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Morena Tribals Houses Demolish: वन विभाग ने आदिवासियों के घर किए जमीदोंज, महिलाएं बोली-रक्षा बंधन से पहले मामा ने किया बेघर, अब कहां जाएं - मुरैना में आदिवासियों के घर जमीदोंज

मुरैना जिले के करहधाम में फॉरेस्ट विभाग ने 20 अदिवासियों के घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई की. कार्रवाई के विरोध के दौरान कई महिलाएं घायल हो गईं. महिलाओं का आरोप है कि विभाग ने कार्रवाई करने की पहले से सूचना नहीं दी, जिससे उन्हें घरेलू सामान बाहर निकालने का भी मौका नहीं मिला. पीड़ित आदिवासियों ने एसडीएम से शिकायत की है.

Tribal houses demolished in Morena
मुरैना में आदिवासियों के घर चला बुलडोजर
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 10:29 AM IST

Updated : Aug 27, 2023, 11:03 AM IST

मुरैना में आदिवासियों के घर चला बुलडोजर

मुरैना। मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक ओर गरीब कल्याण के विकास और बेघर व भूमिहीनों को आवास उपलब्ध करवाने की बात करते हैं. तो वहीं दूसरी ओर सरकारी नुमाइंदे अपने ओहदे का रुतबा दिखाते हुए गरीब आदिवासियों के आशियाने उजाड़ रहे हैं. जी हां, ऐसा ही एक मामला मुरैना जिले के करहधाम के जंगल में सामने आया है. फॉरेस्ट विभाग ने बुलडोजर चलाकर 20 अदिवासी परिवारों के घर उजाड़ दिए. इस दौरान कुछ महिलाओं के घायल होने की भी खबर है. इस कार्रवाई से दुखी होकर अदिवासी पुरुष, महिला और बच्चों को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे. एसडीएम ने दो दिन में जमीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. तो वहीं आदिवासी मदद न मिलने पर जिला छोड़ने की बात कह रहे हैं.

Tribal houses demolished in Morena
मुरैना में आदिवासियों के घरों को तोड़ा

SDM ऑफिस पहुंचे पीड़ित आदिवासी: जानकारी के अनुसार, शनिवार की दोपहर करीब 3 बजे एक सैकड़ा की संख्या में आदिवासी पुरुष-महिला अपने-अपने बच्चों को लेकर मुरैना में एसडीएम कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने एसडीएम को अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि, ''वे मुरैना तहसील के अंतर्गत आने वाली धनेला पंचायत के करहधाम बाबा का पुरा पर विगत तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं. यहां पर उनके समाज के करीब 250 परिवार निवास करते हैं. जिस जगह पर उनके घर वन हुए हैं, वह फॉरेस्ट विभाग के अधीन आती है. कुछ लोगों ने यहां पर पक्के मकान बना लिए है, तो कुछ लोग अभी भी झोपड़ियों में रह रहे हैं.''

Tribal houses demolished in Morena
पीड़ितों ने की एसडीएम से शिकायत

विरोध के दौरान महिलाएं घायल: लोगों ने बताया कि रोजाना की तरह शनिवार की सुबह वे अपने-अपने घरों में काम कर रहे थे, तभी फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंच गए. अधिकारियों ने महिला और बच्चों को बाहर निकलने की बात कहते हुए घरों पर बुलडोजर चलना शुरू कर दिया. यह कार्रवाई इतनी जल्दबाजी में कई गई कि उनको अपना घरेलू सामान निकालने तक का मौका तक नहीं मिला. अधिकारियों ने कुछ ही मिनटों में बुलडोजर से 20 घरों को तोड़ दिया. इस दौरान कार्रवाई के बीच में आई कुछ महिलाएं घायल हो गईं.

Tribal houses demolished in Morena
मुरैना में आदिवासियों के घरों को तोड़ा

यही है राखी का गिफ्ट: अदिवासी महिला सावित्री बाई का कहना है कि, ''मामा ने त्योहार से पहले ही उनके घर उजाड़ दिए. इससे करीब एक सैकड़ा लोग बेघर हो गए हैं. अब वे अपने बच्चों को लेकर कहां जाए. '' उन्होंने एसडीएम से आवास उपलब्ध करवाने की मांग की है. आदिवासी पप्पू ने बताया कि ''एक तरफ प्रदेश के मुखिया गरीब और आदिवासियों को घर दिलाने और उनको बसाने की बात कह रहे हैं, दूसरी तरफ उन्हीं के लोग हम गरीबों को बेघर कर रहे हैं.'' सावित्री बाई ने कहा कि ''मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राखी के त्यौहार पर में अपनी बहनों को तोहफा दूंगा, यही है उनका तोहफा.''

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डीएफओ बोले-पहले से दी गई थी सूचना: जब पीड़ित आदिवासी एसडीएम से मिले तो एसडीएम भूपेंद्र कुशवाह ने उनसे पूरी बात सुनी, फिर उन्होंने पीड़ितों से कहा कि ये मामला तो वन विभाग का है. उसके बावजूद एसडीएम ने आदिवासियों को दो तीन दिन में जमीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. इस मामले में डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि ''धनेला रेंज में विगत 15 दिन से कुछ अदिवासी लोग वन भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे थे. कार्रवाई से दो दिन पहले उनको सूचना दी गई थी. शनिवार सुबह बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण के प्रयास को विफल कर दिया गया.तीन पीढ़ियों से रहने वाली बात गलत है. यदि ऐसा होता तो, इनके पास वन अधिकार पट्टे होने चाहिए थे. घरों के अंदर कोई सामान भी नहीं था, ये लोग गलत बोल रहे हैं."

