मा ने कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस की गुटबाजी अब पूरी तरह से खुलकर सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस के कई अध्यक्ष है, ग्वालियर-चंबल में ज्योतिरादित्य सिंधिया पार्टी का नेतृत्व करना चाहते हैं तो अन्य जगहों पर अन्य नेता. वही इस पूरे प्रकरण पर वरिष्ठ पत्रकार विजय तिवारी कहते है कि कांग्रेस में चल रहा यह खेल बहुत पुराना है. पार्टी में गुटबाजी है.

Intro:एंकर - मुरैना में कांग्रेस नेता प्रबल प्रताप मावई पार्टी के लिए गले की हड्डी बनते नजर आ रहे हैं। गुटबाजी के फेर में घिरी कांग्रेस 1 दिन पहले मावई का 6 साल का निलंबन निरस्त कर करती है। चार दिन बाद उस आदेश को बदल दिया जाता है। इस आदेश को लेकर बीजेपी कांग्रेस पर चुटकी ले रही है। बीजेपी के अनुसार यह कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी है खेमो में बटी कांग्रेस के बड़े नेताओं की नूरा कुश्ती का नतीजा है, जो उनके कार्यकर्ता एक दूसरे पर जमकर कीचड़ उछाल रहे हैं और पार्टी उनके खिलाफ कोई सख्त फैसला नहीं ले पा रही है।कभी गेंद इस पाले में होती है तो कभी दूसरे पाले में।

वीओ1 - प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से वही हालात बने हुए हैं जो हालात पार्टी के अंदर पहले से है। बड़े नेताओं की नूरा कुश्ती के चलते कांग्रेस पार्टी के फैसले थाली के लोटे की तरह हो गए हैं। कब किस तरह से लुढ़क जाए पता ही नहीं चलता। मुरैना में प्रबल प्रताप मावई के पिता सोबरन सिंह मावई कांग्रेस से विधायक रहे पर उनके निधन के बाद प्रबल प्रताप ने सिंधिया खेमे से हटकर दिग्विजय सिंह खेमे को चुना। जिसके चलते उन्होंने सिंधिया के खिलाफ बयान बाजी की और उन पर कार्रवाई हुई। अब इस पूरे मामले में बीजेपी मजे ले रही है।

बाईट1 - प्रेमकांत शर्मा - भाजपा शहर मंडल अध्यक्ष।
बाईट2 - राजेन्द्र यादव - कांग्रेस प्रवक्ता।


Body:वीओ2 - प्रदेश में कांग्रेस के लिए उनके ही कार्यकर्ता और नेता मुसीबत बने हुए हैं। टिकट बंटवारे का मामला हो, सीएम चुनने का मामला हो,सरकार में मंत्री बनने का मामला हो, हर बात पर नेताओं की खींचतान चल रही है। प्रबल प्रताप मवाई के निष्कासन मैं भी यही वजह है, कि गुटों में बटी कांग्रेस अब किस तरह से आगे बढ़ती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

बाईट - विजय तिवारी - वरिष्ठ पत्रकार।

वीओ3 - इस पूरे मामले में प्रबल प्रताप मावई के अनुसार उनके पास अभी तक कोई अधिकृत सूचना नहीं आई है। कि उनके निलंबन को फिर से बहाल किया गया है। यह किसी ने साजिश के तहत वायरल किया है।

बाईट - प्रबल प्रताप मावई - कांग्रेस नेता।


Conclusion:वीओ4 - निलंबन निरस्त होने के ठीक चार दिन बाद नए आदेश के वायरल होने की बात अधिकृत सूचना ना आने के संकेत दे रहा है। क्या नया आदेश झूठा है,किसी ने जानबूझकर उड़ाया है यह तो आने वाला समय ही बताएगा। पर ये तह है कि ये मामला अभी काग्रेस पार्टी के लिए गले की हड्डी बना रहेगा।
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