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Chambal Hadsa: चंबल नदी से सातवां शव भी बरामद, तलाशी अभियान खत्म, 18 मार्च को बह गए थे 7 लोग - तलाशी अभियान खत्म

मध्यप्रदेश के शिवपुरी से 18 मार्च को पदयात्रा कर राजस्थान स्थित करौली माता मंदिर दर्शन करने निकले 17 लोग चंबल नदी में डूब गए थे. इनमें से 10 लोग तैरकर नदी से बाहर सुरक्षित आने में कामयाब हो गए. दुर्भाग्य से 7 लोगों के लिए यह हादसा काल बनकर आया. ये सभी नदी के बहाव में बह गए थे. तीन दिन चली मशक्कत के बाद इन सातों लोगों के शव नदी से बरामद किए गए हैं.

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नदी से निकाला गया आखिरी शव
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Published : Mar 20, 2023, 6:50 AM IST

Updated : Mar 20, 2023, 4:08 PM IST

सभी लापता लोगों के शव मिले

मुरैना। जिले के रायडी-राधेन चंबल घाट पर शनिवार को हुए हादसे के बाद एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने करीब तीन दिन की सर्चिंग के बाद सोमवार दोपहर तक लापता सभी सातों लोगों के शव नदी से बाहर निकाल लिए हैं. पुलिस के अनुसार, एमपी-यूपी और राजस्थान की कुल 18 टीमों ने नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर इन सभी लोगों की तलाश की, लेकिन सातों में से किसी की जिंदगी बचाई नहीं जा सकी.

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चंबल नदी से सातों शव निकाले गए

घटनास्थल से 5 किलोमीटर दूर मिला आखिरी शव: नदी में चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान सोमवार दोपहर को आखिरी शव मिला. रेस्क्यू टीम के मुताबिक, 18 मार्च को नदी में बहे इस बच्चे का शव घटना स्थल से 5 कि.मी. दूर बरामद हुआ. इससे पहले सोमवार सुबह एक और शव पानी से निकाला गया था. जबकि NDRF और गोताखोरों की टीमों ने 2 शव शनिवार को ही निकाल लिए थे. वहीं, रविवार को 3 शव और बरामद कर लिया था. चंबल नदी में मगरमच्छों की संख्या अच्छी-खासी है इसलिए दिन के उजाले में ही रेस्क्यू तेज गति से चलाया जा रहा था. अंधेरा होते ही रेस्क्यू धीमा कर दिया जाता था.

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NDRF व गोताखोरों का सर्चिंग अभियान खत्म

रायडी-राधेन चंबल घाट पर हादसा: मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर शनिवार की सुबह 7 बजे नदी क्रॉस करते समय 17 श्रद्धालु चंबल के पानी में बह गए थे. इनमें से 10 लोग किसी तरह से पानी में गोते खाते हुए एमपी और राजस्थान की ओर घाटों से लगकर सुरक्षित बाहर निकल आए थे, जबकि 7 लोग पानी में समा गए थे. पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत NDRF और गोताखोरों की टीम बुलाकर मिसिंग लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया था.

रेस्क्यू के लिए 18 टीमें नदी में उतरी थीं: NDRF और गोताखोरों की टीम ने चंबल नदी में रेस्क्यू कर शनिवार देर रात तक 2 शव पानी से बाहर निकाल लिए थे. लापता 5 लोगों की तलाश करने रविवार की सुबह श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना, ग्वालियर, करौली और गाजियाबाद से आई NDRF की टीमें 8 बोट में सवार होकर चंबल नदी में उतरी थीं. इसके अलावा स्थानीय और प्रशिक्षित गोताखोरों की 10 टीमों को ट्यूब की मदद से जाल लेकर चंबल में उतारा गया था. इस प्रकार एनडीआरएफ और गोताखोरों सहित कुल 18 टीमें चंबल नदी में रायडी-राधेन घाट से 25 किलोमीटर दूर अटार घाट तक सर्चिंग कर रही थीं.

Also Read: हादसों से जुड़ी इन खबरों पर भी डालें एक नजर

दर्शन करने करौली माता मंदिर जा रहे थे : SDOP गुरुवचन सिंह ने बताया, ''शनिवार की सुबह रायडी-राधेन चम्बल घाट पर हुए हादसे में 7 लोग लापता हुए थे. रेस्क्यू टीमों ने सभी 7 शव बरामद कर लिए हैं. मृतकों में 4 महिलाएं, 2 पुरुष और एक बच्चा शामिल हैं''. बता दें कि शिवपुरी के रहने वाले कुशवाह समाज के लोग पदयात्रा कर राजस्थान स्थित करौली माता मंदिर दर्शन करने जा रहे थे. इसी दौरान यह हादसा हो गया.

