मुरैना। मुरैना जिला न्यायालय में शनिवार को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश गोपेश गर्ग की कोर्ट ने डबल मर्डर हत्याकांड के 9 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. मामला नूराबाद थाना क्षेत्र स्थित चुरहेला गांव का है. वर्ष 2015 में सभी आरोपियों ने पंचायत चुनाव की रंजिश पर दो युवक भूरा गुर्जर और प्रेम सिंह गुर्जर की लाठी-फरसा और बंदूक से गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस प्रकरण में शासन की ओर से लोक अभियोजक संदीप मिश्रा द्वारा पैरवी ने की.
लाठी-फरसे मारे, गोलिया भी चलीं : मामले के अनुसार 24 जुलाई 2015 को नूरबाद थाना क्षेत्र स्थित चुरहेला गांव में सरपंच के चुनाव की रंजिश को लेकर भूरा गुर्जर और प्रेम सिंह गुर्जर की हरेंद्र सिंह गुर्जर, भूरा सिंह गुर्जर, मेहताब सिंह गुर्जर, राधेश्याम पटेल गुर्जर, मोनू गुर्जर, गिर्राज गुर्जर, किलेदार गुर्जर, रामनिवास गुर्जर, वीरेंद्र गुर्जर ने लाठी, फरसा और बंदूकों से हमला कर हत्या कर दी थी. इस दौरान फरियादी जगदीश गुर्जर गंभीर रूप से घायल हो गया था. इस मामले में नूराबाद थाना पुलिस ने सभी आरोपियों के विरुद्ध हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.
कोर्ट में 8 साल चला मामला: लगभग 8 वर्ष न्यायालय में मामला चलता रहा, जिस पर शनिवार को चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश गोपेश गर्ग द्वारा फैसला सुनाते हुए उक्त सभी नौ आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इस डबल मर्डर हत्याकांड के मुख्य आरोपी राधेश्याम पटेल मुरैना की राजनीति में अच्छा दबदबा रखता था. उसकी अपने गांव के अलावा आसपास के गांवों में भी धाक थी. यही वजह थी कि, उस पर थाने में करीब 7-8 मामले दर्ज होने के बाद भी किसी में भी सजा नहीं हुई थी.
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पुलिस की भूमिका पक्षपात वाली रही : बताते हैं कि इस डबल मर्डर हत्याकांड के मामले में भी तत्कालीन एएसपी रघुवंश सिंह भदौरिया ने जांच के बाद क्लीन चिट दे दी थी, लेकिन कोर्ट ने इस जांच को खारिज करते हुए उसे इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी माना था. आज सुनवाई के दौरान चतुर्थ लपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट ने अन्य आरोपियों के साथ राधेश्याम पटेल को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई.