मुरैना। चंबल में बेटियों को कभी अभिशाप माना जाता था, लेकिन अब वही बेटियां चंबल के साथ प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं. मुरैना की बेटी दीप्ति सिंघल ने जिले का नाम रोशन किया है. मध्यप्रदेश के राज्य स्तरीय ताइक्वांडो चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर उसने अपनी प्रतिभा को साबित किया है. ताईक्वांडो सेल्फ डिफेंस अकेडमी कैलारस की दीप्ति सिंघल ने रायसेन में 13 से 15 जनवरी तक आयोजित राज्यस्तरीय ताइक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता. यह प्रतियोगिता शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित कराई गई.
कैलारस का नाम चमका : कैलारस कस्बे के पवन सिंघल की बेटी दीप्ति सिंघल ने रायसेन में कैलारस का नाम रोशन किया है. दीप्ति सिंघल के नगर आगमन पर जौरा एवं ऑक्सफोर्ड हाईस्कूल एमएस रोड से ताइक्वांडो सेल्फडिफेंस एकेडमी तक भव्य रैली एवं स्वागत किया गया. इस अवसर पर जौरा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह सिकरवार ने उनके घर पहुंच कर दीप्ति को पुष्प एवं गणेश जी की तस्वीर देकर सम्मान किया. दीप्ति ने अपनी सफलता के पीछे अपने कोच मास्टर राहुल गुप्ता एवं अपने माता-पिता एवं अपने भाई सनी सिंघल का नाम बताया.
सफलता का श्रेय दिया इनको : दीप्त ने निरंतर प्रयास, मेहनत और अपनी सफलता का श्रेय कोच मास्टर राहुल गुप्ता एवं अपने माता-पिता और अपनी भाई सनी सिंघल को दिया. उन्होंने बताया कि मैं प्रतिदिन कोच राहुल गुप्ता की मार्गदर्शन में ट्रेनिंग करती थी और वह ट्रेनिंग आज माता-पिता के आशीर्वाद से सफल हुई. राज्य स्तरीय कराटे चैंपियनशिप में दीप्ति सिंघल की जीत पर प्रदेश ही नहीं बल्कि उसका परिवार भी गौरवान्वित है. दीप्ति के पिता पवन सिंघल ने बताया कि पूरा मुरैना जिला बेटी पर गौरवान्वित महसूस कर रहा है.
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हिफाजत के लिए शुरू किया था : दीप्ति सिंघल ने बताया कि सेल्फ डिफेंस के मकसद से कराटे सीखना शुरू किया था. खुद की हिफाजत के मकसद से रिंग में उतरने वाली दीप्ति सिंघल धीरे-धीरे प्रदेश स्तरीय खिलाड़ी बन गई. दीप्ति सिंघल के पिता पवन सिंघल ने बताया कि वह अभी तो प्रदेश स्तरीय प्रतिस्पर्धा में भाग लिया है और गोल्ड मेडल प्राप्त किया लेकिन वह आगे जाकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा खेलने लिए तैयार हैं. बता दें की दीप्ति के पिता दुकान चलाते हैं और मां गृहिणी हैं.