मुरैना में आदिवासियों के घर चला बुलडोजर

मुरैना। मध्य प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान एक ओर गरीब कल्याण के विकास और बेघर व भूमिहीनों को आवास उपलब्ध करवाने की बात करते हैं. तो वहीं दूसरी ओर सरकारी नुमाइंदे अपने ओहदे का रुतबा दिखाते हुए गरीब आदिवासियों के आशियाने उजाड़ रहे हैं. जी हां, ऐसा ही एक मामला मुरैना जिले के करहधाम के जंगल में सामने आया है. फॉरेस्ट विभाग ने बुलडोजर चलाकर 20 अदिवासी परिवारों के घर उजाड़ दिए. इस दौरान कुछ महिलाओं के घायल होने की भी खबर है. इस कार्रवाई से दुखी होकर अदिवासी पुरुष, महिला और बच्चों को लेकर एसडीएम कार्यालय पहुंचे. एसडीएम ने दो दिन में जमीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. तो वहीं आदिवासी मदद न मिलने पर जिला छोड़ने की बात कह रहे हैं.

Tribal houses demolished in Morena
मुरैना में आदिवासियों के घरों को तोड़ा

SDM ऑफिस पहुंचे पीड़ित आदिवासी: जानकारी के अनुसार, शनिवार की दोपहर करीब 3 बजे एक सैकड़ा की संख्या में आदिवासी पुरुष-महिला अपने-अपने बच्चों को लेकर मुरैना में एसडीएम कार्यालय पहुंचे. यहां पर उन्होंने एसडीएम को अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि, ''वे मुरैना तहसील के अंतर्गत आने वाली धनेला पंचायत के करहधाम बाबा का पुरा पर विगत तीन पीढ़ियों से रह रहे हैं. यहां पर उनके समाज के करीब 250 परिवार निवास करते हैं. जिस जगह पर उनके घर वन हुए हैं, वह फॉरेस्ट विभाग के अधीन आती है. कुछ लोगों ने यहां पर पक्के मकान बना लिए है, तो कुछ लोग अभी भी झोपड़ियों में रह रहे हैं.''

Tribal houses demolished in Morena
पीड़ितों ने की एसडीएम से शिकायत

विरोध के दौरान महिलाएं घायल: लोगों ने बताया कि रोजाना की तरह शनिवार की सुबह वे अपने-अपने घरों में काम कर रहे थे, तभी फॉरेस्ट विभाग के अधिकारी बुलडोजर लेकर पहुंच गए. अधिकारियों ने महिला और बच्चों को बाहर निकलने की बात कहते हुए घरों पर बुलडोजर चलना शुरू कर दिया. यह कार्रवाई इतनी जल्दबाजी में कई गई कि उनको अपना घरेलू सामान निकालने तक का मौका तक नहीं मिला. अधिकारियों ने कुछ ही मिनटों में बुलडोजर से 20 घरों को तोड़ दिया. इस दौरान कार्रवाई के बीच में आई कुछ महिलाएं घायल हो गईं.

Tribal houses demolished in Morena
मुरैना में आदिवासियों के घरों को तोड़ा

यही है राखी का गिफ्ट: अदिवासी महिला सावित्री बाई का कहना है कि, ''मामा ने त्योहार से पहले ही उनके घर उजाड़ दिए. इससे करीब एक सैकड़ा लोग बेघर हो गए हैं. अब वे अपने बच्चों को लेकर कहां जाए. '' उन्होंने एसडीएम से आवास उपलब्ध करवाने की मांग की है. आदिवासी पप्पू ने बताया कि ''एक तरफ प्रदेश के मुखिया गरीब और आदिवासियों को घर दिलाने और उनको बसाने की बात कह रहे हैं, दूसरी तरफ उन्हीं के लोग हम गरीबों को बेघर कर रहे हैं.'' सावित्री बाई ने कहा कि ''मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि राखी के त्यौहार पर में अपनी बहनों को तोहफा दूंगा, यही है उनका तोहफा.''

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डीएफओ बोले-पहले से दी गई थी सूचना: जब पीड़ित आदिवासी एसडीएम से मिले तो एसडीएम भूपेंद्र कुशवाह ने उनसे पूरी बात सुनी, फिर उन्होंने पीड़ितों से कहा कि ये मामला तो वन विभाग का है. उसके बावजूद एसडीएम ने आदिवासियों को दो तीन दिन में जमीन उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया है. इस मामले में डीएफओ स्वरूप दीक्षित का कहना है कि ''धनेला रेंज में विगत 15 दिन से कुछ अदिवासी लोग वन भूमि पर अतिक्रमण करने का प्रयास कर रहे थे. कार्रवाई से दो दिन पहले उनको सूचना दी गई थी. शनिवार सुबह बुलडोजर चलाकर अतिक्रमण के प्रयास को विफल कर दिया गया.तीन पीढ़ियों से रहने वाली बात गलत है. यदि ऐसा होता तो, इनके पास वन अधिकार पट्टे होने चाहिए थे. घरों के अंदर कोई सामान भी नहीं था, ये लोग गलत बोल रहे हैं."

Last Updated : Aug 27, 2023, 11:03 AM IST
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