मुरैना। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा स्थापित की गई जल परीक्षण प्रयोगशाला देश में नंबर वन रैंकिंग हासिल करने में सफल हुई है. भारत सरकार और जेजेएम द्वारा जारी मापदंडों पर खरी उतरने वाली प्रयोगशालाओं में शुमार हो गई है.
आम नागरिकों को दूषित पेयजल से होने वाली बीमारियों से बचाया जा सके, इसके लिए हर जिला स्तर पर जल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित की गई. जो समय-समय पर हर क्षेत्र और ग्राम पंचायत स्तर पर पेयजल का परीक्षण कर सरकार और जिला प्रशासन को अवगत कराती है, ताकि पानी में बढ़ने वाले हानिकारक तत्व को नियंत्रित कर आम नागरिकों को स्वच्छ व शुद्ध जल पीने के लिए प्राप्त हो सके.
भारत सरकार और जेजेएम के द्वारा निर्धारित मापदंड पीआईएस-10-500 के तहत संचालित होने वाली लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग मुरैना जल परीक्षण प्रयोगशाला सरकार द्वारा दिए गए मापदंडों के अनुसार 1 साल में 3600 से अधिक पेयजल सैंपलों का परीक्षण कर समय-समय पर शुद्ध पेयजल की आवश्यकतानुसार रिपोर्ट जिला प्रशासन और सरकार को देती है.
मुरैना जल परीक्षण प्रयोगशाला के केमिस्ट पवन वार्ष्णेय के अनुसार मुरैना प्रयोगशाला देश की जल परीक्षण प्रयोगशालाओं में प्रथम रैंकिंग हासिल कर चुकी है. मुरैना जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध जल स्रोत जैसे हैंडपंप नल जल योजना, खुले कुएं और अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों की समय-समय पर जांच कर शासन को अवगत कराती है.
जांच रिपोर्टों से अंचल के लोगों के लिए एक और सुखद खबर है, कि अंचल को प्राकृतिक स्रोतों से मिलने वाले पेयजल पूरी तरह शुद्ध और मानकों के अनुरूप हैं. जिससे आम आदमी को होने वाली अनेक बीमारी, जो त्वचा, लीवर और पेट से संबंधित होती हैं, ऐसी बीमारियां फैलने का अब डर नहीं है.