सभी लापता लोगों के शव मिले

मुरैना। जिले के रायडी-राधेन चंबल घाट पर शनिवार को हुए हादसे के बाद एनडीआरएफ और गोताखोरों की टीम ने करीब तीन दिन की सर्चिंग के बाद सोमवार दोपहर तक लापता सभी सातों लोगों के शव नदी से बाहर निकाल लिए हैं. पुलिस के अनुसार, एमपी-यूपी और राजस्थान की कुल 18 टीमों ने नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर इन सभी लोगों की तलाश की, लेकिन सातों में से किसी की जिंदगी बचाई नहीं जा सकी.

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चंबल नदी से सातों शव निकाले गए

घटनास्थल से 5 किलोमीटर दूर मिला आखिरी शव: नदी में चलाए जा रहे तलाशी अभियान के दौरान सोमवार दोपहर को आखिरी शव मिला. रेस्क्यू टीम के मुताबिक, 18 मार्च को नदी में बहे इस बच्चे का शव घटना स्थल से 5 कि.मी. दूर बरामद हुआ. इससे पहले सोमवार सुबह एक और शव पानी से निकाला गया था. जबकि NDRF और गोताखोरों की टीमों ने 2 शव शनिवार को ही निकाल लिए थे. वहीं, रविवार को 3 शव और बरामद कर लिया था. चंबल नदी में मगरमच्छों की संख्या अच्छी-खासी है इसलिए दिन के उजाले में ही रेस्क्यू तेज गति से चलाया जा रहा था. अंधेरा होते ही रेस्क्यू धीमा कर दिया जाता था.

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NDRF व गोताखोरों का सर्चिंग अभियान खत्म

रायडी-राधेन चंबल घाट पर हादसा: मुरैना जिले की सबलगढ़ तहसील के रायडी-राधेन घाट पर शनिवार की सुबह 7 बजे नदी क्रॉस करते समय 17 श्रद्धालु चंबल के पानी में बह गए थे. इनमें से 10 लोग किसी तरह से पानी में गोते खाते हुए एमपी और राजस्थान की ओर घाटों से लगकर सुरक्षित बाहर निकल आए थे, जबकि 7 लोग पानी में समा गए थे. पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत NDRF और गोताखोरों की टीम बुलाकर मिसिंग लोगों की तलाश के लिए अभियान शुरू कर दिया था.

रेस्क्यू के लिए 18 टीमें नदी में उतरी थीं: NDRF और गोताखोरों की टीम ने चंबल नदी में रेस्क्यू कर शनिवार देर रात तक 2 शव पानी से बाहर निकाल लिए थे. लापता 5 लोगों की तलाश करने रविवार की सुबह श्योपुर, शिवपुरी, मुरैना, ग्वालियर, करौली और गाजियाबाद से आई NDRF की टीमें 8 बोट में सवार होकर चंबल नदी में उतरी थीं. इसके अलावा स्थानीय और प्रशिक्षित गोताखोरों की 10 टीमों को ट्यूब की मदद से जाल लेकर चंबल में उतारा गया था. इस प्रकार एनडीआरएफ और गोताखोरों सहित कुल 18 टीमें चंबल नदी में रायडी-राधेन घाट से 25 किलोमीटर दूर अटार घाट तक सर्चिंग कर रही थीं.

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दर्शन करने करौली माता मंदिर जा रहे थे : SDOP गुरुवचन सिंह ने बताया, ''शनिवार की सुबह रायडी-राधेन चम्बल घाट पर हुए हादसे में 7 लोग लापता हुए थे. रेस्क्यू टीमों ने सभी 7 शव बरामद कर लिए हैं. मृतकों में 4 महिलाएं, 2 पुरुष और एक बच्चा शामिल हैं''. बता दें कि शिवपुरी के रहने वाले कुशवाह समाज के लोग पदयात्रा कर राजस्थान स्थित करौली माता मंदिर दर्शन करने जा रहे थे. इसी दौरान यह हादसा हो गया.

Last Updated : Mar 20, 2023, 4:08 PM IST
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