मुरैना। दिमनी से कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र सिंह तोमर ने आरोप लगाया कि चुनाव में हुई धांधली को प्रशासन व पुलिस के अधिकारी मूक होकर देखते रहे. चुनाव पर्वेक्षक ने भी कार्रवाई का साहस नहीं जुटाया. मतदान के दिन दोपहर 12 बजे के बाद तो भाजपा के लोगों ने कई पोलिंग को डंप करके खुद वोटिंग की. भाजपा ने अपना इकतरफा वोट डलवाए. पूरे चुनाव में मुरैना पुलिस अधीक्षक ने भाजपा का एजेंट बनकर काम किया है और लगातार फोन लगाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की. कांग्रेस प्रत्याशी ने इस धांधली को लेकर हाई कोर्ट जाने की चेतावनी दी है. बता दें कि यहां से बीजेपी प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं.
मतदान से 4 दिन पहले की शिकायतें : विधायक रविंद्र सिंह तोमर ने अपने निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि हमने रिटर्निग आफिसर से लेकर पुलिस के आला अफसरों से 13 नवंबर को लिखित शिकायत की थी और कहा कि दिमनी की 97 पोलिंगों को अतिसंवेदनशील घोषित कर वहां बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स तैनात किया जाए. जिससे भाजपा द्वारा लगाए अपराधी बेनकाब हो सकें और गरीब व कमजोर वर्ग के लोग मतदान करने घर से मतदान केंद्र तक पहुंच सकें, लेकिन प्रशासन व पुलिस ने उनकी लिखित शिकायत पर मतदान होने के एक दिन पहले तक कोई कार्रवाई नहीं की. नतीजतन 262 में से 100 पोलिंग को अपने कब्जे में लेकर भाजपा के लोगों ने फर्जी मतदान कराया.
कहने के बाद भी फोर्स नहीं बढ़ाई : कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा कि 16 नवंबर को कलेक्टर व एसपी से दिमनी के 97 मतदान केंद्रों पर फोर्स बढ़ाकर लगाने की मांग की, लेकिन उसे किसी ने सुना नहीं. दिमनी विधानसभा क्षेत्र के 9 मोस्टवांटेड अपराधियों को चुनाव प्रभावित इलाके से बाहर करने गिरफ्तार करने के लिए लिखित शिकायत की, लेकिन कलेक्टर ने पुलिस के प्रस्ताव पर उन अपराधियों को जिलाबदर करने के आदेश जारी नहीं किए, क्योंकि प्रशासन व पुलिस भाजपा के दबाव में काम कर रहे थे.
ALSO READ: |
एक भी मांग नहीं मानी : इस मामले में दिमनी क्षेत्र के थाना प्रभारी बार-बार यह कहते रहे कि उन्होंने अपने स्तर से अपराधियों के जिलाबदर के प्रस्ताव एसपी कार्यालय भेज दिए हैं. निर्वाचन आयोग से लिखित शिकायत की थी कि मुरैना के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, एसडीजीपी अंबाह समेत माताबसैया, सिहांनियां, दिमनी व अंबाह के थाना प्रभारियों को तत्काल प्रभाव से बदला जाए, लेकिन उनकी मांग नहीं सुनी गई.